उदाहरण MCQ Quiz - Objective Question with Answer for उदाहरण - Download Free PDF
Last updated on Mar 25, 2025
Latest उदाहरण MCQ Objective Questions
उदाहरण Question 1:
"यों रहीम जस होत है, उपकारी के संग।
बाँटन वारे को लगय ज्यौ मेहंदी को रंग।।"
प्रस्तुत उदाहरण किस अलंकार का है ?
Answer (Detailed Solution Below)
उदाहरण Question 1 Detailed Solution
"यों रहीम जस होत है, उपकारी के संग।
बाँटन वारे को लगय ज्यौ मेहंदी को रंग।।"
प्रस्तुत उदाहरण अलंकार का है - उदाहरण
Key Points
- इस दोहे में रहीम कह रहे हैं कि उपकारी व्यक्ति के संग रहने से उसी प्रकार गुण प्राप्त होते हैं
- जैसे मेहंदी बांटने वाले के हाथों में मेहंदी का रंग लग जाता है।
- यहाँ पर "बाँटन वारे को लगय ज्यौ मेहंदी को रंग" के माध्यम से
- उपकारी के संग रहने का प्रभाव समझाने के लिए उदाहरण दिया गया है।
- इसलिए यह उदाहरण अलंकार है।
Important Pointsउदाहरण अलंकार:-
- जब किसी कथन या भाव को स्पष्ट करने के लिए किसी उदाहरण का प्रयोग किया जाता है, तब उदाहरण अलंकार होता है।
- जैसे-
- ऐसी गति संसार की, ज्यों गाङर का ठाठ।
- एक पङा जेहि खांङ में, सबहिं जाहिं तेहि बाट।।
- (स्पष्टीकरण– इस उदाहरण में कहा गया है कि इस संसार की स्थिति उस भेङ की तरह है
- जहाँ एक जाती है, वहाँ सभी जाती हैं। अतः यहाँ पर उदाहरण अलंकार है।)
Additional Information
दृष्टांत:-
उदाहरण-
निदर्शना:-
उदाहरण -
असंगति:-
उदाहरण-
|
उदाहरण Question 2:
किस विकल्प में अलंकार और उसका उदाहरण सुमेलित नहीं हैं ?
Answer (Detailed Solution Below)
उदाहरण Question 2 Detailed Solution
अलंकार और उसका उदाहरण सुमेलित नहीं हैं-उदाहरण - सठ सुधरहिं सत-संगति पाई। पारस परसि कु- धातु सुहाई।I
उदाहरण अलंकार-
- जहां पर एक वाक्य कहकर उसके उदाहरण के रूप में दूसरा वाक्य कहा जाए वहां उदाहरण अलंकार होता है।
- उदाहरण-
- बूंद आघात सहै गिरी कैसे।
खल के वचन संत सह जैसे॥
- बूंद आघात सहै गिरी कैसे।
Key Pointsसठ सुधरहिं सत-संगति पाई। पारस परसि कु- धातु सुहाई।I
- इस पंक्ति में दृष्टान्त अलंकार है।
- यहां प्रथम वाक्य की सत्यता प्रतिपादित करने के लिए दुष्टांत-रूप में दूसरा वाक्य आया है और दोनों में एक ही विचार बिंदु है– अच्छे के साथ से बुरे का अच्छा हो जाना।
दृष्टान्त अलंकार-
- दृष्टांत उपमेय वाक्य और उपमान वाक्य तथा उनके साधारण धर्मों में, बिना वाचक शब्द का प्रयोग किए, बिंब-प्रतिबिंब भाव होने पर दृष्टांत अलंकार होता है।
Important Pointsभ्रांतिमान अलंकार-
- जब उपमेय में उपमान के होने का भ्रम हो जाता हैं तब वहाँ पर भ्रांतिमान अलंकार होता है।
- मतलब जहाँ एक वस्तु को देखने पर दूसरी वस्तु का भ्रम उत्पन्न हो जाता हैं वहाँ पर भ्रांतिमान अलंकार होता है।
- यह अलंकार उभयालंकार का भी अंग माना जाता है।
श्लेष अलंकार-
- काव्य में जहां शब्द एक बार प्रयोग होता है किंतु उसके अर्थ भिन्न-भिन्न होते हैं।
- अर्थात उसके अर्थ दो या दो से अधिक निकलते हैं वहां श्लेष अलंकार माना जाता है।
व्यतिरेक अलंकार-
- काव्य में जहाँ उपमेय को उपमान से श्रेष्ठ बताया जाता है, वहाँ व्यतिरेक अलंकार होता है।
Additional Informationसठ सुधरहिं सत-संगति पाई। पारस परसि कु- धातु सुहाई।I
- यह चौपाई तुलसीदास रचित रामचरितमानस से अवतरित है।
- पूर्ण चौपाई इस प्रकार है-
- सठ सुधरहिं सतसंगति पाई। पारस परस कुधात सुहाई॥
बिधि बस सुजन कुसंगत परहीं। फनि मनि सम निज गुन अनुसरहीं॥
- सठ सुधरहिं सतसंगति पाई। पारस परस कुधात सुहाई॥
- चौपाई का अर्थ-
- दुष्ट भी सत्संगति पाकर सुधर जाते हैं, जैसे पारस के स्पर्श से लोहा सुहावना हो जाता है (सुंदर सोना बन जाता है)।
- किन्तु दैवयोग से यदि कभी सज्जन कुसंगति में पड़ जाते हैं, तो वे वहाँ भी साँप की मणि के समान अपने गुणों का ही अनुसरण करते हैं।
उदाहरण Question 3:
उदाहरण अलंकार का उदाहरण है-
Answer (Detailed Solution Below)
उदाहरण Question 3 Detailed Solution
बूंद आघात सहै गिरी कैसे । खल के वचन संत सह जैसे ।।- उदाहरण अलंकार का उदाहरण है.
Key Points
- यह भी एक प्रकार का अलंकार होता है।
- परिभषा:- जिन दो वाक्यों का साधारण धर्म भिन्न है, उसमें वाचक शब्द के द्वारा समता दिखाई जाए तो उदाहरण अलंकार होता है।
- दृष्टांत अलंकार में वाचक शब्द नहीं रहता किंतु उदाहरण में रहता है।
- जैसे: हम तुमको कुछ ऐसे चाहें, जैसे मीरा कान्हा को।
उदाहरण Question 4:
"नीकि पै फीकी लगे, बिन अवसर की बात | जैसे बरनत जुद्ध में, नहिं सिंगार सुहात" || उक्त पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है -
Answer (Detailed Solution Below)
उदाहरण Question 4 Detailed Solution
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "उदाहरण" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- उपर्युक्त काव्यांश में उदाहरण अलंकार है।
- उदाहरण अलंकार
- जहाँ पर एक वाक्य कहकर उसके उदाहरण के रूप में दूसरा वाक्य कहा जाए वहां उदाहरण अलंकार होता है।
- उदाहरण अलंकार में उपमेय वाक्य देने के बाद जैसे का प्रयोग होता है। और यह ही उदाहरण अलंकार की पहचान भी है।
- अन्योक्ति अलंकार
- जहाँ उपमान के माध्यम से उपमेय का वर्णन हो। उपमान अप्रस्तुत एवं उपमेय प्रस्तुत हो , वहां अन्योक्ति अलंकार होता है।
- इस अलंकार को अप्रस्तुत प्रशंसा भी कहते हैं।
- दृष्टांत अलंकार
- जहाँ उपमेय और उपमान के साधारण धर्म में बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव दिखाया जाए, वहाँ दृष्टान्त अलंकार होता है।
- या जहाँ दो सामान्य या दोनों विशेष वाक्यों में बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव होता हो वहाँ पर दृष्टान्त अलंकार होता है।
- उपमा अलंकार
- उपमा शब्द का अर्थ होता है – तुलना।
- जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे यक्ति या वस्तु से की जाए वहाँ पर उपमा अलंकार होता है।
- अर्थात जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण, आकृति, स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए, तब वहां उपमा अलंकर होता है।
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"यों रहीम जस होत है, उपकारी के संग।
बाँटन वारे को लगय ज्यौ मेहंदी को रंग।।"
प्रस्तुत उदाहरण किस अलंकार का है ?
Answer (Detailed Solution Below)
उदाहरण Question 5 Detailed Solution
Download Solution PDF"यों रहीम जस होत है, उपकारी के संग।
बाँटन वारे को लगय ज्यौ मेहंदी को रंग।।"
प्रस्तुत उदाहरण अलंकार का है - उदाहरण
Key Points
- इस दोहे में रहीम कह रहे हैं कि उपकारी व्यक्ति के संग रहने से उसी प्रकार गुण प्राप्त होते हैं
- जैसे मेहंदी बांटने वाले के हाथों में मेहंदी का रंग लग जाता है।
- यहाँ पर "बाँटन वारे को लगय ज्यौ मेहंदी को रंग" के माध्यम से
- उपकारी के संग रहने का प्रभाव समझाने के लिए उदाहरण दिया गया है।
- इसलिए यह उदाहरण अलंकार है।
Important Pointsउदाहरण अलंकार:-
- जब किसी कथन या भाव को स्पष्ट करने के लिए किसी उदाहरण का प्रयोग किया जाता है, तब उदाहरण अलंकार होता है।
- जैसे-
- ऐसी गति संसार की, ज्यों गाङर का ठाठ।
- एक पङा जेहि खांङ में, सबहिं जाहिं तेहि बाट।।
- (स्पष्टीकरण– इस उदाहरण में कहा गया है कि इस संसार की स्थिति उस भेङ की तरह है
- जहाँ एक जाती है, वहाँ सभी जाती हैं। अतः यहाँ पर उदाहरण अलंकार है।)
Additional Information
दृष्टांत:-
उदाहरण-
निदर्शना:-
उदाहरण -
असंगति:-
उदाहरण-
|
उदाहरण Question 6:
किस विकल्प में अलंकार और उसका उदाहरण सुमेलित नहीं हैं ?
Answer (Detailed Solution Below)
उदाहरण Question 6 Detailed Solution
अलंकार और उसका उदाहरण सुमेलित नहीं हैं-उदाहरण - सठ सुधरहिं सत-संगति पाई। पारस परसि कु- धातु सुहाई।I
उदाहरण अलंकार-
- जहां पर एक वाक्य कहकर उसके उदाहरण के रूप में दूसरा वाक्य कहा जाए वहां उदाहरण अलंकार होता है।
- उदाहरण-
- बूंद आघात सहै गिरी कैसे।
खल के वचन संत सह जैसे॥
- बूंद आघात सहै गिरी कैसे।
Key Pointsसठ सुधरहिं सत-संगति पाई। पारस परसि कु- धातु सुहाई।I
- इस पंक्ति में दृष्टान्त अलंकार है।
- यहां प्रथम वाक्य की सत्यता प्रतिपादित करने के लिए दुष्टांत-रूप में दूसरा वाक्य आया है और दोनों में एक ही विचार बिंदु है– अच्छे के साथ से बुरे का अच्छा हो जाना।
दृष्टान्त अलंकार-
- दृष्टांत उपमेय वाक्य और उपमान वाक्य तथा उनके साधारण धर्मों में, बिना वाचक शब्द का प्रयोग किए, बिंब-प्रतिबिंब भाव होने पर दृष्टांत अलंकार होता है।
Important Pointsभ्रांतिमान अलंकार-
- जब उपमेय में उपमान के होने का भ्रम हो जाता हैं तब वहाँ पर भ्रांतिमान अलंकार होता है।
- मतलब जहाँ एक वस्तु को देखने पर दूसरी वस्तु का भ्रम उत्पन्न हो जाता हैं वहाँ पर भ्रांतिमान अलंकार होता है।
- यह अलंकार उभयालंकार का भी अंग माना जाता है।
श्लेष अलंकार-
- काव्य में जहां शब्द एक बार प्रयोग होता है किंतु उसके अर्थ भिन्न-भिन्न होते हैं।
- अर्थात उसके अर्थ दो या दो से अधिक निकलते हैं वहां श्लेष अलंकार माना जाता है।
व्यतिरेक अलंकार-
- काव्य में जहाँ उपमेय को उपमान से श्रेष्ठ बताया जाता है, वहाँ व्यतिरेक अलंकार होता है।
Additional Informationसठ सुधरहिं सत-संगति पाई। पारस परसि कु- धातु सुहाई।I
- यह चौपाई तुलसीदास रचित रामचरितमानस से अवतरित है।
- पूर्ण चौपाई इस प्रकार है-
- सठ सुधरहिं सतसंगति पाई। पारस परस कुधात सुहाई॥
बिधि बस सुजन कुसंगत परहीं। फनि मनि सम निज गुन अनुसरहीं॥
- सठ सुधरहिं सतसंगति पाई। पारस परस कुधात सुहाई॥
- चौपाई का अर्थ-
- दुष्ट भी सत्संगति पाकर सुधर जाते हैं, जैसे पारस के स्पर्श से लोहा सुहावना हो जाता है (सुंदर सोना बन जाता है)।
- किन्तु दैवयोग से यदि कभी सज्जन कुसंगति में पड़ जाते हैं, तो वे वहाँ भी साँप की मणि के समान अपने गुणों का ही अनुसरण करते हैं।
उदाहरण Question 7:
उदाहरण अलंकार का उदाहरण है-
Answer (Detailed Solution Below)
उदाहरण Question 7 Detailed Solution
बूंद आघात सहै गिरी कैसे । खल के वचन संत सह जैसे ।।- उदाहरण अलंकार का उदाहरण है.
Key Points
- यह भी एक प्रकार का अलंकार होता है।
- परिभषा:- जिन दो वाक्यों का साधारण धर्म भिन्न है, उसमें वाचक शब्द के द्वारा समता दिखाई जाए तो उदाहरण अलंकार होता है।
- दृष्टांत अलंकार में वाचक शब्द नहीं रहता किंतु उदाहरण में रहता है।
- जैसे: हम तुमको कुछ ऐसे चाहें, जैसे मीरा कान्हा को।
उदाहरण Question 8:
"नीकि पै फीकी लगे, बिन अवसर की बात | जैसे बरनत जुद्ध में, नहिं सिंगार सुहात" || उक्त पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है -
Answer (Detailed Solution Below)
उदाहरण Question 8 Detailed Solution
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "उदाहरण" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- उपर्युक्त काव्यांश में उदाहरण अलंकार है।
- उदाहरण अलंकार
- जहाँ पर एक वाक्य कहकर उसके उदाहरण के रूप में दूसरा वाक्य कहा जाए वहां उदाहरण अलंकार होता है।
- उदाहरण अलंकार में उपमेय वाक्य देने के बाद जैसे का प्रयोग होता है। और यह ही उदाहरण अलंकार की पहचान भी है।
- अन्योक्ति अलंकार
- जहाँ उपमान के माध्यम से उपमेय का वर्णन हो। उपमान अप्रस्तुत एवं उपमेय प्रस्तुत हो , वहां अन्योक्ति अलंकार होता है।
- इस अलंकार को अप्रस्तुत प्रशंसा भी कहते हैं।
- दृष्टांत अलंकार
- जहाँ उपमेय और उपमान के साधारण धर्म में बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव दिखाया जाए, वहाँ दृष्टान्त अलंकार होता है।
- या जहाँ दो सामान्य या दोनों विशेष वाक्यों में बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव होता हो वहाँ पर दृष्टान्त अलंकार होता है।
- उपमा अलंकार
- उपमा शब्द का अर्थ होता है – तुलना।
- जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे यक्ति या वस्तु से की जाए वहाँ पर उपमा अलंकार होता है।
- अर्थात जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण, आकृति, स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए, तब वहां उपमा अलंकर होता है।
उदाहरण Question 9:
"यों रहीम जस होत है, उपकारी के संग।
बाँटन वारे को लगय ज्यौ मेहंदी को रंग।।"
प्रस्तुत उदाहरण किस अलंकार का है ?
Answer (Detailed Solution Below)
उदाहरण Question 9 Detailed Solution
"यों रहीम जस होत है, उपकारी के संग।
बाँटन वारे को लगय ज्यौ मेहंदी को रंग।।"
प्रस्तुत उदाहरण अलंकार का है - उदाहरण
Key Points
- इस दोहे में रहीम कह रहे हैं कि उपकारी व्यक्ति के संग रहने से उसी प्रकार गुण प्राप्त होते हैं
- जैसे मेहंदी बांटने वाले के हाथों में मेहंदी का रंग लग जाता है।
- यहाँ पर "बाँटन वारे को लगय ज्यौ मेहंदी को रंग" के माध्यम से
- उपकारी के संग रहने का प्रभाव समझाने के लिए उदाहरण दिया गया है।
- इसलिए यह उदाहरण अलंकार है।
Important Pointsउदाहरण अलंकार:-
- जब किसी कथन या भाव को स्पष्ट करने के लिए किसी उदाहरण का प्रयोग किया जाता है, तब उदाहरण अलंकार होता है।
- जैसे-
- ऐसी गति संसार की, ज्यों गाङर का ठाठ।
- एक पङा जेहि खांङ में, सबहिं जाहिं तेहि बाट।।
- (स्पष्टीकरण– इस उदाहरण में कहा गया है कि इस संसार की स्थिति उस भेङ की तरह है
- जहाँ एक जाती है, वहाँ सभी जाती हैं। अतः यहाँ पर उदाहरण अलंकार है।)
Additional Information
दृष्टांत:-
उदाहरण-
निदर्शना:-
उदाहरण -
असंगति:-
उदाहरण-
|
उदाहरण Question 10:
“जगत जनायो जिहिं सकल, सो हरि जान्हो नाहिं ।
ज्यो आँखिन सब देखियै, आँखि न देखी जाहिं ।।”
उक्त दोहे में कौन सा अलंकार है ?Answer (Detailed Solution Below)
उदाहरण Question 10 Detailed Solution
“जगत जनायो जिहिं सकल, सो हरि जान्हो नाहिं ।
ज्यो आँखिन सब देखियै, आँखि न देखी जाहिं ।।”
उक्त दोहे में उदाहरण अलंकार है।
Key Points
- जिन दो वाक्यों का साधारण धर्म भिन्न है, उसमें वाचक शब्द के द्वारा समता दिखाई जाए तो 'उदाहरण अलंकार' होता है।
- उदाहरण- बूंद आघात सहै गिरी कैसे ।
खल के वचन संत सह जैसे ।।
- उदाहरण- बूंद आघात सहै गिरी कैसे ।
Additional Informationदृष्टांत अलंकार:-
- पहले कही हुई किसी बात को स्पष्ट करने के लिए उससे मिलती-जुलती दूसरी बात कही जाए, तब ‘दृष्टांत अलंकार’ होता है।
उदाहरण-
- जपत एक हरिनाम के पातक कोटि बिलाय।
लघु चिनगारी एकते घास ढेर जरि जाय।।
उपमा अलंकार:-
- उपमा शब्द का अर्थ होता है – तुलना।
- जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे यक्ति या वस्तु से की जाए वहाँ पर उपमा अलंकार होता है।
उदाहरण-
- हरि पद कोमल कमल।
प्रतिवस्तु अलंकार:-
- जब दो वाक्यों में वस्तु-प्रति वस्तु भाव हो तो वहाँ प्रतिवस्तु अलंकार होता है।
- राजत मुख मृदु बानि सों, लसत सुधा सों चन्द।
- निर्झर सों नीको सु गिरि, मद सों भली गयन्द।।
उदाहरण Question 11:
किस विकल्प में अलंकार और उसका उदाहरण सुमेलित नहीं हैं ?
Answer (Detailed Solution Below)
उदाहरण Question 11 Detailed Solution
अलंकार और उसका उदाहरण सुमेलित नहीं हैं-उदाहरण - सठ सुधरहिं सत-संगति पाई। पारस परसि कु- धातु सुहाई।I
उदाहरण अलंकार-
- जहां पर एक वाक्य कहकर उसके उदाहरण के रूप में दूसरा वाक्य कहा जाए वहां उदाहरण अलंकार होता है।
- उदाहरण-
- बूंद आघात सहै गिरी कैसे।
खल के वचन संत सह जैसे॥
- बूंद आघात सहै गिरी कैसे।
Key Pointsसठ सुधरहिं सत-संगति पाई। पारस परसि कु- धातु सुहाई।I
- इस पंक्ति में दृष्टान्त अलंकार है।
- यहां प्रथम वाक्य की सत्यता प्रतिपादित करने के लिए दुष्टांत-रूप में दूसरा वाक्य आया है और दोनों में एक ही विचार बिंदु है– अच्छे के साथ से बुरे का अच्छा हो जाना।
दृष्टान्त अलंकार-
- दृष्टांत उपमेय वाक्य और उपमान वाक्य तथा उनके साधारण धर्मों में, बिना वाचक शब्द का प्रयोग किए, बिंब-प्रतिबिंब भाव होने पर दृष्टांत अलंकार होता है।
Important Pointsभ्रांतिमान अलंकार-
- जब उपमेय में उपमान के होने का भ्रम हो जाता हैं तब वहाँ पर भ्रांतिमान अलंकार होता है।
- मतलब जहाँ एक वस्तु को देखने पर दूसरी वस्तु का भ्रम उत्पन्न हो जाता हैं वहाँ पर भ्रांतिमान अलंकार होता है।
- यह अलंकार उभयालंकार का भी अंग माना जाता है।
श्लेष अलंकार-
- काव्य में जहां शब्द एक बार प्रयोग होता है किंतु उसके अर्थ भिन्न-भिन्न होते हैं।
- अर्थात उसके अर्थ दो या दो से अधिक निकलते हैं वहां श्लेष अलंकार माना जाता है।
व्यतिरेक अलंकार-
- काव्य में जहाँ उपमेय को उपमान से श्रेष्ठ बताया जाता है, वहाँ व्यतिरेक अलंकार होता है।
Additional Informationसठ सुधरहिं सत-संगति पाई। पारस परसि कु- धातु सुहाई।I
- यह चौपाई तुलसीदास रचित रामचरितमानस से अवतरित है।
- पूर्ण चौपाई इस प्रकार है-
- सठ सुधरहिं सतसंगति पाई। पारस परस कुधात सुहाई॥
बिधि बस सुजन कुसंगत परहीं। फनि मनि सम निज गुन अनुसरहीं॥
- सठ सुधरहिं सतसंगति पाई। पारस परस कुधात सुहाई॥
- चौपाई का अर्थ-
- दुष्ट भी सत्संगति पाकर सुधर जाते हैं, जैसे पारस के स्पर्श से लोहा सुहावना हो जाता है (सुंदर सोना बन जाता है)।
- किन्तु दैवयोग से यदि कभी सज्जन कुसंगति में पड़ जाते हैं, तो वे वहाँ भी साँप की मणि के समान अपने गुणों का ही अनुसरण करते हैं।