अनुमान MCQ Quiz - Objective Question with Answer for अनुमान - Download Free PDF
Last updated on May 15, 2025
Latest अनुमान MCQ Objective Questions
अनुमान Question 1:
प्रत्यक्ष के द्वारा अप्रत्यक्ष का चमत्कारपूर्ण वर्णन किस अलंकार का लक्षण है ?
Answer (Detailed Solution Below)
अनुमान Question 1 Detailed Solution
प्रत्यक्ष के द्वारा अप्रत्यक्ष का चमत्कारपूर्ण वर्णन अनुमान अलंकार का लक्षण है।
Key Points
- प्रत्यक्ष के द्वारा पर अप्रत्यक्ष की कल्पना या अनुमान करना ही अनुमान अलंकार होता है,यह एक तर्क न्यायमूलक अलंकार है।
- उदाहरण -
- मोहि करत कत बावरी, किये दूराव दुरै न।
- कहे देत रंग राति के, रँग निचुरत से नैन॥ - बिहारीलाल
- (यहाँ लाल आँखें देखकर रात की रति-केलि का अनुमान हो रहा है। 'रंग निचुरत से नैन' साधन है जिसके द्वारा 'रति के रंग' साध्य का अनुमान होता है।)
अलंकार | लक्षण\पहचान | उदाहरण |
एकावली | जहां श्रृंखलारूप में वर्णित पदार्थों में विशेष्य विशेषण भाव सम्बन्ध हो, वहां एकावली अलंकार होता है। |
मानुष वही जो हो गुनी, गुनी जो कोबिद रूप। (यहाँ 'मानुष' विशेष्य और 'गुनी' उसका विशेषण है, आगे चलकर यह 'गुनी' ही विशेष्य हो जाता है और 'कोबिद' उसका विशेषण।) |
कारणमाला | एक का दूसरा कारण, दूसरे का तीसरा कारण बताते जाना |
होत लोभ ते मोह, मोहहिं ते उपजे गरब। लोभ→ मोह→ गर्व→ क्रोध→ कलह→ व्यथा। |
परिकर | जब विशेष्य के साथ किसी विशेषण का साभिप्राय प्रयोग हो, तब परिकर अलंकार होता है। |
सोच हिमालय के अधिवासी, यह लज्जा की बात हाय। (यहाँ शान्ति न पाना क्रिया के प्रसंग में, 'हिमालय के अधिवासी' यह विशेषण साभिप्राय है। जो शीतल हिमालय का अधिवासी है, वही अपने ही तापों से सन्तप्त रहे तो वस्तुत: लज्जा की बात है।) |
अनुमान Question 2:
प्रत्यक्ष के द्वारा अप्रत्यक्ष का चमत्कारपूर्ण वर्णन किस अलंकार का लक्षण है ?
Answer (Detailed Solution Below)
अनुमान Question 2 Detailed Solution
प्रत्यक्ष के द्वारा अप्रत्यक्ष का चमत्कारपूर्ण वर्णन अनुमान अलंकार का लक्षण है।
Key Points
- प्रत्यक्ष के द्वारा पर अप्रत्यक्ष की कल्पना या अनुमान करना ही अनुमान अलंकार होता है,यह एक तर्क न्यायमूलक अलंकार है।
- उदाहरण -
- मोहि करत कत बावरी, किये दूराव दुरै न।
- कहे देत रंग राति के, रँग निचुरत से नैन॥ - बिहारीलाल
- (यहाँ लाल आँखें देखकर रात की रति-केलि का अनुमान हो रहा है। 'रंग निचुरत से नैन' साधन है जिसके द्वारा 'रति के रंग' साध्य का अनुमान होता है।)
अलंकार | लक्षण\पहचान | उदाहरण |
एकावली | जहां श्रृंखलारूप में वर्णित पदार्थों में विशेष्य विशेषण भाव सम्बन्ध हो, वहां एकावली अलंकार होता है। |
मानुष वही जो हो गुनी, गुनी जो कोबिद रूप। (यहाँ 'मानुष' विशेष्य और 'गुनी' उसका विशेषण है, आगे चलकर यह 'गुनी' ही विशेष्य हो जाता है और 'कोबिद' उसका विशेषण।) |
कारणमाला | एक का दूसरा कारण, दूसरे का तीसरा कारण बताते जाना |
होत लोभ ते मोह, मोहहिं ते उपजे गरब। लोभ→ मोह→ गर्व→ क्रोध→ कलह→ व्यथा। |
परिकर | जब विशेष्य के साथ किसी विशेषण का साभिप्राय प्रयोग हो, तब परिकर अलंकार होता है। |
सोच हिमालय के अधिवासी, यह लज्जा की बात हाय। (यहाँ शान्ति न पाना क्रिया के प्रसंग में, 'हिमालय के अधिवासी' यह विशेषण साभिप्राय है। जो शीतल हिमालय का अधिवासी है, वही अपने ही तापों से सन्तप्त रहे तो वस्तुत: लज्जा की बात है।) |
Top अनुमान MCQ Objective Questions
प्रत्यक्ष के द्वारा अप्रत्यक्ष का चमत्कारपूर्ण वर्णन किस अलंकार का लक्षण है ?
Answer (Detailed Solution Below)
अनुमान Question 3 Detailed Solution
Download Solution PDFप्रत्यक्ष के द्वारा अप्रत्यक्ष का चमत्कारपूर्ण वर्णन अनुमान अलंकार का लक्षण है।
Key Points
- प्रत्यक्ष के द्वारा पर अप्रत्यक्ष की कल्पना या अनुमान करना ही अनुमान अलंकार होता है,यह एक तर्क न्यायमूलक अलंकार है।
- उदाहरण -
- मोहि करत कत बावरी, किये दूराव दुरै न।
- कहे देत रंग राति के, रँग निचुरत से नैन॥ - बिहारीलाल
- (यहाँ लाल आँखें देखकर रात की रति-केलि का अनुमान हो रहा है। 'रंग निचुरत से नैन' साधन है जिसके द्वारा 'रति के रंग' साध्य का अनुमान होता है।)
अलंकार | लक्षण\पहचान | उदाहरण |
एकावली | जहां श्रृंखलारूप में वर्णित पदार्थों में विशेष्य विशेषण भाव सम्बन्ध हो, वहां एकावली अलंकार होता है। |
मानुष वही जो हो गुनी, गुनी जो कोबिद रूप। (यहाँ 'मानुष' विशेष्य और 'गुनी' उसका विशेषण है, आगे चलकर यह 'गुनी' ही विशेष्य हो जाता है और 'कोबिद' उसका विशेषण।) |
कारणमाला | एक का दूसरा कारण, दूसरे का तीसरा कारण बताते जाना |
होत लोभ ते मोह, मोहहिं ते उपजे गरब। लोभ→ मोह→ गर्व→ क्रोध→ कलह→ व्यथा। |
परिकर | जब विशेष्य के साथ किसी विशेषण का साभिप्राय प्रयोग हो, तब परिकर अलंकार होता है। |
सोच हिमालय के अधिवासी, यह लज्जा की बात हाय। (यहाँ शान्ति न पाना क्रिया के प्रसंग में, 'हिमालय के अधिवासी' यह विशेषण साभिप्राय है। जो शीतल हिमालय का अधिवासी है, वही अपने ही तापों से सन्तप्त रहे तो वस्तुत: लज्जा की बात है।) |
अनुमान Question 4:
प्रत्यक्ष के द्वारा अप्रत्यक्ष का चमत्कारपूर्ण वर्णन किस अलंकार का लक्षण है ?
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अनुमान Question 4 Detailed Solution
प्रत्यक्ष के द्वारा अप्रत्यक्ष का चमत्कारपूर्ण वर्णन अनुमान अलंकार का लक्षण है।
Key Points
- प्रत्यक्ष के द्वारा पर अप्रत्यक्ष की कल्पना या अनुमान करना ही अनुमान अलंकार होता है,यह एक तर्क न्यायमूलक अलंकार है।
- उदाहरण -
- मोहि करत कत बावरी, किये दूराव दुरै न।
- कहे देत रंग राति के, रँग निचुरत से नैन॥ - बिहारीलाल
- (यहाँ लाल आँखें देखकर रात की रति-केलि का अनुमान हो रहा है। 'रंग निचुरत से नैन' साधन है जिसके द्वारा 'रति के रंग' साध्य का अनुमान होता है।)
अलंकार | लक्षण\पहचान | उदाहरण |
एकावली | जहां श्रृंखलारूप में वर्णित पदार्थों में विशेष्य विशेषण भाव सम्बन्ध हो, वहां एकावली अलंकार होता है। |
मानुष वही जो हो गुनी, गुनी जो कोबिद रूप। (यहाँ 'मानुष' विशेष्य और 'गुनी' उसका विशेषण है, आगे चलकर यह 'गुनी' ही विशेष्य हो जाता है और 'कोबिद' उसका विशेषण।) |
कारणमाला | एक का दूसरा कारण, दूसरे का तीसरा कारण बताते जाना |
होत लोभ ते मोह, मोहहिं ते उपजे गरब। लोभ→ मोह→ गर्व→ क्रोध→ कलह→ व्यथा। |
परिकर | जब विशेष्य के साथ किसी विशेषण का साभिप्राय प्रयोग हो, तब परिकर अलंकार होता है। |
सोच हिमालय के अधिवासी, यह लज्जा की बात हाय। (यहाँ शान्ति न पाना क्रिया के प्रसंग में, 'हिमालय के अधिवासी' यह विशेषण साभिप्राय है। जो शीतल हिमालय का अधिवासी है, वही अपने ही तापों से सन्तप्त रहे तो वस्तुत: लज्जा की बात है।) |
अनुमान Question 5:
प्रत्यक्ष के द्वारा अप्रत्यक्ष का चमत्कारपूर्ण वर्णन किस अलंकार का लक्षण है ?
Answer (Detailed Solution Below)
अनुमान Question 5 Detailed Solution
प्रत्यक्ष के द्वारा अप्रत्यक्ष का चमत्कारपूर्ण वर्णन अनुमान अलंकार का लक्षण है।
Key Points
- प्रत्यक्ष के द्वारा पर अप्रत्यक्ष की कल्पना या अनुमान करना ही अनुमान अलंकार होता है,यह एक तर्क न्यायमूलक अलंकार है।
- उदाहरण -
- मोहि करत कत बावरी, किये दूराव दुरै न।
- कहे देत रंग राति के, रँग निचुरत से नैन॥ - बिहारीलाल
- (यहाँ लाल आँखें देखकर रात की रति-केलि का अनुमान हो रहा है। 'रंग निचुरत से नैन' साधन है जिसके द्वारा 'रति के रंग' साध्य का अनुमान होता है।)
अलंकार | लक्षण\पहचान | उदाहरण |
एकावली | जहां श्रृंखलारूप में वर्णित पदार्थों में विशेष्य विशेषण भाव सम्बन्ध हो, वहां एकावली अलंकार होता है। |
मानुष वही जो हो गुनी, गुनी जो कोबिद रूप। (यहाँ 'मानुष' विशेष्य और 'गुनी' उसका विशेषण है, आगे चलकर यह 'गुनी' ही विशेष्य हो जाता है और 'कोबिद' उसका विशेषण।) |
कारणमाला | एक का दूसरा कारण, दूसरे का तीसरा कारण बताते जाना |
होत लोभ ते मोह, मोहहिं ते उपजे गरब। लोभ→ मोह→ गर्व→ क्रोध→ कलह→ व्यथा। |
परिकर | जब विशेष्य के साथ किसी विशेषण का साभिप्राय प्रयोग हो, तब परिकर अलंकार होता है। |
सोच हिमालय के अधिवासी, यह लज्जा की बात हाय। (यहाँ शान्ति न पाना क्रिया के प्रसंग में, 'हिमालय के अधिवासी' यह विशेषण साभिप्राय है। जो शीतल हिमालय का अधिवासी है, वही अपने ही तापों से सन्तप्त रहे तो वस्तुत: लज्जा की बात है।) |