उपमा MCQ Quiz - Objective Question with Answer for उपमा - Download Free PDF

Last updated on Jun 24, 2025

Latest उपमा MCQ Objective Questions

उपमा Question 1:

तब तो बहता समय शिला-सा जग जायेगा। इस पंक्ति में किस अलंकार का प्रयोग हुआ है?

  1. श्लेष
  2. रुपक
  3. उपमा
  4. यमक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : उपमा

उपमा Question 1 Detailed Solution

'तब तो बहता समय शिला-सा जग जायेगा' में 'उपमा अलंकार है अत: सही उत्तर विकल्प 3 'उपमा अलंकार' होगा

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  • उपमा अलंकार - जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे यक्ति या वस्तु से की जाए वहाँ पर उपमा अलंकार होता है। 

​अन्य विकल्प

  • श्लेष अलंकार - जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं तब श्लेष अलंकार होता है। श्लेष अलंकार के दो भेद होते हैं: सभंग श्लेष; अभंग श्लेष
  • यमक अलंकार - जब एक शब्द प्रयोग दो बार होता है और दोनों बार उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं तब यमक अलंकार होता है।
  • रूपक अलंकार - जहां रूप और गुण की अत्यधिक समानता के कारण उपमेय में उपमान का आरोप कर अभेद स्थापित किया जाए वहां रूपक अलंकार होता है।​

Additional Information

अलंकार - काव्य अथवा भाषा की शोभा बढ़ाने वाले मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते हैं।

उपमा Question 2:

“नील गगन - सा शांत हृदय था हो रहा।" इस पति में कौन सा अलंकार है ? 

  1. उपमा
  2. विरोधाभास
  3. अन्योक्ति
  4. संदेह
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : उपमा

उपमा Question 2 Detailed Solution

उक्त पंक्ति में उपमा अलंकार है।

  • यहाँ नील गगन की तुलना हृदय से की जा रही है।
  • जब दो भिन्न वस्तुओं में समानता दिखाई जाती है, वहाँ उपमा अलंकार होता है।
  • जैसे – कर कमल-सा कोमल है। अतः सही विकल्प उपमा है।

Key Pointsअन्य विकल्प:-

अलंकार  परिभाषा उदहारण
विरोधाभास एक ही वाक्य में आपस में कटाक्ष करते हुए दो या दो से अधिक भावों का प्रयोग किया जाता है।

ई ऐसी अद्भुत बेला

ना रो सका न विहँस सका

अतिशयोक्ति  जहॉं किसी विषय या वस्‍तु का बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ाकर चमत्‍कारपूर्ण वर्णन किया जाए, वहॉं अतिशयोक्ति अलंकार होता है। हनुमान की पूंछ में लग न पाई आग, लंका सगरी जल गई, गए निशाचर भाग।
संदेह जहाँ ऐसा वर्णन हो कि उपमेय और उपमान दोनों में समता देखकर यह निश्चित नहीं हो पाता है कि उपमेय वास्तव में उपमेय है या उपमान है। इसमें दुविधा बनी रहती है और निश्चित नहीं हो पाता है,वहां संदेह अलंकार होता है। मद भरे ये नलिन नयन मलीन हैं ।
 अल्प जल में या विकल लघु मीन हैं।

उपमा Question 3:

'मीम-सा तन घुल चुका अब दीप-सा मन जल चुका है।' इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? 

  1. पूर्णोपमा 
  2. रशनोपमा 
  3. लुप्तोपमा
  4. मालोपमा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : पूर्णोपमा 

उपमा Question 3 Detailed Solution

'मीम-सा तन घुल चुका अब दीप-सा मन जल चुका है।' इस पंक्ति में पूर्णोपमा अलंकार है

  • इस पंक्ति में 'तन' और 'मन' की तुलना को स्पष्ट करने के लिए 'मोम' और 'दीपक' का उपयोग किया गया है।
  • यह तुलना उपमेय और उपमान के बीच स्पष्ट सम्बन्ध दिखाती है। अतः यहाँ पर पूर्णोपमा अलंकार है।

Key Pointsपूर्णोपमा अलंकार -

  • इसमें उपमा के सभी अंग होते हैं – उपमेय, उपमान, साधारण धर्म और वाचक शब्द।
  • इसमें तुलना किसी अन्य वस्तु से की जाती है जो वाक्य में उपस्थित नहीं होती। 
  • उदहारण -
    • सागर-सा गंभीर हृदय हो,
    • गिरी-सा ऊँचा हो जिसका मन।   

Important Pointsउपमा अलंकार के भेद-

  1. पूर्णोपमा
  2. लुप्तोपमा 
  3. मालोपमा
  4. रशनोपमा 

Additional Informationलुप्तोपमा अलंकार:-

  • जब उपमा के चारों अंगों में से यदि किसी एक या दो का या फिर तीन का न होना पाया जाए तब वहाँ पर लुप्तोपमा अलंकार होता है। 
  • उदहारण - कल्पना सी अतिशय कोमल।
    • (इस वाक्य में उपमेय नहीं है तो इसलिए यह लुप्तोपमा अलंकार का एक उदहारण है।)

मालोपमा अलंकार:-

  • एक ऐसा काव्य-अलंकार है जहाँ एक ही उपमेय की तुलना कई उपमानों से की जाती है।
  • यह उपमा अलंकार का ही एक भेद है, लेकिन इसमें एक ही उपमेय के लिए कई उपमानों का प्रयोग होता है। 
    • उदहारण - "मृगनैनी सी सुंदर, चंद्रमुखी सी प्यारी" 
  • (यहाँ "मृगनैनी" और "चंद्रमुखी" दो अलग-अलग उपमान हैं, जिनकी तुलना एक ही उपमेय (स्त्री) से की गई है।​

रशनोपमा अलंकार:-

  • उपमा अलंकार का ही एक प्रकार है,
  • जिसमें उपमेय और उपमान को परस्पर उपमान और उपमेय बनाने की कोशिश की जाती है।
  • इस अलंकार में उपमेय और उपमान को एक ही जैसा दिखाया जाता है, जैसे कि वे एक ही हों। 
  • उदाहरण-
    • तौ मुख सोहत है स स सो अ सोहत है स स तो मुख जैसो।
  • (यहाँ, मुख की तुलना सितारे से की गई है, जैसे कि सितारे भी मुख की तरह सुंदर हों) 

उपमा Question 4:

निम्नलिखित काव्य पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?

हरिपद कोमल कमल से

  1. अनुप्रास अलंकार 
  2. उपमा अलंकार 
  3. रूपक अलंकार 
  4. यमक अलंकार 
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : उपमा अलंकार 

उपमा Question 4 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 2 ‘उपमा अलंकार’ है। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।

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  • हरि पद कोमल कमल से - इस काव्य पंक्ति में हरि (भगवान) के पैरों को कमल के समान कोमल बताया गया है। इसलिए यह उपमा अलंकार का उदाहरण है। 
  • किसी प्रस्तुत वस्तु की उसके किसी विशेष गुण, क्रिया, स्वभाव आदि की समानता के आधार पर अन्य अप्रस्तुत से समानता स्थापित की जाए तो उपमा अलंकार होगा।

अन्य विकल्प: 

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

अनुप्रास

जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है।

चारु चंद्र की चंचल किरणें,

 खेल रही थी जल थल में।

यमक

जब शब्द की एक से ज़्यादा बार आवृति होती है एवं विभिन्न अर्थ निकलते हैं तो वहाँ यमक अलंकार होता है।

तीन बेर खाती थी वे तीन बेर   खाती हैं।

रूपक

जहां उपमेय को उपमान के रूप में बताया जाए वहाँ रूपक अलंकार होता है।

अपलक नभ नील नयन विशाल।

Additional Information

अलंकार

काव्य अथवा भाषा की शोभा बढ़ाने वाले मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते हैं। अर्थात जिन गुण धर्मों द्वारा काव्य की शोभा बढ़ाई जाती है, उन्हें अलंकार कहा जाता है। इसके दो भेद हैं- शब्दालंकार और अर्थालंकार।

उपमा Question 5:

पटपीत मानहुं तड़ित रूचि, सुचि नौमि जनक सुतावरं में कौन-सा अलंकार है ?

  1. उपमा
  2. रूपक
  3. उत्प्रेक्षा
  4. उदाहरण
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : उपमा

उपमा Question 5 Detailed Solution

पटपीत मानहुं तड़ित रूचि, सुचि नौमि जनक सुतावरं में उपमा अलंकार है 

Key Points

  • यहाँ "पट-पीत" (पीले वस्त्र) की तुलना "तडित रुचि" (बिजली की चमक) से की गई है।
  • जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण, आकृति, स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए, तब वहां उपमा अलंकर होता है।
  • उदाहरण-
    • पीपर पात सरिस मन डोला। 
  • यहाँ "पीपर पात" (पीपल का पत्ता) और "मन" की तुलना की गई है।

Additional Information 
 

रूपक अलंकार:-

  • जब एक वस्तु पर दूसरी वस्तु का आरोप किया जाये अर्थात् जब एक वस्तु को दूसरी वस्तु का रूप दिया जाये तो रूपक अलंकार कहलाता है।

उदाहरण-

  • पायो जी मैंने राम रतन धन पायो। 
  • (यहाँ पर राम रतन को ही धन बता दिया गया है।)

उत्प्रेक्षा अलंकार:-

  • जहाँ उपमेय में उपमान होने की संभावना या कल्पना की जाती है, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। पहचान- जनु, मनु, इव, मानो, मनो, मनहुँ, आदि।

उदाहरण-

  • ले चला साथ मैं तुझे कनक। ज्यों भिक्षुक लेकर स्वर्ण।।
  • (काव्यांश में ‘ज्यों’ शब्द का इस्तेमाल हो रहा है एवं कनक – उपमेय में स्वर्ण – उपमान के होने कि कल्पना हो रही है। अत: यह उदाहरण उत्प्रेक्षा अलंकार के अंतर्गत आएगा।)

उदाहरण अलंकार:-

  • जहाँ किसी बात के समर्थन में उदाहरण किसी वाचक शब्द के साथ दिया जाय, वहाँ उदाहरण अलंकार होता है।

उदाहरण-

  • बूँद अघात सहँ गिरि कैसे।
  • खल के वचन संत सह जैसे ॥
  • (​उदाहरण वाची शब्द ‘जैस’, ‘जस’ और ‘जैसी’ शब्दों द्वारा प्रथम पंक्ति के अर्थ को और अधिक प्रभावशाली बनाया जा रहा है।)

Top उपमा MCQ Objective Questions

'शफरी सी जल में, विहंगिनी सी व्योम में' पंक्ति में कौन सा अलंकार है?

  1. उपमा
  2. उत्प्रेक्षा
  3. रुपक
  4. श्लेष

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : उपमा

उपमा Question 6 Detailed Solution

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  • प्रस्तुत पंक्ति में उपमा अलंकार का प्रयोग हुआ है ।
  • आचार्य भरतमुनि ने अपने नाट्यशास्त्र में चार अलंकारों का उल्लेख किया है - उपमा, रूपक, दीपक, यमक ।

Key Points

  • उपमा का अर्थ तुलना करना है ,जिसका वर्णन हो उसे उपमेय और जिससे उपमा दें उसे उपमान कहते हैं ।
  • उपमा के वाची शब्द हैं - सौं , लौं , सरिस , समान , सदृश , तुल्य , सी , से , तूल आदि ।
  • उपमा के तीन भेद भी हैं - मालोपमा , उपमेयोपमा , अनन्वययोपमा ।

 

  • रूपक - जहाँ उपमेय और उपमान में पूर्ण समानता बताई जाए , वहां रूपक अलंकार है ।
  • उत्प्रेक्षा - यदि उपमेय की उपमान में बलपूर्वक समकल्पना की जाए ।

“उपमेय, उपमान, साधारण धर्म और वाचक” किस अलंकार के भेद हैं?

  1. यमक अलंकार
  2. शब्द श्लेष अलंकार
  3. उपमा अलंकार
  4. विप्सा अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : उपमा अलंकार

उपमा Question 7 Detailed Solution

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उपमा अलंकार यहाँ सही विकल्प है, अन्य असंगत है।

उपमा अलंकार - जिसमे किसी की तुलना किसी से की जाती हो। अत: उपर्युक्त सभी उपमा अलंकार के भेद इसलिए सही विकल्प 3 उपमा अलंकार होगा।

जैसे - चंदा सा मुखड़ा कन्हैया का

  • भेद :- “उपमेय, उपमान, साधारण धर्म और वाचक”
  • 'उप' का अर्थ है- 'समीप से' और 'मा' का तौलना या देखना।

"छाया है माथे पर आशीर्वाद -सा" पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार पहचानें। 

  1. पुनरुक्ति
  2. अनुप्रास 
  3. उपमा 
  4. श्लेष

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : उपमा 

उपमा Question 8 Detailed Solution

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उपमा सही उत्तर है। अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं।

Key Points

  • छाया है माथे पर आशीर्वाद- सा पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार ‘उपमा अलंकार’ हैं। सी, सा, तुल्य, सम, जैसा, ज्यों, के सामान आदि सदृश्य वाचक शब्द उपमा अलंकार में प्रयुक्त होते है।
  • ‘उपमा’ शब्द का अर्थ होता है– तुलना। जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे यक्ति या वस्तु से की जाए वहाँ पर उपमा अलंकार होता है। अर्थात जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण, आकृति, स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए, तब वहां उपमा अलंकर होता है। जैसे– “चाँद सा मुख”।

अन्य विकल्प:

पुनरुक्ति अलंकार

पुनरुक्ति वह है जिसमें एक शब्द को दुहराया जाता है जो पृथक, यादृच्छिक, पुनरुक्ति रूपांतर के संबंध को बतलाता है।

अनुप्रास अलंकार

जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति हो तो वह अनुप्रास अलंकार कहलाता है। किसी विशेष वर्ण की आवृति से वाक्य सुनने में सुंदर लगता है।

श्लेष अलंकार

जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं तब श्लेष अलंकार होता है।

Additional Information

अलंकार- जिन गुण धर्मों द्वारा काव्य की शोभा बढ़ाई जाती है, उन्हें अलंकार कहते हैं।

काव्य में कभी अलग-अलग शब्दों के प्रयोग से सौंदर्य में वृद्धि की जाती है तो कभी अर्थ में चमत्कार पैदा करके। इस आधार पर अलंकार के दो भेद होते हैं–  शब्दालंकार तथा अर्थालंकार।

शब्दालंकार

जब काव्य में शब्दों के माध्यम से काव्य सौंदर्य में वृद्धि की जाती है, तब उसे शब्दालंकार कहते हैं।

अर्थालंकार

अर्थ में चमत्कार उत्पन्न करने वाले अलंकार अर्थालंकार कहलाते हैं। इस अलंकार में अर्थ के माध्यम से काव्य के सौंदर्य में वृद्धि की जाती है।

तब तो बहता समय शिला-सा जग जायेगा। इस पंक्ति में किस अलंकार का प्रयोग हुआ है?

  1. श्लेष
  2. रुपक
  3. उपमा
  4. यमक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : उपमा

उपमा Question 9 Detailed Solution

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'तब तो बहता समय शिला-सा जग जायेगा' में 'उपमा अलंकार है अत: सही उत्तर विकल्प 3 'उपमा अलंकार' होगा

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  • उपमा अलंकार - जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे यक्ति या वस्तु से की जाए वहाँ पर उपमा अलंकार होता है। 

​अन्य विकल्प

  • श्लेष अलंकार - जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं तब श्लेष अलंकार होता है। श्लेष अलंकार के दो भेद होते हैं: सभंग श्लेष; अभंग श्लेष
  • यमक अलंकार - जब एक शब्द प्रयोग दो बार होता है और दोनों बार उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं तब यमक अलंकार होता है।
  • रूपक अलंकार - जहां रूप और गुण की अत्यधिक समानता के कारण उपमेय में उपमान का आरोप कर अभेद स्थापित किया जाए वहां रूपक अलंकार होता है।​

Additional Information

अलंकार - काव्य अथवा भाषा की शोभा बढ़ाने वाले मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते हैं।

पीपर पात सरिस मन डोला। - में निम्न में से कौन सा अलंकार है?

  1. पुनरुक्ति अलंकार
  2. वीप्सा अलंकार
  3. वक्रोक्ति अलंकार
  4. उपमा अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : उपमा अलंकार

उपमा Question 10 Detailed Solution

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पीपर पात सरिस मन डोला। -  में अलंकार है- उपमा अलंकार

  • इस वाक्य में 'सरिस' शब्द का प्रयोग हुआ है।
  • सरिस' शब्द का अर्थ- सदृश, समान, तुल्य 
  • अतः यह “उपमा अलंकार” है।
  • सरिस, सम, समान, -सा, -सी, जैसे इत्यादि का प्रयोग हो तो वह उपमा अलंकार होता है।

Key Pointsअन्य विकल्प -

  • पुनरुक्ति अलंकार- जब किसी वाक्य में कोई शब्द का प्रयोग दो बार किया जाता है अर्थात एक ही शब्द को दो बार दोहराया जाता हैं, वहाँ पर पुनरुक्ति अलंकार होता है।
  • उदाहरण- मधुर वचन कहि-कहि परितोषीं।
  • वीप्सा अलंकार- आदर, घबराहट, आश्चर्य, घृणा, रोचकता आदि प्रदर्शित करने के लिए किसी शब्द को दुहराना ही वीप्सा अलंकार है।
  • उदाहरण- विहग-विहग
    फिर चहक उठे ये पुंज-पुंज
    कल-कूजित कर उर का निकुंज
    चिर सुभग-सुभग।
  • वक्रोक्ति अलंकार- जिस शब्द से कहने वाले व्यक्ति के कथन का अभिप्रेत अर्थ ग्रहण न कर श्रोता अन्य ही कल्पित या चमत्कारपूर्ण अर्थ लगाये और उसका उत्तर दे, उसे वक्रोक्ति कहते हैं।
  • उदाहरण- मैं सुकमारि नाथ बन जोगू।
    तुमहिं उचित तप मो कहँ भोगू ॥

Additional Information

अलंकार की​ परिभाषा

अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है- 'आभूषण', जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषण से उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है अर्थात जो किसी वस्तु को अलंकृत करे वह अलंकार कहलाता है।

Confusion Points

  • उपमेय- उपमेय शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है- "जिसके लिए उपमा दी जाए"। जिस व्यक्ति या वस्तु की किसी अन्य से समता या तुलना की जाती है उसे 'उपमेय' कहा जाता है।
  • उपमान- उपमान का शाब्दिक अर्थ है- "जिससे तुलना या समता हो।" जिस प्रसिद्ध व्यक्ति या वस्तु से समानता बताई जाती है या तुलना की जाती है, उसे उपमान कहा जाता है।

'सजल नीरद सी कलाकांति थी' पंक्ति के रेखांकित अंश में अलंकार है:

  1. उत्प्रेक्षा
  2. उपमा
  3. ​रूपक
  4. यमक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : उपमा

उपमा Question 11 Detailed Solution

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  • 'सजल नीरद सी कलाकान्ति थी' पंक्ति में रेखान्कित अंश में 'उपमा' अलंकार है।
  • अतः 'उपमा' अलंकार संगत विकल्प है। अन्य सभी विकल्प असंगत है।  
Key Points
  • अलंकार का शाब्दिक अर्थ है- 'आभूषण'
  • जिस प्रकार सोने के आभूषण से व्यक्ति के शरीर की शोभा बढ़ती है। उसी प्रकार काव्य अलंकारों से काव्य की।  
  • अलंकार के तीन प्रकार 
  • शब्दालंकार 
  • अर्थालंकार 
  • आधुनिक /पाश्चात्य अलंकार 
Additional Information
अलंकार  पहचान  उदाहारण 
उपमा  उपमा के चार अंग 
उपमेय - जिसकी उपमा दी जाय।  
उपमान- जिससे उपमा दी जाय। 
समान धर्म -उपमेय और उपमान में पाया जाने वाला समान गुण
सादृश्य वाचक शब्द- उपमेय और उपमान की समानता बताने वाला शब्द (सा,ऐसा,जैसा,ज्यो,सदृश,समान) 
मुख चन्द्र सा सुन्दर है।  
मुख-उपमेय 
चन्द्र-उपमान 
समान धर्म-सुन्दरता
सादृश्य वाचक शब्द -सा 

Important Points

रूपक 

जहाँ गुण की अत्यंत समानता के कारण उपमेय में ही उपमान का अभेद आरोप कर दिया हो, वहाँ रूपक अलंकार होता है।

संतो भाई आई ज्ञान की आंधी रे

उत्प्रेक्षा

जब उपमेय में गुण-धर्म की समानता के कारण उपमान की संभावना कर ली जाए।

"कहती हुई यूँ उत्तरा के नेत्र जल से भर गए।
हिम कणों से पूर्ण मानों हो गए पंकज नए।।"

यमक

जहां एक ही शब्द कई बार अलग-अलग अर्थों में प्रयुक्त होता है वहाँ यमक अलंकार होता है।

कनक-कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय, या खाये बौराये जग, या पाये बौराये।

 

निम्नलिखित में से किस अलंकार में समान धर्म का होना अनिवार्य है ?

  1. उत्प्रेक्षा
  2. श्लेष
  3. यमक
  4. उपमा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : उपमा

उपमा Question 12 Detailed Solution

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दिए गए विकल्पों में सही उत्तर ‘उपमा अलंकार’ है।

Key Points

  • समान धर्म के आधार पर जहाँ एक वस्तु की समानता या तुलना किसी दूसरी वस्तु से की जाती है, वहाँ उपमा अलंकार होता है।

उपमा के चार अंग हैं- 

  1. उपमेय वर्णनीय वस्तु जिसकी उपमा या समानता दी जाती है, उसे ‘उपमेय’ कहते हैं; जैसे-उसका मुख चन्द्रमा के समान सुन्दर है। वाक्य में ‘मुख’ की चन्द्रमा से समानता बताई गई है, अत: मुख उपमेय है।
  2. उपमान जिससे उपमेय की समानता या तुलना की जाती है उसे उपमान कहते हैं; जैसे-उपमेय (मुख) की समानता चन्द्रमा से की गई है, अतः चन्द्रमा उपमान है।
  3. साधारण धर्म जिस गुण के लिए उपमा दी जाती है, उसे साधारण धर्म कहते हैं। उक्त उदाहरण में सुन्दरता के लिए उपमा दी गई है, अत: सुन्दरता साधारण धर्म है।
  4. वाचक शब्द जिस शब्द के द्वारा उपमा दी जाती है, उसे वाचक शब्द कहते हैं। उपर्युक्त उदाहरण में समान शब्द वाचक है। इसके अलावा ‘सी’, ‘सम’, ‘सरिस’ सदृश शब्द उपमा के वाचक होते हैं। 

अन्य विकल्प: 

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

उत्प्रेक्षा

जहाँ उपमेय में उपमान होने की संभावना या कल्पना की जाती है, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।

सोहत ओढ़े पीत पर, स्याम सलोने गात।

मनहु नील मनि सैण पर, आतप परयौ प्रभात।।

यमक

जब शब्द की एक से ज़्यादा बार आवृति होती है एवं विभिन्न अर्थ निकलते हैं तो वहाँ यमक अलंकार होता है।

तीन बेर खाती थी वे तीन बेर   खाती हैं।

श्लेष

जहां पर किसी एक शब्द का अनेक अर्थों में प्रयोग हो, वहाँ श्लेष अलंकार होता है।

मधुवन की छाती को देखो,

सूखी कितनी इसकी कलियाँ।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 Additional Information

अलंकार

काव्य अथवा भाषा की शोभा बढ़ाने वाले मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते हैं। अर्थात जिन गुण धर्मों द्वारा काव्य की शोभा बढ़ाई जाती है, उन्हें अलंकार कहा जाता है। इसके दो भेद हैं- शब्दालंकार और अर्थालंकार।

'मुख मयंक सम मंजु मनोहर' में कौन सा अलंकार है?

  1. उपमा
  2. अनुप्रास
  3. यमक
  4. रूपक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : उपमा

उपमा Question 13 Detailed Solution

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उपर्युक्त पंक्ति में उपमा अलंकार है।

Key Points

'मुख मयंक सम मंजु मनोहर' अर्थात मुख के समान मयंक है।

यहाँ मुख की तुलना मयंक अर्थात चंद्रमा से की गई है।

अतः यहाँ पर उपमा अलंकार है।

Important Points

उपमा अलंकर

उपमा शब्द का अर्थ होता है – तुलना। जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे यक्ति या वस्तु से की जाए वहाँ पर उपमा अलंकार होता है।

अर्थात जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण, आकृति, स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए, तब वहां उपमा अलंकर होता है।

उदाहरण -

हरि पद कोमल कमल से -यहाँ हरि (भगवान) के पैरों को कमल के समान कोमल बताया गया है।  

Additional Information

रूपक

रूपक साहित्य में एक प्रकार का अर्थालंकार है जिसमें बहुत अधिक साम्य के आधार पर प्रस्तुत में अप्रस्तुत का आरोप करके अर्थात् उपमेय या उपमान के साधर्म्य का आरोप करके और दोंनों भेदों का अभाव दिखाते हुए उपमेय या उपमान के रूप में ही वर्णन किया जाता है। इसके सांग रूपक, अभेद रुपक, तद्रूप रूपक, न्यून रूपक, परम्परित रूपक आदि अनेक भेद हैं।

उदाहरण- चरन कमल बन्दउँ हरिराई

अनुप्रास अलंकार

इस अलंकार में एक ही वर्ण का बार-बार प्रयोग किया जाता है।

जैसे- जन रंजन मंजन दनुज मनुज रूप सुर भूप।

यमक अलंकार

जब एक शब्द प्रयोग दो बार होता है और दोनों बार उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं तब यमक अलंकार होता है।

उदाहरण

ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी, ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहाती हैं।

  • यहाँ पर मन्दर के अर्थ हैं अट्टालिका और गुफा

कनक-कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय, या खाये बौराय जग, वा पाये बौराय।

  • यहाँ पर कनक के अर्थ हैं धतूरा और सोना।

"पड़ी थी बिजली-सी विकराल। लपेटे थे घन जैसे बाल"। इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?

  1. वीप्सा अंलकार
  2. रुपक अलंकार
  3. संदेह अलंकार
  4. उपमा अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : उपमा अलंकार

उपमा Question 14 Detailed Solution

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"पड़ी थी बिजली-सी विकराल। लपेटे थे घन जैसे बाल"।,इस पंक्ति में उपमा अलंकार हैKey Points

वीप्सा अंलकार

  • आदर, घबराहट, आश्चर्य, घृणा, रोचकता आदि प्रदर्शित करने के लिए किसी शब्द को दुहराना ही वीप्सा अलंकार है।

वीप्सा अलंकार का उदाहरण 

  • मधुर-मधुर मेरे दीपक जल।

रुपक अलंकार

  • दूसरे शब्दों में जब गुण की अत्यंत समानता के कारण उपमेय को ही उपमान बता दिया जाए यानी उपमेय ओर उपमान में कोई अंतर न दिखाई दे तब वह रूपक अलंकार कहलाता है।
  • उपमेय और उपमान में जब अंतर दिखाई ना दे तो हम उसे रूपक अलंकार कहते हैं।

रुपक अलंकार का उदाहरण 

  • मैया ! मैं तो चन्द्र-खिलौना लैहों।

संदेह अलंकार

  • जब उपमेय और उपमान में समानता देखकर यह तय नहीं हो पाता है कि उपमान वास्तव में उपमेय है या नहीं।
  • जब यह दुविधा बनती है, तब वहां संदेह अलंकार होता है। 
  • संदेह अलंकार का उदाहरण 
  • यह काया है या शेष उसी की छाया,
    क्षण भर उनकी कुछ नहीं समझ में आया।

“नील गगन - सा शांत हृदय था हो रहा।" इस पति में कौन सा अलंकार है ? 

  1. उपमा
  2. विरोधाभास
  3. अन्योक्ति
  4. संदेह

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : उपमा

उपमा Question 15 Detailed Solution

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उक्त पंक्ति में उपमा अलंकार है।

  • यहाँ नील गगन की तुलना हृदय से की जा रही है।
  • जब दो भिन्न वस्तुओं में समानता दिखाई जाती है, वहाँ उपमा अलंकार होता है।
  • जैसे – कर कमल-सा कोमल है। अतः सही विकल्प उपमा है।

Key Pointsअन्य विकल्प:-

अलंकार  परिभाषा उदहारण
विरोधाभास एक ही वाक्य में आपस में कटाक्ष करते हुए दो या दो से अधिक भावों का प्रयोग किया जाता है।

ई ऐसी अद्भुत बेला

ना रो सका न विहँस सका

अतिशयोक्ति  जहॉं किसी विषय या वस्‍तु का बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ाकर चमत्‍कारपूर्ण वर्णन किया जाए, वहॉं अतिशयोक्ति अलंकार होता है। हनुमान की पूंछ में लग न पाई आग, लंका सगरी जल गई, गए निशाचर भाग।
संदेह जहाँ ऐसा वर्णन हो कि उपमेय और उपमान दोनों में समता देखकर यह निश्चित नहीं हो पाता है कि उपमेय वास्तव में उपमेय है या उपमान है। इसमें दुविधा बनी रहती है और निश्चित नहीं हो पाता है,वहां संदेह अलंकार होता है। मद भरे ये नलिन नयन मलीन हैं ।
 अल्प जल में या विकल लघु मीन हैं।
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