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Last updated on Mar 25, 2025

Latest संदेह MCQ Objective Questions

संदेह Question 1:

उपमेय में उपमान के संशय को पैदा करने वाला अलंकार है ?

  1. यमक
  2. श्लेष
  3. उपमा
  4. संदेह

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : संदेह

संदेह Question 1 Detailed Solution

उपमेय में उपमान के संशय को पैदा करने वाला अलंकार है - संदेह

Key Points

  • कविता या गद्य में उपमेय (जिसकी तुलना की जा रही है) और उपमान (जिससे तुलना की जा रही है) के बीच ऐसा प्रियंवचन लिखा जाता है
    • जिससे दोनों के बीच परिचयात्मक सम्बन्ध में संशय उत्पन्न हो।
  • जहाँ किसी वस्तु को देखकर संशय बना रहे, निश्चय न हो वह संदेह अलंकार कहते है।
  • उदाहरण-
    • कहहिं सप्रेम एक एक पाहीं।
    • राम-लखन सखि। होहिं कि नाहीं।।
  • (यहाँ भरत-शत्रुघ्न को देखकर ग्रामों की स्त्रियों को, सादृश्य के कारण, उनके राम-लक्ष्मण होने का संदेह होता है।)

Additional Information

यमक:-

  • जब एक ही शब्द ज्यादा बार प्रयोग हो, पर हर बार अर्थ अलग-अलग आये वहाँ पर यमक अलंकार होता है। 

उदाहरण -

  • तीन बेर खाती थी, वह तीन बेर खाती है। 
  • (यहाँ ‘बेर’ शब्द का दो बार प्रयोग हुआ है। पहली बार तीन ‘बेर’ दिन में तीन बार खाने की तरफ संकेत कर रहा है तथा दूसरी बार तीन ‘बेर’ का मतलब है तीन फल।)

श्लेष:-

  • श्लेष का अर्थ है चिपकाना,
  • जहां शब्द तो एक बार प्रयुक्त किया जाए पर उसके एक से अधिक अर्थ निकले वहाँ श्लेष अलंकार होता है।

उदाहरण-

  • सुबरन को ढूँढत फिरत कवि, व्यभिचारी, चोर।
  • (इस दोहे में सुबरन शब्द के तीन अर्थ है। कवि 'सुबरन' अर्थात् अच्छे शब्द, व्यभिचारी 'सुबरन' अर्थात् अच्छा रूप-रंग और चोर भी 'सुबरन' अर्थात् स्वर्ण ढूंढ रहा है।)

उपमा:-

  • जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण, आकृति, स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए, तब वहां उपमा अलंकर होता है।

उदाहरण-

  • नील गगन-सा शांत हृदय था हो रहा।
  • (इस वाक्य में हृदय की तुलना नीले आसमान से की गई है।)

संदेह Question 2:

निम्नलिखित चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें, जो दिए गए पद्य के उचित अलंकार रूप का सबसे अच्छा विकल्प है।

यह काया है या शेष उसी की छाया, क्षण भर उनकी नहीं कुछ समझ में आया।

  1. अनुप्रास अलंकार
  2. उपमा अलंकार 
  3. उत्प्रेक्षा अलंकार
  4. संदेह अलंकार
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : संदेह अलंकार

संदेह Question 2 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 4 संदेह अलंकारहै। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर होंगे।

स्पष्टीकरण:

‘यह काया है या शेष उसी की छाया, क्षण भर उनकी नहीं कुछ समझ में आया।’ इस काव्य पंक्ति में ‘संदेह अलंकार’ होगा। इसलिए विकल्प 4 इसका सही उत्तर है।

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

संदेह अलंकार

जब किसी पद में समानता के कारण उपमेय में उपमान का सन्देह उत्पन्न हो जाता है और यह सन्देह अन्त तक बना रहता है तो वहाँ सन्देह अलंकार माना जाता है।

वन देवी समझूँ तो वह होती है भोली भाली,

तुम्ही बताओ अतः कौन तुम, हे रमणी! रहस्यवाली।

 

विशेष:

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

अनुप्रास

जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है।

चारु चंद्र की चंचल किरणें,

खेल रही थी जल थल में

उपमा

जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूसरी वस्तु या प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है।

सागर-सा गंभीर हृदय हो,

गिरि-सा ऊंचा हो जिसका मन।

उत्प्रेक्षा

जहां समानता के कारण उपमेय में संभावना या कल्पना की जाए, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।

सोहत ओढ़े पीत पट, स्याम सलोने गात। मनहुँ नीलमनि सैल पर, आतप परयौ प्रभात।

संदेह Question 3:

उपमेय में उपमान के संशय को पैदा करने वाला अलंकार है ?

  1. यमक
  2. श्लेष
  3. उपमा 
  4. संदेह

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : संदेह

संदेह Question 3 Detailed Solution

उपमेय में उपमान के संशय को पैदा करने वाला अलंकार है- संदेह

Key Pointsसंदेह अलंकार-

  • जहाँ पर किसी व्यक्ति या वस्तु को देखकर संशय बना रहे वहाँ संदेह अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • सारी बीच नारी है कि नारी बीच सारी है।
      सारी ही की नारी है कि नारी ही की सारी है।

Important Pointsश्लेष अलंकार-

  • ​जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं,तब श्लेष अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • चरण धरत चिंता करत, चितवत चारहु ओर।
      सुबरन को खोजत फिरत, कवि, व्यभिचारी, चोर।
  • यहाँ सुबरन का प्रयोग एक बार किया गया है,किन्तु पंक्ति में प्रयुक्त सुबरन शब्द के तीन अर्थ हैं,कवि के सन्दर्भ में सुबरन का अर्थ अच्छे शब्द,व्यभिचारी के सन्दर्भ में सुबरन अर्थ सुन्दर वर,चोर के सन्दर्भ में सुबरन का अर्थ सोना है।
  • श्लेष अलंकार के दो भेद होते हैं-
    • सभंग श्लेष
    • अभंग श्लेष

उपमा अलंकार-

  • जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण,आकृति,स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए,तब वहां उपमा अलंकर होता है।
  • उपमा अलंकार में एक वस्तु या प्राणी कि तुलना दूसरी प्रसिद्ध वस्तु के साथ की जाती है।
  • उदाहरण-
    • हरि पद कोमल कमल। 
    • उदाहरण में हरि के पैरों कि तुलना कमल के फूल से की गयी है। 

यमक अलंकार-

  • जब एक शब्द प्रयोग दो बार होता है और दोनों बार उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं तब यमक अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी, ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहाती हैं।

संदेह Question 4:

आई है वीरता तपोवन में, क्या पुण्य कमाने को?

या संन्यास साधना में है, दैहिक शक्ति जगाने को?

उक्त पंक्तियों में अलंकार है-

  1. भ्रांतिमान 
  2. उत्प्रेक्षा
  3. संदेह 
  4. उदाहरण

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : संदेह 

संदेह Question 4 Detailed Solution

सही विकल्प संदेह है। अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points

  •  प्रस्तुत पंक्तियाँ रामधारी सिंह दिनकर कृत रश्मिरथी द्वितीय सर्ग भाग 2 से है। 
  • जब किसी वस्तु में किसी अन्य वस्तु का संदेह हो जाता है वहाँ संदेह अलंकार होता है। 
  • रश्मिरथी एक खंडकाव्य है।  
पंक्ति  रश्मिरथी  अर्थ 

आई है वीरता तपोवन में, क्या पुण्य कमाने को?

या संन्यास साधना में है, दैहिक शक्ति जगाने को?

जब कर्ण भेस बदलकर परशुराम जी के पास शिक्षा ग्रहण करने जाते है उस द्रश्य को कवि रामधारी सिंह दिनकर द्वारा प्रस्तुत किया है।  

कवि तपस्वी को केंद्र मे रखते हुई तपस्वी के अंदर वीरता आने पर प्रश्न कर रहे है। एक तपस्वी आध्यात्मिक उन्नति पर केंद्रित होता हैऔर उसी के विकास पर ध्यान देता है।सन्यासी साधना मे दैहिक शक्ति का क्या काम?

तपस्वी के गुण और वीरता और दैहिक शक्ति जैसे गुणों के बीच संदेह प्रदर्शित हो रहा है। 

खंडकाव्य रश्मिरथी के विषय मे महत्वपूर्ण बिन्दु-

क्रमांक  रश्मिरथी 
रश्मिरथी एक खंडकाव्य है। 
रश्मि का अर्थ सूर्य की किरण और रथी का अर्थ रथ पर सवार होता है।(कर्ण को ध्यान में रखकर नाम दिया गया)
कुल 7 सर्ग हैं। 
इसे मात्रिक छंद का उपयोग करके लिखा गया है।  

Additional Information अन्य विकल्प-

अलंकार  परिभाषा  पहचान 
उत्प्रेक्षा  जहाँ उपमेय में उपमान होने की संभावना या कल्पना की जाती है, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।  जनु, मनु, इव, मानो, मनो, मनहुँ, आदि
संदेह 

जहाँ किसी वस्तु को देखकर संशय बना रहे, निश्चय न हो वहाँ संदेह अलंकार होता है।

काव्य में जहाँ किसी वस्तु या व्यक्ति को देख कर संशय होने का चमत्कारपूर्ण वर्णन हो वहाँ सन्देह अलंकार होता है।

जहाँ पंक्तियों मे संदेह की स्थिति प्रतीत हो। 

संदेह Question 5:

"कैधौं रितुराज काज, अवनि उसाँस लेत,

किधौं यह ग्रीष्म की, भीषण लुआर है ?

उपर्युक्त काव्यांश किस अलंकार का उदाहरण है ?

  1. भ्रांतिमान
  2. श्लेष
  3. रूपक
  4. संदेह
  5. उत्तर नहीं देना चाहते

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : संदेह

संदेह Question 5 Detailed Solution

सही उत्तर है - "संदेह अलंकार।"

Key Points

"कैधौं रितुराज काज, अवनि उसाँस लेत,

किधौं यह ग्रीष्म की, भीषण लुआर है?"

  • उपरोक्त पंक्तियों का अर्थ - कवि भीषण गर्मी को देख कहता है कि ये "ग्रीष्म ऋतु की भयंकर लू की लपटे है या वसन्त के विरह में पृथ्वी के अन्तस् से निकलती हुई विरह-दुःख की आहें?"
  • यहाँ "ग्रीष्म ऋतु की भयंकर लू की लपटों (उपमेय)" और "पृथ्वी के अन्तस् से निकलती हुई विरह-दुःख की आहों (उपमान)" में समानता के कारण यहाँ संदेह अलंकार है
  • संदेह अलंकार जब किसी पद में समानता के कारण उपमेय में उपमान का संदेह उत्पन्न हो जाता है और यह संदेह अन्त तक बना रहता है तो वहाँ संदेह अलंकार माना जाता है।

उदाहरण - 

  • ’हरि-मुख यह आली! किधौं, कैधौं उयो मयंक ?’ 
  • अर्थ - हे सखी! यह हरि का मुख है या चन्द्रमा उगा है ?
  • व्याख्या -  यहाँ हरि के मुख को देखकर सखी को निश्चय नहीं होता कि यह हरि का मुख है या चन्द्रमा है। हरि के मुख में हरि-मुख और चन्द्रमा दोनों के होने की संभावना दिखायी पड़ती है।

Additional Information

अलंकार परिभाषा उदाहरण विवरण
भ्रांतिमान जब किसी पद में किसी सादृश्य विशेष के कारण उपमेय में उपमान का भ्रम उत्पन्न हो जाता है

ओस बिन्दु चुग रही हंसिनी मोती उनको जान।

हंसिनी को ओस बिन्दुओं (उपमेय) में मोती (उपमान) का भ्रम उत्पन्न हो रहा है
श्लेष जहाँ एक ही शब्द जितनी बार आए उतने ही अलग-अलग अर्थ दे। कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय।
या खाए बौरात नर या पाए बौराय।।
इस पद्य में ‘कनक’ शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है। प्रथम कनक का अर्थ ‘सोना’ और दूसरे कनक का अर्थ-धतूरा है।
रूपक जब गुण की अत्यंत समानता के कारण उपमेय को ही उपमान बता दिया जाए गोपी पद-पंकज पावन कि रज जामे सिर भीजे।  पैरों को कमल ही बता कर भिन्नता समाप्त कर दी है

Top संदेह MCQ Objective Questions

उपमेय में उपमान के संशय को पैदा करने वाला अलंकार है ?

  1. यमक
  2. श्लेष
  3. उपमा 
  4. संदेह

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : संदेह

संदेह Question 6 Detailed Solution

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उपमेय में उपमान के संशय को पैदा करने वाला अलंकार है- संदेह

Key Pointsसंदेह अलंकार-

  • जहाँ पर किसी व्यक्ति या वस्तु को देखकर संशय बना रहे वहाँ संदेह अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • सारी बीच नारी है कि नारी बीच सारी है।
      सारी ही की नारी है कि नारी ही की सारी है।

Important Pointsश्लेष अलंकार-

  • ​जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं,तब श्लेष अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • चरण धरत चिंता करत, चितवत चारहु ओर।
      सुबरन को खोजत फिरत, कवि, व्यभिचारी, चोर।
  • यहाँ सुबरन का प्रयोग एक बार किया गया है,किन्तु पंक्ति में प्रयुक्त सुबरन शब्द के तीन अर्थ हैं,कवि के सन्दर्भ में सुबरन का अर्थ अच्छे शब्द,व्यभिचारी के सन्दर्भ में सुबरन अर्थ सुन्दर वर,चोर के सन्दर्भ में सुबरन का अर्थ सोना है।
  • श्लेष अलंकार के दो भेद होते हैं-
    • सभंग श्लेष
    • अभंग श्लेष

उपमा अलंकार-

  • जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण,आकृति,स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए,तब वहां उपमा अलंकर होता है।
  • उपमा अलंकार में एक वस्तु या प्राणी कि तुलना दूसरी प्रसिद्ध वस्तु के साथ की जाती है।
  • उदाहरण-
    • हरि पद कोमल कमल। 
    • उदाहरण में हरि के पैरों कि तुलना कमल के फूल से की गयी है। 

यमक अलंकार-

  • जब एक शब्द प्रयोग दो बार होता है और दोनों बार उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं तब यमक अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी, ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहाती हैं।

सारी बीच नारी है कि नारी बीच सारी है।

सारी ही की नारी है कि नारी की ही सारी है।I 'में कौन सा अलंकार है?

  1. रूपक अलंकार
  2. अतिशयोक्ति अलंकार
  3. श्लेष अलंकार
  4. संदेह अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : संदेह अलंकार

संदेह Question 7 Detailed Solution

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सारी बीच नारी है कि नारी बीच सारी है।, नारी की ही सारी है कि सारी की ही नारी है।। पंक्ति में संदेह अलंकार है।

  • जहां किसी वस्तु में उसी तरह की किसी अन्य वस्तु  का संदेह हो। वह संदेह अलंकार के अंतर्गत आएगा।
  • उपर्युक्त पंक्ति में नारी और सारी में संदेह किया गया है।
  • उपर्युक्त पंक्ति में नारी और सारी में संदेह होने के कारण यहाँ संदेह अलंकार है।

Additional Information

श्लेष

  • परिभाषा - साहित्य में एक शब्दालंकार जिसमें ऐसे शब्दों का प्रयोग होता है जिनके अनेक अर्थ होते हैं और वे प्रसंगों के अनुसार कई तरह से अलग-अलग घटते हैं
  • वाक्य में प्रयोग - मधुबन की छाती को देखो,मुरझाई कितनी कलियाँ में कलियाँ के दो अर्थ हैं,एक फूलों के खिलने के पहले की अवस्था तथा दूसरा नवयवना के लिए है इसलिए यह श्लेष अलंकार है ।
  • समानार्थी शब्द - श्लेष , श्लेषलंकार
  • लिंग - पुल्लिंग

अतिशयोक्ति

  • परिभाषा - एक अलंकार जिसमें भेद में अभेद, असंबंध में संबंध आदि दिखाकर किसी वस्तु का बहुत बढ़ाकर वर्णन होता है
  • वाक्य में प्रयोग - आदिकालीन कवियों की रचनाएँ अतिशयोक्ति अलंकार से भरी पड़ी हैं ।
  • समानार्थी शब्द - अतिशयोक्ति अलंकार
  • लिंग - स्त्रीलिंग

रूपक अलंकार

  • ‘जब उपमान और उपमेय में अभिन्नता या अभेद दिखाया जाए’
  • जैसे - मैया मैं तो चन्द्र-खिलौना लैहों में चन्द्रमा और खिलौने में समानता न दिखाकर चन्द्र को ही खिलौना बोल दिया गया है।

सारी बीच नारी है कि नारी बीच सारी है।

सारी ही की नारी है कि नारी की ही सारी है।

में कौन सा अलंकार है। सही विकल्प चुनिए?

  1. संदेह अलंकार
  2. भ्रांतिमान अलंकार
  3. अनुप्रास अलंकार
  4. यमक अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : संदेह अलंकार

संदेह Question 8 Detailed Solution

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उपर्युक्त पंक्तियो में संदेह अलंकार है, अन्य विकल्प असंगत है। अत: विकल्प1 ‘संदेह अलंकार’ सही उत्तर होगा।

Key Points

जब उपमेय और उपमान में समता देखकर यह निश्चय नहीं हो पाता कि उपमान वास्तव में उपमेय है या नहीं। जब यह दुविधा बनती है , तब संदेह अलंकार होता है अथार्त जहाँ पर किसी व्यक्ति या वस्तु को देखकर संशय बना रहे वहाँ संदेह अलंकार होता है। यह अलंकार उभयालंकार का भी एक अंग है।

उदाहरण: मद भरे ये नलिन नयन मलीन हैं

अल्प जल में या विकल लघु मीन हैं।

 

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

अनुप्रास अलंकार

जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति होती है।

चारु चन्द्र की चंचल किरणें खेल रही थी जल थल में।

यमक अलंकार

जहाँ एक ही शब्द जितनी बार आए उतने ही अलग-अलग अर्थ दे।

काली ‘घटा’ का घमंड ‘घटा’।

भ्रांतिमान अलंकार

जब एक जैसे दिखाई देने के कारण एक वस्तु को दूसरी वस्तु मान लिया जाता है या समानता के कारण किसी दूसरी वस्तु का भ्रम होता है तब इसे भ्रांतिमान अलंकार कहते हैं।

तोते ने निज ठौर चलाई, जामुन का फल उसे समझ कर॥

की तुम तीन देव में कोऊ?

नर नारायण या की दोऊ? में निम्न में से कौन सा अलंकार है?

  1. संदेह अलंकार
  2. अतिशयोक्ति अलंकार
  3. उपमा अलंकार
  4. उत्प्रेक्षा अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : संदेह अलंकार

संदेह Question 9 Detailed Solution

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उपर्युक्त पंक्तियोंकी तुम तीन देव में कोऊ?, नर नारायण या की दोऊमें संदेह अलंकार है। अन्य विकल्प असंगत है। अतः सही विकल्प संदेह अलंकार है।

विवरण

संदेह अलंकार: रूप-रंग, आदि के सादृश्य से जहाँ उपमेय का संशय बना रहे तो या उपमेय के लिए दिए गए उपमानों में संशय रहे, वहाँ संदेह अलंकार होता है।की तुम तीन देव में को ऊ?, नर नारायण या की दोऊ?इन पंक्तियों मेंसामने उपस्थित होने वाली कौन है, नर, नारायण या त्रिदेवऐसी स्थिति जो संदेह उत्पन्न होती है, इसलिए यहाँ संदेह अलंकार होता है।

अन्य विकल्प

अलंकार

परिभाषा

अतिश्योक्ति

जब किसी व्यक्ति या वस्तु का वर्णन बढ़ा 

चढ़ा किए जाए तो उसे अतिश्योक्ति अलंकार कहते है।

जैसे – ‘बाँधा या विधु को किसने इन काली 

जंजीरों से मणिवाली फणियों का मुख 

क्यों भरा हुआ है हीरों से

उपमा

जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना 

किसी दूसरी व्यक्ति या वस्तु से की जाए 

तो वहाँ उपमा अलंकार होता है।जैसे

नील गगन-सा शांत ह्रदय था रो रहा।

उत्प्रेक्षा

जहाँ उपमेय में उपमान के होने की संभावना 

का वर्णन होता हो, वहाँ उत्प्रेक्षा 

अलंकार होता है। जैसे - ले चला साथ 

मैं तुझे कनक। ज्यों भिक्षुक लेकर स्वर्ण।।

संदेह Question 10:

उपमेय में उपमान के संशय को पैदा करने वाला अलंकार है ?

  1. यमक
  2. श्लेष
  3. उपमा 
  4. संदेह

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : संदेह

संदेह Question 10 Detailed Solution

उपमेय में उपमान के संशय को पैदा करने वाला अलंकार है- संदेह

Key Pointsसंदेह अलंकार-

  • जहाँ पर किसी व्यक्ति या वस्तु को देखकर संशय बना रहे वहाँ संदेह अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • सारी बीच नारी है कि नारी बीच सारी है।
      सारी ही की नारी है कि नारी ही की सारी है।

Important Pointsश्लेष अलंकार-

  • ​जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं,तब श्लेष अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • चरण धरत चिंता करत, चितवत चारहु ओर।
      सुबरन को खोजत फिरत, कवि, व्यभिचारी, चोर।
  • यहाँ सुबरन का प्रयोग एक बार किया गया है,किन्तु पंक्ति में प्रयुक्त सुबरन शब्द के तीन अर्थ हैं,कवि के सन्दर्भ में सुबरन का अर्थ अच्छे शब्द,व्यभिचारी के सन्दर्भ में सुबरन अर्थ सुन्दर वर,चोर के सन्दर्भ में सुबरन का अर्थ सोना है।
  • श्लेष अलंकार के दो भेद होते हैं-
    • सभंग श्लेष
    • अभंग श्लेष

उपमा अलंकार-

  • जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण,आकृति,स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए,तब वहां उपमा अलंकर होता है।
  • उपमा अलंकार में एक वस्तु या प्राणी कि तुलना दूसरी प्रसिद्ध वस्तु के साथ की जाती है।
  • उदाहरण-
    • हरि पद कोमल कमल। 
    • उदाहरण में हरि के पैरों कि तुलना कमल के फूल से की गयी है। 

यमक अलंकार-

  • जब एक शब्द प्रयोग दो बार होता है और दोनों बार उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं तब यमक अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी, ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहाती हैं।

संदेह Question 11:

सारी बीच नारी है कि नारी बीच सारी है।

सारी ही की नारी है कि नारी की ही सारी है।I 'में कौन सा अलंकार है?

  1. रूपक अलंकार
  2. अतिशयोक्ति अलंकार
  3. श्लेष अलंकार
  4. संदेह अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : संदेह अलंकार

संदेह Question 11 Detailed Solution

सारी बीच नारी है कि नारी बीच सारी है।, नारी की ही सारी है कि सारी की ही नारी है।। पंक्ति में संदेह अलंकार है।

  • जहां किसी वस्तु में उसी तरह की किसी अन्य वस्तु  का संदेह हो। वह संदेह अलंकार के अंतर्गत आएगा।
  • उपर्युक्त पंक्ति में नारी और सारी में संदेह किया गया है।
  • उपर्युक्त पंक्ति में नारी और सारी में संदेह होने के कारण यहाँ संदेह अलंकार है।

Additional Information

श्लेष

  • परिभाषा - साहित्य में एक शब्दालंकार जिसमें ऐसे शब्दों का प्रयोग होता है जिनके अनेक अर्थ होते हैं और वे प्रसंगों के अनुसार कई तरह से अलग-अलग घटते हैं
  • वाक्य में प्रयोग - मधुबन की छाती को देखो,मुरझाई कितनी कलियाँ में कलियाँ के दो अर्थ हैं,एक फूलों के खिलने के पहले की अवस्था तथा दूसरा नवयवना के लिए है इसलिए यह श्लेष अलंकार है ।
  • समानार्थी शब्द - श्लेष , श्लेषलंकार
  • लिंग - पुल्लिंग

अतिशयोक्ति

  • परिभाषा - एक अलंकार जिसमें भेद में अभेद, असंबंध में संबंध आदि दिखाकर किसी वस्तु का बहुत बढ़ाकर वर्णन होता है
  • वाक्य में प्रयोग - आदिकालीन कवियों की रचनाएँ अतिशयोक्ति अलंकार से भरी पड़ी हैं ।
  • समानार्थी शब्द - अतिशयोक्ति अलंकार
  • लिंग - स्त्रीलिंग

रूपक अलंकार

  • ‘जब उपमान और उपमेय में अभिन्नता या अभेद दिखाया जाए’
  • जैसे - मैया मैं तो चन्द्र-खिलौना लैहों में चन्द्रमा और खिलौने में समानता न दिखाकर चन्द्र को ही खिलौना बोल दिया गया है।

संदेह Question 12:

सारी बीच नारी है कि नारी बीच सारी है।

सारी ही की नारी है कि नारी की ही सारी है।

में कौन सा अलंकार है। सही विकल्प चुनिए?

  1. संदेह अलंकार
  2. भ्रांतिमान अलंकार
  3. अनुप्रास अलंकार
  4. यमक अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : संदेह अलंकार

संदेह Question 12 Detailed Solution

उपर्युक्त पंक्तियो में संदेह अलंकार है, अन्य विकल्प असंगत है। अत: विकल्प1 ‘संदेह अलंकार’ सही उत्तर होगा।

Key Points

जब उपमेय और उपमान में समता देखकर यह निश्चय नहीं हो पाता कि उपमान वास्तव में उपमेय है या नहीं। जब यह दुविधा बनती है , तब संदेह अलंकार होता है अथार्त जहाँ पर किसी व्यक्ति या वस्तु को देखकर संशय बना रहे वहाँ संदेह अलंकार होता है। यह अलंकार उभयालंकार का भी एक अंग है।

उदाहरण: मद भरे ये नलिन नयन मलीन हैं

अल्प जल में या विकल लघु मीन हैं।

 

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

अनुप्रास अलंकार

जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति होती है।

चारु चन्द्र की चंचल किरणें खेल रही थी जल थल में।

यमक अलंकार

जहाँ एक ही शब्द जितनी बार आए उतने ही अलग-अलग अर्थ दे।

काली ‘घटा’ का घमंड ‘घटा’।

भ्रांतिमान अलंकार

जब एक जैसे दिखाई देने के कारण एक वस्तु को दूसरी वस्तु मान लिया जाता है या समानता के कारण किसी दूसरी वस्तु का भ्रम होता है तब इसे भ्रांतिमान अलंकार कहते हैं।

तोते ने निज ठौर चलाई, जामुन का फल उसे समझ कर॥

संदेह Question 13:

निम्नलिखित पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?

तुम हो अखिल विश्व में,

या यह अखिल विश्व है तुम में?

  1. भ्रांतिमान अलंकार
  2. वीप्सा अलंकार
  3. संदेह अलंकार
  4. उदाहरण अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : संदेह अलंकार

संदेह Question 13 Detailed Solution

तुम हो अखिल विश्व में,

या यह अखिल विश्व है तुम में?

उपर्युक्त पंक्तियों मे संदेह अलंकार है। Key Pointsसंदेह अलंकार -- 

  • जब किसी पद में समानता के कारण उपमेय में उपमान का संदेह उत्पन्न हो जाता है और यह संदेह अन्त तक बना रहता है तो वहाँ संदेह अलंकार माना जाता है।
  • अन्य उदाहरण -- 
    • ’’सारी बीच नारी है कि नारी बीच सारी है।
      सारी ही की नारी है कि नारी ही की सारी है।’’
    • ’’ये है सरस ओस की बूँदें या हैं मंजुल मोती।’’

Important Pointsभ्रांतिमान अलंकार -- 

  • जब किसी पद में किसी सादृश्य विशेष के कारण उपमेय में उपमान का भ्रम उत्पन्न हो जाता है तो वहाँ भ्रांतिमान अलंकार माना जाता है।
  • उदाहरण -- 
    • ’’ओस बिन्दु चुग रही हंसिनी मोती उनको जान।’’
  • प्रस्तुत पद में हंसिनी को ओस बिन्दुओं (उपमेय) में मोती (उपमान) का भ्रम उत्पन्न हो रहा है अर्थात् वह ओस की बूँदों को मोती समझकर चुग रही हैं, अतः यहाँ भ्रांतिमान अलंकार है।

वीप्सा अलंकार --

  • जहां आदर, घृणा, हर्ष, शोक, विस्मय आदि भावों को प्रभावशाली रूप में व्यक्त करने के लिए किसी शब्द की आवृत्ति होती है,वहां वीप्सा अलंकार होता है। 
  • उदाहरण -- 
    • हा! हा! इन्हें रोकन कौं टोक न लगावौ तुम
      विसद-विवेक ज्ञान गौरव-दुलार हौ। 

उदाहरण अलंकार -- 

  • जब कोई साधारण बात कह कर ’ज्यों’, ’जैसे’, 'इव' इत्यादि वाचक शब्दों द्वारा किसी विशेष बात से जहाँ समानता दिखाई जाती है वहाँ पर उदाहरण अलंकार होता है।
  • उदाहरण -- 
    • छुद्र नदी भरि चलि उतराई।
      जस थोरेहुँ धन खल बौराई।।  
    • ससि सम्पन्न सोह महि कैसी ।
      उपकारी कै संपति जैसी ।।

संदेह Question 14:

"कैधौं रितुराज काज, अवनि उसाँस लेत,

किधौं यह ग्रीष्म की, भीषण लुआर है ?

उपर्युक्त काव्यांश किस अलंकार का उदाहरण है ?

  1. भ्रांतिमान
  2. श्लेष
  3. रूपक
  4. संदेह
  5. उत्तर नहीं देना चाहते

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : संदेह

संदेह Question 14 Detailed Solution

सही उत्तर है - "संदेह अलंकार।"

Key Points

"कैधौं रितुराज काज, अवनि उसाँस लेत,

किधौं यह ग्रीष्म की, भीषण लुआर है?"

  • उपरोक्त पंक्तियों का अर्थ - कवि भीषण गर्मी को देख कहता है कि ये "ग्रीष्म ऋतु की भयंकर लू की लपटे है या वसन्त के विरह में पृथ्वी के अन्तस् से निकलती हुई विरह-दुःख की आहें?"
  • यहाँ "ग्रीष्म ऋतु की भयंकर लू की लपटों (उपमेय)" और "पृथ्वी के अन्तस् से निकलती हुई विरह-दुःख की आहों (उपमान)" में समानता के कारण यहाँ संदेह अलंकार है
  • संदेह अलंकार जब किसी पद में समानता के कारण उपमेय में उपमान का संदेह उत्पन्न हो जाता है और यह संदेह अन्त तक बना रहता है तो वहाँ संदेह अलंकार माना जाता है।

उदाहरण - 

  • ’हरि-मुख यह आली! किधौं, कैधौं उयो मयंक ?’ 
  • अर्थ - हे सखी! यह हरि का मुख है या चन्द्रमा उगा है ?
  • व्याख्या -  यहाँ हरि के मुख को देखकर सखी को निश्चय नहीं होता कि यह हरि का मुख है या चन्द्रमा है। हरि के मुख में हरि-मुख और चन्द्रमा दोनों के होने की संभावना दिखायी पड़ती है।

Additional Information

अलंकार परिभाषा उदाहरण विवरण
भ्रांतिमान जब किसी पद में किसी सादृश्य विशेष के कारण उपमेय में उपमान का भ्रम उत्पन्न हो जाता है

ओस बिन्दु चुग रही हंसिनी मोती उनको जान।

हंसिनी को ओस बिन्दुओं (उपमेय) में मोती (उपमान) का भ्रम उत्पन्न हो रहा है
श्लेष जहाँ एक ही शब्द जितनी बार आए उतने ही अलग-अलग अर्थ दे। कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय।
या खाए बौरात नर या पाए बौराय।।
इस पद्य में ‘कनक’ शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है। प्रथम कनक का अर्थ ‘सोना’ और दूसरे कनक का अर्थ-धतूरा है।
रूपक जब गुण की अत्यंत समानता के कारण उपमेय को ही उपमान बता दिया जाए गोपी पद-पंकज पावन कि रज जामे सिर भीजे।  पैरों को कमल ही बता कर भिन्नता समाप्त कर दी है

संदेह Question 15:

की तुम तीन देव में कोऊ?

नर नारायण या की दोऊ? में निम्न में से कौन सा अलंकार है?

  1. संदेह अलंकार
  2. अतिशयोक्ति अलंकार
  3. उपमा अलंकार
  4. उत्प्रेक्षा अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : संदेह अलंकार

संदेह Question 15 Detailed Solution

उपर्युक्त पंक्तियोंकी तुम तीन देव में कोऊ?, नर नारायण या की दोऊमें संदेह अलंकार है। अन्य विकल्प असंगत है। अतः सही विकल्प संदेह अलंकार है।

विवरण

संदेह अलंकार: रूप-रंग, आदि के सादृश्य से जहाँ उपमेय का संशय बना रहे तो या उपमेय के लिए दिए गए उपमानों में संशय रहे, वहाँ संदेह अलंकार होता है।की तुम तीन देव में को ऊ?, नर नारायण या की दोऊ?इन पंक्तियों मेंसामने उपस्थित होने वाली कौन है, नर, नारायण या त्रिदेवऐसी स्थिति जो संदेह उत्पन्न होती है, इसलिए यहाँ संदेह अलंकार होता है।

अन्य विकल्प

अलंकार

परिभाषा

अतिश्योक्ति

जब किसी व्यक्ति या वस्तु का वर्णन बढ़ा 

चढ़ा किए जाए तो उसे अतिश्योक्ति अलंकार कहते है।

जैसे – ‘बाँधा या विधु को किसने इन काली 

जंजीरों से मणिवाली फणियों का मुख 

क्यों भरा हुआ है हीरों से

उपमा

जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना 

किसी दूसरी व्यक्ति या वस्तु से की जाए 

तो वहाँ उपमा अलंकार होता है।जैसे

नील गगन-सा शांत ह्रदय था रो रहा।

उत्प्रेक्षा

जहाँ उपमेय में उपमान के होने की संभावना 

का वर्णन होता हो, वहाँ उत्प्रेक्षा 

अलंकार होता है। जैसे - ले चला साथ 

मैं तुझे कनक। ज्यों भिक्षुक लेकर स्वर्ण।।

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