उदाहरण MCQ Quiz - Objective Question with Answer for उदाहरण - Download Free PDF

Last updated on Mar 25, 2025

Latest उदाहरण MCQ Objective Questions

उदाहरण Question 1:

"यों रहीम जस होत है, उपकारी के संग।

बाँटन वारे को लगय ज्यौ मेहंदी को रंग।।"

प्रस्तुत उदाहरण किस अलंकार का है ?

  1. दृष्टांत
  2. उदाहरण
  3. निदर्शना
  4. असंगति

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : उदाहरण

उदाहरण Question 1 Detailed Solution

"यों रहीम जस होत है, उपकारी के संग।

बाँटन वारे को लगय ज्यौ मेहंदी को रंग।।"

प्रस्तुत उदाहरण अलंकार का है - उदाहरण

Key Points

  • इस दोहे में रहीम कह रहे हैं कि उपकारी व्यक्ति के संग रहने से उसी प्रकार गुण प्राप्त होते हैं
  • जैसे मेहंदी बांटने वाले के हाथों में मेहंदी का रंग लग जाता है।
  • यहाँ पर "बाँटन वारे को लगय ज्यौ मेहंदी को रंग" के माध्यम से
    • उपकारी के संग रहने का प्रभाव समझाने के लिए उदाहरण दिया गया है।
  • इसलिए यह उदाहरण अलंकार है।

Important Pointsउदाहरण अलंकार:-

  • जब किसी कथन या भाव को स्पष्ट करने के लिए किसी उदाहरण का प्रयोग किया जाता है, तब उदाहरण अलंकार होता है। 
  • जैसे-
    • ऐसी गति संसार की, ज्यों गाङर का ठाठ।
    • एक पङा जेहि खांङ में, सबहिं जाहिं तेहि बाट।।
  • (स्पष्टीकरण– इस उदाहरण में कहा गया है कि इस संसार की स्थिति उस भेङ की तरह है
    • जहाँ एक जाती है, वहाँ सभी जाती हैं। अतः यहाँ पर उदाहरण अलंकार है।)

Additional Information

दृष्टांत:-

  • जहां किसी बात को कहकर, उससे मिलती-जुलती बात द्वारा दृष्टांत दिया जाए, वहां दृष्टांत अलंकार होता है

उदाहरण-

  • सठ सुधरहिं सत संगति पाई।
  • परस परसि कुधातु सुहाई।।
  • (यहाँ प्रथम वाक्य सत्संगति से दुष्ट भी उस प्रकार सुधर जाते हैं इसे दुसरे वाक्य पारस के स्पर्श से लोहा भी सोना बन जाता है इसे प्रतिबिम्ब के द्वारा बताया है)

निदर्शना:-

  • जब उपमेय और उपमान के से दो वाक्यों में अर्थ की भिन्नता होते हुए भी, एक- दूसरे का सम्बन्ध इस प्रकार स्थापित किया जाय कि उनमें समानता प्रतीत होने लगे, तब निदर्शना अलंकार होता है।

उदाहरण -

  • यह प्रेम को पंथ कराल महा,
  • तरवार की धार पै धावनो है।
  • (यहाँ पर प्रेम के पंथ पर चलना तलवार की धार पर दौड़ना नहीं है, पर तलवार की धार पर दौड़ने के समान उसे दुष्कर बताया गया है। अतः यहाँ निदर्शना अलंकार है।)
  •  

असंगति:-

  • जहाँ पर जो कारण होता है, कार्य भी वहीं होना चाहिए। चोट पाँव में लगे, तो दर्द भी पाँ में ही होना चाहिए।
  • लेकिन जहाँ कारण कहीं और कार्य कहीं और होने का वर्णन होता है, तो वहाँ 'असंगति अलंकार' होता है।

उदाहरण-  

  • तुमने पैरों में लगाई मेंहदी
  • मेरी आँखों में समाई मेंहदी।
  • (यहाँ पर मेंहदी पैरो में लगाई गई परन्तु मेहदी को आंखों से देखकर उसका परिणाम निश्चित किया जा रहा है।)

उदाहरण Question 2:

किस विकल्प में अलंकार और उसका उदाहरण सुमेलित नहीं हैं ?

  1. भ्रांतिमान - जानि स्याम को स्याम घन नाचि उठे वन मोर।
  2. श्लेष - बलिहारी नृप - कूप की गुण बिन बूंद न देहिं ।
  3. उदाहरण - सठ सुधरहिं सत-संगति पाई। पारस परसि कु- धातु सुहाई।I 
  4. व्यतिरेक - मुख मयंक सो है सखी ! मधुर वचन सविशेष I

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : उदाहरण - सठ सुधरहिं सत-संगति पाई। पारस परसि कु- धातु सुहाई।I 

उदाहरण Question 2 Detailed Solution

अलंकार और उसका उदाहरण सुमेलित नहीं हैं-उदाहरण - सठ सुधरहिं सत-संगति पाई। पारस परसि कु- धातु सुहाई।I 

उदाहरण अलंकार-

  • जहां पर एक वाक्य कहकर उसके उदाहरण के रूप में दूसरा वाक्य कहा जाए वहां उदाहरण अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • बूंद आघात सहै गिरी कैसे।
      खल के वचन संत सह जैसे॥ 

Key Pointsसठ सुधरहिं सत-संगति पाई। पारस परसि कु- धातु सुहाई।I 

  • इस पंक्ति में दृष्टान्त अलंकार है।
  • यहां प्रथम वाक्य की सत्यता प्रतिपादित करने के लिए दुष्टांत-रूप में दूसरा वाक्य आया है और दोनों में एक ही विचार बिंदु है– अच्छे के साथ से बुरे का अच्छा हो जाना। 

दृष्टान्त अलंकार-

  • दृष्टांत उपमेय वाक्य और उपमान वाक्य तथा उनके साधारण धर्मों में, बिना वाचक शब्द का प्रयोग किए, बिंब-प्रतिबिंब भाव होने पर दृष्टांत अलंकार होता है।

Important Pointsभ्रांतिमान अलंकार-

  • जब उपमेय में उपमान के होने का भ्रम हो जाता हैं तब वहाँ पर भ्रांतिमान अलंकार होता है।
  • मतलब जहाँ एक वस्तु को देखने पर दूसरी वस्तु का भ्रम उत्पन्न हो जाता हैं वहाँ पर भ्रांतिमान अलंकार होता है।
  • यह अलंकार उभयालंकार का भी अंग माना जाता है।

श्लेष अलंकार-

  • काव्य में जहां शब्द एक बार प्रयोग होता है किंतु उसके अर्थ भिन्न-भिन्न होते हैं।
  • अर्थात उसके अर्थ दो या दो से अधिक निकलते हैं वहां श्लेष अलंकार माना जाता है।

व्यतिरेक अलंकार-

  • काव्य में जहाँ उपमेय को उपमान से श्रेष्ठ बताया जाता है, वहाँ व्यतिरेक अलंकार होता है।

Additional Informationसठ सुधरहिं सत-संगति पाई। पारस परसि कु- धातु सुहाई।I 

  • यह चौपाई तुलसीदास रचित रामचरितमानस से अवतरित है। 
  • पूर्ण चौपाई इस प्रकार है-
    • सठ सुधरहिं सतसंगति पाई। पारस परस कुधात सुहाई॥
      बिधि बस सुजन कुसंगत परहीं। फनि मनि सम निज गुन अनुसरहीं॥
  • चौपाई का अर्थ-
    • दुष्ट भी सत्संगति पाकर सुधर जाते हैं, जैसे पारस के स्पर्श से लोहा सुहावना हो जाता है (सुंदर सोना बन जाता है)। 
    • किन्तु दैवयोग से यदि कभी सज्जन कुसंगति में पड़ जाते हैं, तो वे वहाँ भी साँप की मणि के समान अपने गुणों का ही अनुसरण करते हैं। 

उदाहरण Question 3:

उदाहरण अलंकार का उदाहरण है-

  1. मधुर मधुर मुस्कान मनोहर , मनुज वेश का उजियाला।
  2. कल कानन कुंडल मोरपखा उर पा बनमाल बिराजती है।
  3. बूंद आघात सहै गिरी कैसे । खल के वचन संत सह जैसे ।।
  4. कालिंदी कूल कदम्ब की डरनी।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : बूंद आघात सहै गिरी कैसे । खल के वचन संत सह जैसे ।।

उदाहरण Question 3 Detailed Solution

बूंद आघात सहै गिरी कैसे । खल के वचन संत सह जैसे ।।- उदाहरण अलंकार का उदाहरण है.

Key Points

  • यह भी एक प्रकार का अलंकार होता है।
  • परिभषा:- जिन दो वाक्यों का साधारण धर्म भिन्न है, उसमें वाचक शब्द के द्वारा समता दिखाई जाए तो उदाहरण अलंकार होता है।
  • दृष्टांत अलंकार में वाचक शब्द नहीं रहता किंतु उदाहरण में रहता है।
  • जैसे: हम तुमको कुछ ऐसे चाहें, जैसे मीरा कान्हा को। 

उदाहरण Question 4:

"नीकि पै फीकी लगे, बिन अवसर की बात | जैसे बरनत जुद्ध में, नहिं सिंगार सुहात" || उक्त पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है -

  1. अन्योक्ति
  2. दृष्टांत
  3. उदाहरण
  4. उपमा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : उदाहरण

उदाहरण Question 4 Detailed Solution

उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "उदाहरण" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points
  • उपर्युक्त काव्यांश में उदाहरण अलंकार है।
  • उदाहरण अलंकार
    • जहाँ पर एक वाक्य कहकर उसके उदाहरण के रूप में दूसरा वाक्य कहा जाए वहां उदाहरण अलंकार होता है।
    • उदाहरण अलंकार में उपमेय वाक्य देने के बाद जैसे का प्रयोग होता है। और यह ही उदाहरण अलंकार की पहचान भी है।
Additional Information
  • अन्योक्ति अलंकार
    • जहाँ उपमान के माध्यम से उपमेय का वर्णन हो। उपमान अप्रस्तुत एवं उपमेय प्रस्तुत हो , वहां अन्योक्ति अलंकार होता है।
    • इस अलंकार को अप्रस्तुत प्रशंसा भी कहते हैं।
  • दृष्टांत अलंकार
    • जहाँ उपमेय और उपमान के साधारण धर्म में बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव दिखाया जाए, वहाँ दृष्टान्त अलंकार होता है।
    • या जहाँ दो सामान्य या दोनों विशेष वाक्यों में बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव होता हो वहाँ पर दृष्टान्त अलंकार होता है।
  • उपमा अलंकार
    • उपमा शब्द का अर्थ होता है – तुलना।
    • जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे यक्ति या वस्तु से की जाए वहाँ पर उपमा अलंकार होता है।
    • अर्थात जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण, आकृति, स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए, तब वहां उपमा अलंकर होता है।

Top उदाहरण MCQ Objective Questions

"यों रहीम जस होत है, उपकारी के संग।

बाँटन वारे को लगय ज्यौ मेहंदी को रंग।।"

प्रस्तुत उदाहरण किस अलंकार का है ?

  1. दृष्टांत
  2. उदाहरण
  3. निदर्शना
  4. असंगति

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : उदाहरण

उदाहरण Question 5 Detailed Solution

Download Solution PDF

"यों रहीम जस होत है, उपकारी के संग।

बाँटन वारे को लगय ज्यौ मेहंदी को रंग।।"

प्रस्तुत उदाहरण अलंकार का है - उदाहरण

Key Points

  • इस दोहे में रहीम कह रहे हैं कि उपकारी व्यक्ति के संग रहने से उसी प्रकार गुण प्राप्त होते हैं
  • जैसे मेहंदी बांटने वाले के हाथों में मेहंदी का रंग लग जाता है।
  • यहाँ पर "बाँटन वारे को लगय ज्यौ मेहंदी को रंग" के माध्यम से
    • उपकारी के संग रहने का प्रभाव समझाने के लिए उदाहरण दिया गया है।
  • इसलिए यह उदाहरण अलंकार है।

Important Pointsउदाहरण अलंकार:-

  • जब किसी कथन या भाव को स्पष्ट करने के लिए किसी उदाहरण का प्रयोग किया जाता है, तब उदाहरण अलंकार होता है। 
  • जैसे-
    • ऐसी गति संसार की, ज्यों गाङर का ठाठ।
    • एक पङा जेहि खांङ में, सबहिं जाहिं तेहि बाट।।
  • (स्पष्टीकरण– इस उदाहरण में कहा गया है कि इस संसार की स्थिति उस भेङ की तरह है
    • जहाँ एक जाती है, वहाँ सभी जाती हैं। अतः यहाँ पर उदाहरण अलंकार है।)

Additional Information

दृष्टांत:-

  • जहां किसी बात को कहकर, उससे मिलती-जुलती बात द्वारा दृष्टांत दिया जाए, वहां दृष्टांत अलंकार होता है

उदाहरण-

  • सठ सुधरहिं सत संगति पाई।
  • परस परसि कुधातु सुहाई।।
  • (यहाँ प्रथम वाक्य सत्संगति से दुष्ट भी उस प्रकार सुधर जाते हैं इसे दुसरे वाक्य पारस के स्पर्श से लोहा भी सोना बन जाता है इसे प्रतिबिम्ब के द्वारा बताया है)

निदर्शना:-

  • जब उपमेय और उपमान के से दो वाक्यों में अर्थ की भिन्नता होते हुए भी, एक- दूसरे का सम्बन्ध इस प्रकार स्थापित किया जाय कि उनमें समानता प्रतीत होने लगे, तब निदर्शना अलंकार होता है।

उदाहरण -

  • यह प्रेम को पंथ कराल महा,
  • तरवार की धार पै धावनो है।
  • (यहाँ पर प्रेम के पंथ पर चलना तलवार की धार पर दौड़ना नहीं है, पर तलवार की धार पर दौड़ने के समान उसे दुष्कर बताया गया है। अतः यहाँ निदर्शना अलंकार है।)
  •  

असंगति:-

  • जहाँ पर जो कारण होता है, कार्य भी वहीं होना चाहिए। चोट पाँव में लगे, तो दर्द भी पाँ में ही होना चाहिए।
  • लेकिन जहाँ कारण कहीं और कार्य कहीं और होने का वर्णन होता है, तो वहाँ 'असंगति अलंकार' होता है।

उदाहरण-  

  • तुमने पैरों में लगाई मेंहदी
  • मेरी आँखों में समाई मेंहदी।
  • (यहाँ पर मेंहदी पैरो में लगाई गई परन्तु मेहदी को आंखों से देखकर उसका परिणाम निश्चित किया जा रहा है।)

उदाहरण Question 6:

किस विकल्प में अलंकार और उसका उदाहरण सुमेलित नहीं हैं ?

  1. भ्रांतिमान - जानि स्याम को स्याम घन नाचि उठे वन मोर।
  2. श्लेष - बलिहारी नृप - कूप की गुण बिन बूंद न देहिं ।
  3. उदाहरण - सठ सुधरहिं सत-संगति पाई। पारस परसि कु- धातु सुहाई।I 
  4. व्यतिरेक - मुख मयंक सो है सखी ! मधुर वचन सविशेष I

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : उदाहरण - सठ सुधरहिं सत-संगति पाई। पारस परसि कु- धातु सुहाई।I 

उदाहरण Question 6 Detailed Solution

अलंकार और उसका उदाहरण सुमेलित नहीं हैं-उदाहरण - सठ सुधरहिं सत-संगति पाई। पारस परसि कु- धातु सुहाई।I 

उदाहरण अलंकार-

  • जहां पर एक वाक्य कहकर उसके उदाहरण के रूप में दूसरा वाक्य कहा जाए वहां उदाहरण अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • बूंद आघात सहै गिरी कैसे।
      खल के वचन संत सह जैसे॥ 

Key Pointsसठ सुधरहिं सत-संगति पाई। पारस परसि कु- धातु सुहाई।I 

  • इस पंक्ति में दृष्टान्त अलंकार है।
  • यहां प्रथम वाक्य की सत्यता प्रतिपादित करने के लिए दुष्टांत-रूप में दूसरा वाक्य आया है और दोनों में एक ही विचार बिंदु है– अच्छे के साथ से बुरे का अच्छा हो जाना। 

दृष्टान्त अलंकार-

  • दृष्टांत उपमेय वाक्य और उपमान वाक्य तथा उनके साधारण धर्मों में, बिना वाचक शब्द का प्रयोग किए, बिंब-प्रतिबिंब भाव होने पर दृष्टांत अलंकार होता है।

Important Pointsभ्रांतिमान अलंकार-

  • जब उपमेय में उपमान के होने का भ्रम हो जाता हैं तब वहाँ पर भ्रांतिमान अलंकार होता है।
  • मतलब जहाँ एक वस्तु को देखने पर दूसरी वस्तु का भ्रम उत्पन्न हो जाता हैं वहाँ पर भ्रांतिमान अलंकार होता है।
  • यह अलंकार उभयालंकार का भी अंग माना जाता है।

श्लेष अलंकार-

  • काव्य में जहां शब्द एक बार प्रयोग होता है किंतु उसके अर्थ भिन्न-भिन्न होते हैं।
  • अर्थात उसके अर्थ दो या दो से अधिक निकलते हैं वहां श्लेष अलंकार माना जाता है।

व्यतिरेक अलंकार-

  • काव्य में जहाँ उपमेय को उपमान से श्रेष्ठ बताया जाता है, वहाँ व्यतिरेक अलंकार होता है।

Additional Informationसठ सुधरहिं सत-संगति पाई। पारस परसि कु- धातु सुहाई।I 

  • यह चौपाई तुलसीदास रचित रामचरितमानस से अवतरित है। 
  • पूर्ण चौपाई इस प्रकार है-
    • सठ सुधरहिं सतसंगति पाई। पारस परस कुधात सुहाई॥
      बिधि बस सुजन कुसंगत परहीं। फनि मनि सम निज गुन अनुसरहीं॥
  • चौपाई का अर्थ-
    • दुष्ट भी सत्संगति पाकर सुधर जाते हैं, जैसे पारस के स्पर्श से लोहा सुहावना हो जाता है (सुंदर सोना बन जाता है)। 
    • किन्तु दैवयोग से यदि कभी सज्जन कुसंगति में पड़ जाते हैं, तो वे वहाँ भी साँप की मणि के समान अपने गुणों का ही अनुसरण करते हैं। 

उदाहरण Question 7:

उदाहरण अलंकार का उदाहरण है-

  1. मधुर मधुर मुस्कान मनोहर , मनुज वेश का उजियाला।
  2. कल कानन कुंडल मोरपखा उर पा बनमाल बिराजती है।
  3. बूंद आघात सहै गिरी कैसे । खल के वचन संत सह जैसे ।।
  4. कालिंदी कूल कदम्ब की डरनी।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : बूंद आघात सहै गिरी कैसे । खल के वचन संत सह जैसे ।।

उदाहरण Question 7 Detailed Solution

बूंद आघात सहै गिरी कैसे । खल के वचन संत सह जैसे ।।- उदाहरण अलंकार का उदाहरण है.

Key Points

  • यह भी एक प्रकार का अलंकार होता है।
  • परिभषा:- जिन दो वाक्यों का साधारण धर्म भिन्न है, उसमें वाचक शब्द के द्वारा समता दिखाई जाए तो उदाहरण अलंकार होता है।
  • दृष्टांत अलंकार में वाचक शब्द नहीं रहता किंतु उदाहरण में रहता है।
  • जैसे: हम तुमको कुछ ऐसे चाहें, जैसे मीरा कान्हा को। 

उदाहरण Question 8:

"नीकि पै फीकी लगे, बिन अवसर की बात | जैसे बरनत जुद्ध में, नहिं सिंगार सुहात" || उक्त पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है -

  1. अन्योक्ति
  2. दृष्टांत
  3. उदाहरण
  4. उपमा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : उदाहरण

उदाहरण Question 8 Detailed Solution

उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "उदाहरण" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points
  • उपर्युक्त काव्यांश में उदाहरण अलंकार है।
  • उदाहरण अलंकार
    • जहाँ पर एक वाक्य कहकर उसके उदाहरण के रूप में दूसरा वाक्य कहा जाए वहां उदाहरण अलंकार होता है।
    • उदाहरण अलंकार में उपमेय वाक्य देने के बाद जैसे का प्रयोग होता है। और यह ही उदाहरण अलंकार की पहचान भी है।
Additional Information
  • अन्योक्ति अलंकार
    • जहाँ उपमान के माध्यम से उपमेय का वर्णन हो। उपमान अप्रस्तुत एवं उपमेय प्रस्तुत हो , वहां अन्योक्ति अलंकार होता है।
    • इस अलंकार को अप्रस्तुत प्रशंसा भी कहते हैं।
  • दृष्टांत अलंकार
    • जहाँ उपमेय और उपमान के साधारण धर्म में बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव दिखाया जाए, वहाँ दृष्टान्त अलंकार होता है।
    • या जहाँ दो सामान्य या दोनों विशेष वाक्यों में बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव होता हो वहाँ पर दृष्टान्त अलंकार होता है।
  • उपमा अलंकार
    • उपमा शब्द का अर्थ होता है – तुलना।
    • जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे यक्ति या वस्तु से की जाए वहाँ पर उपमा अलंकार होता है।
    • अर्थात जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण, आकृति, स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए, तब वहां उपमा अलंकर होता है।

उदाहरण Question 9:

"यों रहीम जस होत है, उपकारी के संग।

बाँटन वारे को लगय ज्यौ मेहंदी को रंग।।"

प्रस्तुत उदाहरण किस अलंकार का है ?

  1. दृष्टांत
  2. उदाहरण
  3. निदर्शना
  4. असंगति

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : उदाहरण

उदाहरण Question 9 Detailed Solution

"यों रहीम जस होत है, उपकारी के संग।

बाँटन वारे को लगय ज्यौ मेहंदी को रंग।।"

प्रस्तुत उदाहरण अलंकार का है - उदाहरण

Key Points

  • इस दोहे में रहीम कह रहे हैं कि उपकारी व्यक्ति के संग रहने से उसी प्रकार गुण प्राप्त होते हैं
  • जैसे मेहंदी बांटने वाले के हाथों में मेहंदी का रंग लग जाता है।
  • यहाँ पर "बाँटन वारे को लगय ज्यौ मेहंदी को रंग" के माध्यम से
    • उपकारी के संग रहने का प्रभाव समझाने के लिए उदाहरण दिया गया है।
  • इसलिए यह उदाहरण अलंकार है।

Important Pointsउदाहरण अलंकार:-

  • जब किसी कथन या भाव को स्पष्ट करने के लिए किसी उदाहरण का प्रयोग किया जाता है, तब उदाहरण अलंकार होता है। 
  • जैसे-
    • ऐसी गति संसार की, ज्यों गाङर का ठाठ।
    • एक पङा जेहि खांङ में, सबहिं जाहिं तेहि बाट।।
  • (स्पष्टीकरण– इस उदाहरण में कहा गया है कि इस संसार की स्थिति उस भेङ की तरह है
    • जहाँ एक जाती है, वहाँ सभी जाती हैं। अतः यहाँ पर उदाहरण अलंकार है।)

Additional Information

दृष्टांत:-

  • जहां किसी बात को कहकर, उससे मिलती-जुलती बात द्वारा दृष्टांत दिया जाए, वहां दृष्टांत अलंकार होता है

उदाहरण-

  • सठ सुधरहिं सत संगति पाई।
  • परस परसि कुधातु सुहाई।।
  • (यहाँ प्रथम वाक्य सत्संगति से दुष्ट भी उस प्रकार सुधर जाते हैं इसे दुसरे वाक्य पारस के स्पर्श से लोहा भी सोना बन जाता है इसे प्रतिबिम्ब के द्वारा बताया है)

निदर्शना:-

  • जब उपमेय और उपमान के से दो वाक्यों में अर्थ की भिन्नता होते हुए भी, एक- दूसरे का सम्बन्ध इस प्रकार स्थापित किया जाय कि उनमें समानता प्रतीत होने लगे, तब निदर्शना अलंकार होता है।

उदाहरण -

  • यह प्रेम को पंथ कराल महा,
  • तरवार की धार पै धावनो है।
  • (यहाँ पर प्रेम के पंथ पर चलना तलवार की धार पर दौड़ना नहीं है, पर तलवार की धार पर दौड़ने के समान उसे दुष्कर बताया गया है। अतः यहाँ निदर्शना अलंकार है।)
  •  

असंगति:-

  • जहाँ पर जो कारण होता है, कार्य भी वहीं होना चाहिए। चोट पाँव में लगे, तो दर्द भी पाँ में ही होना चाहिए।
  • लेकिन जहाँ कारण कहीं और कार्य कहीं और होने का वर्णन होता है, तो वहाँ 'असंगति अलंकार' होता है।

उदाहरण-  

  • तुमने पैरों में लगाई मेंहदी
  • मेरी आँखों में समाई मेंहदी।
  • (यहाँ पर मेंहदी पैरो में लगाई गई परन्तु मेहदी को आंखों से देखकर उसका परिणाम निश्चित किया जा रहा है।)

उदाहरण Question 10:

“जगत जनायो जिहिं सकल, सो हरि जान्हो नाहिं ।

ज्यो आँखिन सब देखियै, आँखि न देखी जाहिं ।।”

उक्त दोहे में कौन सा अलंकार है ?

  1. दृष्टांत 
  2. उदाहरण
  3. उपमा
  4. प्रतिवस्तु

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : उदाहरण

उदाहरण Question 10 Detailed Solution

“जगत जनायो जिहिं सकल, सो हरि जान्हो नाहिं ।

ज्यो आँखिन सब देखियै, आँखि न देखी जाहिं ।।”

उक्त दोहे में उदाहरण अलंकार है।

Key Points

  • जिन दो वाक्यों का साधारण धर्म भिन्न है, उसमें वाचक शब्द के द्वारा समता दिखाई जाए तो 'उदाहरण अलंकार' होता है।
    • उदाहरण- बूंद आघात सहै गिरी कैसे ।
                     खल के वचन संत सह जैसे ।।

Additional Informationदृष्टांत अलंकार:- 

  • पहले कही हुई किसी बात को स्पष्ट करने के लिए उससे मिलती-जुलती दूसरी बात कही जाए, तब ‘दृष्टांत अलंकार’ होता है।

उदाहरण-

  • जपत एक हरिनाम के पातक कोटि बिलाय।

             लघु चिनगारी एकते घास ढेर जरि जाय।।

उपमा अलंकार:- 

  • उपमा शब्द का अर्थ होता है – तुलना
  • जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे यक्ति या वस्तु से की जाए वहाँ पर उपमा अलंकार होता है। 

उदाहरण-

  • हरि पद कोमल कमल। 

प्रतिवस्तु अलंकार:- 

  • जब दो वाक्यों में वस्तु-प्रति वस्तु भाव हो तो वहाँ प्रतिवस्तु अलंकार होता है। 
उदाहरण-
  • राजत मुख मृदु बानि सों, लसत सुधा सों चन्द।
  • निर्झर सों नीको सु गिरि, मद सों भली गयन्द।

उदाहरण Question 11:

किस विकल्प में अलंकार और उसका उदाहरण सुमेलित नहीं हैं ?

  1. भ्रांतिमान - जानि स्याम को स्याम घन नाचि उठे वन मोर।
  2. श्लेष - बलिहारी नृप - कूप की गुण बिन बूंद न देहिं ।
  3. उदाहरण - सठ सुधरहिं सत-संगति पाई। पारस परसि कु- धातु सुहाई।I 
  4. उपर्युक्त में एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : उदाहरण - सठ सुधरहिं सत-संगति पाई। पारस परसि कु- धातु सुहाई।I 

उदाहरण Question 11 Detailed Solution

अलंकार और उसका उदाहरण सुमेलित नहीं हैं-उदाहरण - सठ सुधरहिं सत-संगति पाई। पारस परसि कु- धातु सुहाई।I 

उदाहरण अलंकार-

  • जहां पर एक वाक्य कहकर उसके उदाहरण के रूप में दूसरा वाक्य कहा जाए वहां उदाहरण अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • बूंद आघात सहै गिरी कैसे।
      खल के वचन संत सह जैसे॥ 

Key Pointsसठ सुधरहिं सत-संगति पाई। पारस परसि कु- धातु सुहाई।I 

  • इस पंक्ति में दृष्टान्त अलंकार है।
  • यहां प्रथम वाक्य की सत्यता प्रतिपादित करने के लिए दुष्टांत-रूप में दूसरा वाक्य आया है और दोनों में एक ही विचार बिंदु है– अच्छे के साथ से बुरे का अच्छा हो जाना। 

दृष्टान्त अलंकार-

  • दृष्टांत उपमेय वाक्य और उपमान वाक्य तथा उनके साधारण धर्मों में, बिना वाचक शब्द का प्रयोग किए, बिंब-प्रतिबिंब भाव होने पर दृष्टांत अलंकार होता है।

Important Pointsभ्रांतिमान अलंकार-

  • जब उपमेय में उपमान के होने का भ्रम हो जाता हैं तब वहाँ पर भ्रांतिमान अलंकार होता है।
  • मतलब जहाँ एक वस्तु को देखने पर दूसरी वस्तु का भ्रम उत्पन्न हो जाता हैं वहाँ पर भ्रांतिमान अलंकार होता है।
  • यह अलंकार उभयालंकार का भी अंग माना जाता है।

श्लेष अलंकार-

  • काव्य में जहां शब्द एक बार प्रयोग होता है किंतु उसके अर्थ भिन्न-भिन्न होते हैं।
  • अर्थात उसके अर्थ दो या दो से अधिक निकलते हैं वहां श्लेष अलंकार माना जाता है।

व्यतिरेक अलंकार-

  • काव्य में जहाँ उपमेय को उपमान से श्रेष्ठ बताया जाता है, वहाँ व्यतिरेक अलंकार होता है।

Additional Informationसठ सुधरहिं सत-संगति पाई। पारस परसि कु- धातु सुहाई।I 

  • यह चौपाई तुलसीदास रचित रामचरितमानस से अवतरित है। 
  • पूर्ण चौपाई इस प्रकार है-
    • सठ सुधरहिं सतसंगति पाई। पारस परस कुधात सुहाई॥
      बिधि बस सुजन कुसंगत परहीं। फनि मनि सम निज गुन अनुसरहीं॥
  • चौपाई का अर्थ-
    • दुष्ट भी सत्संगति पाकर सुधर जाते हैं, जैसे पारस के स्पर्श से लोहा सुहावना हो जाता है (सुंदर सोना बन जाता है)। 
    • किन्तु दैवयोग से यदि कभी सज्जन कुसंगति में पड़ जाते हैं, तो वे वहाँ भी साँप की मणि के समान अपने गुणों का ही अनुसरण करते हैं। 
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