हिन्दी साहित्य MCQ Quiz in हिन्दी - Objective Question with Answer for हिन्दी साहित्य - मुफ्त [PDF] डाउनलोड करें
Last updated on Mar 8, 2025
Latest हिन्दी साहित्य MCQ Objective Questions
हिन्दी साहित्य Question 1:
भारतीय साहित्य में जनजातीय जीवन की सांस्कृतिक परंपरा और विशिष्टताओं पर लेखन के लिए कौन-सा सम्मान दिया जाता है ?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य Question 1 Detailed Solution
हिन्दी साहित्य Question 2:
'पर्रा भर लाई अकास म बगराई।' पहेली का अर्थ है -
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य Question 2 Detailed Solution
हिन्दी साहित्य Question 3:
धूमिल की कविताओं का संगत वर्ग कौन-सा है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य Question 3 Detailed Solution
धूमिल की कविताओं का संगत वर्ग है : "मोचीराम, रोटी और संसद, अकाल दर्शन, नक्सलवाड़ी"
Key Pointsसुदामा पाण्डेय धूमिल -
- सुदामा पाण्डेय धूमिल हिंदी की समकालीन कविता के दौर के मील के पत्थर सरीखे कवियों में एक है।
- उनकी कविताओं में आजादी के सपनों के मोहभंग की पीड़ा और आक्रोश की सबसे सशक्त अभिव्यक्ति मिलती है।
- व्यवस्था जिसने जनता को छला है, उसको आइना दिखाना मानों धूमिल की कविताओं का परम लक्ष्य है।
- धूमिल के तीन काव्य-संग्रह प्रकाशित हैं-
- संसद से सड़क तक - 1972
- कल सुनना मुझे - 1976
- सुदामा पांडे का प्रजातंत्र - 1984
- धूमिल की कुछ सबसे लोकप्रिय कविताएँ हैं-
- मोचीराम
- बीस साल बाद
- पटकथा
- रोटी और संसद
- लोहे का स्वाद
Important Pointsनागार्जुन के प्रमुख कविता संग्रह -
- युगधारा - 1953
- सतरंगे पंखों वाली - 1959
- प्यासी पथराई आँखें - 1962
- तालाब की मछलियाँ - 1974
- तुमने कहा था - 1980
भवानीप्रसाद मिश्र के प्रमुख कविता संग्रह -
- गीत फरोश
- चकित है दुख
- गान्धी पंचशती
- बुनी हुई रस्सी
- खुशबू के शिलालेख
केदारनाथ सिंह के प्रमुख कविता संग्रह -
- अभी बिल्कुल अभी - 1960
- जमीन पक रही है - 1980
- यहाँ से देखो - 1983
- अकाल में सारस - 1988
Additional Information
- शासन की बंदूक - नागार्जुन
- सतपुड़ा के जंगल - भवानीप्रसाद मिश्र
- रोटी - केदारनाथ सिंह
हिन्दी साहित्य Question 4:
'मध्यप्रदेश का इतिहास' नामक पुस्तक के लेखक कौन है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य Question 4 Detailed Solution
सही उत्तर "राय बहादुर हीरालाल" है।
Key Points
- राय बहादुर डॉ. हीरालाल जी को 1910 में राय बहादुर की उपाधि मिली।
- डॉ. हीरालाल को इतिहास से जुड़े सभी पहलुओं का व्यापक ज्ञान था।
- "हीरापुर बाँध" का नाम उनके नाम पर रखा गया था।
- उन्होंने लगभग 10,000 संस्कृत और प्राकृत पांडुलिपियों की खोज की।
- कई शोध पत्र और पुस्तकें भी रायबहादुर हीरालाल को एक उच्च माना जाने वाला लेखक बनाती हैं।
- 1908 में नृवंशविज्ञान नोट्स, 1916 में भारत के संतों के त्रयी और कार्टून, रामटेक का दर्शन, चिमूर का घोड़ा और बुंदेलखंड की मूर्तिकला का इतिहास आदि सहित उनकी प्रमुख रचनाएँ उल्लेखनीय हैं।
- इसलिए, सही उत्तर है: राय बहादुर हीरालाल
Additional Information
लेखक | रचना |
प्रह्लाद दुबे | जय चंद्रिका |
लक्ष्मण कवि | भोंसला राजवंश प्रशस्ति |
दयाशंकर शुक्ल | छत्तीसगढ़ी लोक साहित्य का अध्ययन |
पं. केदार नाथ ठाकुर | बस्तर भूषण |
हिन्दी साहित्य Question 5:
छत्तीसगढ़ का पाणिनि किसे कहा जाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य Question 5 Detailed Solution
सही उत्तर 'हीरालाल काव्योपाध्याय' है।
- छत्तीसगढ़ के प्रथम व्याकरण लेखक एवं छत्तीसगढ़ के पाणिनि के रूप में 'हीरालाल काव्योपाध्याय' को जाना जाता है।
- इन्होंने 1890 में 'छत्तीसगढ़ व्याकरण का निर्माण' किया था।
Additional Information
- व्याकरण उस शास्त्र को कहा जाता हैं, जिसमे भाषा के शुद्ध करने वाले नियम बताए गए हो।
Top हिन्दी साहित्य MCQ Objective Questions
हिन्दी साहित्य Question 6:
'पर्रा भर लाई अकास म बगराई।' पहेली का अर्थ है -
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य Question 6 Detailed Solution
हिन्दी साहित्य Question 7:
छत्तीसगढ़ का पाणिनि किसे कहा जाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य Question 7 Detailed Solution
सही उत्तर 'हीरालाल काव्योपाध्याय' है।
- छत्तीसगढ़ के प्रथम व्याकरण लेखक एवं छत्तीसगढ़ के पाणिनि के रूप में 'हीरालाल काव्योपाध्याय' को जाना जाता है।
- इन्होंने 1890 में 'छत्तीसगढ़ व्याकरण का निर्माण' किया था।
Additional Information
- व्याकरण उस शास्त्र को कहा जाता हैं, जिसमे भाषा के शुद्ध करने वाले नियम बताए गए हो।
हिन्दी साहित्य Question 8:
छत्तीसगढ़ी भाषा के विकासक्रम में भाषा का सर्वप्रथम स्वरूप क्या था?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य Question 8 Detailed Solution
सही उत्तर 'वैदिक संस्कृत' है।
Key Points
- छत्तीसगढ़ी भाषा के विकासक्रम में भाषा का सर्वप्रथम स्वरूप 'वैदिक संस्कृत' था।
- छत्तीसगढ़ी भाषा का विकास संस्कृत से हुआ है, जो विकासक्रम में अपभ्रंश से होते हुए अर्द्धमागधी तक पंहुची।
- अर्द्धमागधी के अपभ्रंश के दक्षिणी रूप से इसका विकास हुआ।
- छत्तीसगढ़ी का विकासक्रम इस प्रकार है -
- वैदिक संस्कृत --> लौकिक संस्कृत --> पालि --> प्राकृत --> अपभ्रंश --> अर्द्धमागधी --> पूर्वी हिंदी --> छत्तीसगढ़ी
अन्य विकल्प -
भाषा का रूप |
परिचय |
पालि |
पालि शब्द पीछे संस्कृत में भी प्रचलित हुआ पाया जाता है। सम्राट् अशोक के भाब्रू शिलालेख में त्रिपिटक के 'धम्मपरियाय' शब्द स्थान पर मागधी प्रवृत्ति के अनुसार 'धम्म पलियाय' शब्द का प्रयोग पाया जाता है, जिसका अर्थ बुद्ध-उपदेश या वचन होता है। कश्यप जी के अनुसार इसी पलियाय शरण से पालि की व्युत्पत्ति हुई। |
अवहट्ट |
अपभ्रंश के ही उत्तरकालीन या परवर्ती रूप को 'अवहट्ट' नाम दिया गया है। ग्यारहवीं से लेकर चौदहवीं शती के अपभ्रंश रचनाकारों ने अपनी भाषा को अवहट्ट कहा। |
पश्चिमी हिंदी |
पश्चिमी हिन्दी में कन्नौजी, बुंदेली, खड़ी बोली, बांगरू तथा ब्रज बोली को सम्मिलित किया जाता है। खड़ी बोली अपने मूल रूप में मेरठ, बिजनौर के आसपास बोली जाती है। इसी के आधार पर आधुनिक हिन्दी और उर्दू का रूप खड़ा हुआ है। बांगरू को 'जाटू' या 'हरियाणवी' भी कहते हैं। |
Additional Information
छत्तीसगढ़ी |
|
हिन्दी साहित्य Question 9:
भारतीय साहित्य में जनजातीय जीवन की सांस्कृतिक परंपरा और विशिष्टताओं पर लेखन के लिए कौन-सा सम्मान दिया जाता है ?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य Question 9 Detailed Solution
हिन्दी साहित्य Question 10:
निम्नलिखित क्रांतिकारी कविताओं को उनके रचनाकारों के साथ सुमेलित कीजिए:
सूची – I (क्रांतिकारी कविताएँ) | सूची – II (रचनाकार) | ||
(ए) | वीरों का कैसा हो वसंत | (मैं) | रामनरेश त्रिपाठी |
(बी) | कैदी और कोकिला | (ii) | माखनलाल चतुर्वेदी |
(सी) | जवानी | (iii) | जयशंकर प्रसाद |
(डी) | हिमाद्रि तुंग श्रुंग से | (चतुर्थ) | बालकृष्ण शर्मा नवीन |
(वी) | सुभद्राकुमारी चौहान |
निम्नलिखित में से सही विकल्प चुनें
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य Question 10 Detailed Solution
- सही उत्तर विकल्प 3 है।
प्रमुख बिंदु
सूची – I (क्रांतिकारी कविताएँ) | सूची – II (रचनाकार) | ||
(ए) | वीरों का कैसा हो वसंत | (वी) | सुभद्राकुमारी चौहान |
(बी) | कैदी और कोकिला | (ii) | माखनलाल चतुर्वेदी |
(सी) | जवानी | (चतुर्थ) | बालकृष्ण शर्मा नवीन |
(डी) | हिमाद्रि तुंग श्रुंग से | (iii) | जयशंकर प्रसाद |
(मैं) | रामनरेश त्रिपाठी |
- रामनरेश त्रिपाठी - स्वछंदता वाद के प्रसिद्ध कवि
- रचनाएँ - मिलन, पथिक, स्वप्न
- माखनलाल चतुर्वेदी - देशप्रेम, प्रकृति प्रेम पर काव्य रचना
- रचनाएँ - हिम कीरितनी, हिम तरंगिनी, समर्पण
- जय शंकर प्रसाद - छायावाद के मुख्य कवि
- रचनाएँ - आँसू, झरना, लहर, कामायनी
- बाल कृष्ण शर्मा नवीन - द्विवेदी युग के कवि।
- रचनाएँ - विप्लव गायन, भिक्षा आदि
- सुभद्रा कुमारी चौहान - राष्ट्र चेतना की सजग कविता
- रचना - मुकुल , त्रिधारा
हिन्दी साहित्य Question 11:
धूमिल की कविताओं का संगत वर्ग कौन-सा है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य Question 11 Detailed Solution
धूमिल की कविताओं का संगत वर्ग है : "मोचीराम, रोटी और संसद, अकाल दर्शन, नक्सलवाड़ी"
Key Pointsसुदामा पाण्डेय धूमिल -
- सुदामा पाण्डेय धूमिल हिंदी की समकालीन कविता के दौर के मील के पत्थर सरीखे कवियों में एक है।
- उनकी कविताओं में आजादी के सपनों के मोहभंग की पीड़ा और आक्रोश की सबसे सशक्त अभिव्यक्ति मिलती है।
- व्यवस्था जिसने जनता को छला है, उसको आइना दिखाना मानों धूमिल की कविताओं का परम लक्ष्य है।
- धूमिल के तीन काव्य-संग्रह प्रकाशित हैं-
- संसद से सड़क तक - 1972
- कल सुनना मुझे - 1976
- सुदामा पांडे का प्रजातंत्र - 1984
- धूमिल की कुछ सबसे लोकप्रिय कविताएँ हैं-
- मोचीराम
- बीस साल बाद
- पटकथा
- रोटी और संसद
- लोहे का स्वाद
Important Pointsनागार्जुन के प्रमुख कविता संग्रह -
- युगधारा - 1953
- सतरंगे पंखों वाली - 1959
- प्यासी पथराई आँखें - 1962
- तालाब की मछलियाँ - 1974
- तुमने कहा था - 1980
भवानीप्रसाद मिश्र के प्रमुख कविता संग्रह -
- गीत फरोश
- चकित है दुख
- गान्धी पंचशती
- बुनी हुई रस्सी
- खुशबू के शिलालेख
केदारनाथ सिंह के प्रमुख कविता संग्रह -
- अभी बिल्कुल अभी - 1960
- जमीन पक रही है - 1980
- यहाँ से देखो - 1983
- अकाल में सारस - 1988
Additional Information
- शासन की बंदूक - नागार्जुन
- सतपुड़ा के जंगल - भवानीप्रसाद मिश्र
- रोटी - केदारनाथ सिंह
हिन्दी साहित्य Question 12:
'मध्यप्रदेश का इतिहास' नामक पुस्तक के लेखक कौन है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य Question 12 Detailed Solution
सही उत्तर "राय बहादुर हीरालाल" है।
Key Points
- राय बहादुर डॉ. हीरालाल जी को 1910 में राय बहादुर की उपाधि मिली।
- डॉ. हीरालाल को इतिहास से जुड़े सभी पहलुओं का व्यापक ज्ञान था।
- "हीरापुर बाँध" का नाम उनके नाम पर रखा गया था।
- उन्होंने लगभग 10,000 संस्कृत और प्राकृत पांडुलिपियों की खोज की।
- कई शोध पत्र और पुस्तकें भी रायबहादुर हीरालाल को एक उच्च माना जाने वाला लेखक बनाती हैं।
- 1908 में नृवंशविज्ञान नोट्स, 1916 में भारत के संतों के त्रयी और कार्टून, रामटेक का दर्शन, चिमूर का घोड़ा और बुंदेलखंड की मूर्तिकला का इतिहास आदि सहित उनकी प्रमुख रचनाएँ उल्लेखनीय हैं।
- इसलिए, सही उत्तर है: राय बहादुर हीरालाल
Additional Information
लेखक | रचना |
प्रह्लाद दुबे | जय चंद्रिका |
लक्ष्मण कवि | भोंसला राजवंश प्रशस्ति |
दयाशंकर शुक्ल | छत्तीसगढ़ी लोक साहित्य का अध्ययन |
पं. केदार नाथ ठाकुर | बस्तर भूषण |
हिन्दी साहित्य Question 13:
छत्तीसगढ़ के निम्नलिखित साहित्यकारों को उनके जन्म वर्ष के आधार पर आरोही क्रम में सजाइए :
1. हेमनाथ यदु
2. सुंदरलाल शर्मा
3. द्वारिका प्रसाद तिवारी
4. बंशीधर पाण्डेय
निम्न विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य Question 13 Detailed Solution
सही उत्तर 2-4-3-1 है।
Key Points:
- सुंदरलाल शर्मा:
- छत्तीसगढ़ स्वतंत्रता आंदोलन में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी पंडित सुंदरलाल शर्मा (21 दिसंबर 1881 - 28 दिसंबर 1940) थे।
- उन्होंने 1920 में कंडेल की धमतरी तहसील बस्ती में नहर सत्याग्रह शुरू किया, जिसे नहर सत्याग्रह के नाम से भी जाना जाता है।
- पंडित सुंदरलाल शर्मा छत्तीसगढ़ के एक विश्वविद्यालय का नाम है।
- बंशीधर पाण्डेय:
- संवत 1948 में बंशीधर पांड्या का जन्म हुआ।
- छत्तीसगढ़ में, उनकी पहली पुस्तक, हीरू की कहानी, 1926 में रिलीज़ हुई थी।
- द्वारिका प्रसाद तिवारी:
- 6 जुलाई, 1908 को द्वारिका प्रसाद तिवारी विप्रे का जन्म हुआ था।
- हेमनाथ यदु:
- 1 अप्रैल 1928 को हेमनाथ यदु का जन्म हुआ था।
Additional Information:
- इसके अतिरिक्त, छत्तीसगढ़ अपनी व्यापक साहित्यिक परंपरा पर गर्व करता है, जिसमें इस क्षेत्र की ऐतिहासिक और सामाजिक गतिविधियों का वर्णन है।
- छत्तीसगढ़ साहित्य सामाजिक मुद्दों और स्थानीय चेतना के विशिष्ट चित्रण के लिए प्रसिद्ध है।
- यह मध्य भारत में अपनी अनूठी पहचान बनाने के लिए राज्य के संघर्ष का भी प्रतिनिधित्व करता है।
- खूबचंद बघेल ने अपने नाटकों "जरनैल सिंह" और "ऊंच नीच" में उन सामाजिक-आर्थिक मुद्दों का भी संदर्भ दिया, जिनका सामना क्षेत्र की निचली जातियों को करना पड़ा।
- अभिषेक अग्रवाल भिलाई के सबसे कम उम्र के लेखक और छत्तीसगढ़ के सबसे प्रसिद्ध लेखकों में से एक हैं।
- छत्तीसगढ़ राज्य ने देश को कई उत्कृष्ट लेखक दिए हैं।
हिन्दी साहित्य Question 14:
बाबू रेवाराम की रचना कौन-सी हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य Question 14 Detailed Solution
सही उत्तर दोहावली है
प्रमुख बिंदु
- रतनपुर में कालचुरी साम्राज्य में बाबू रेवरम ने लिखा।
- त्वारिख-ए-हैहयवंशी, गीता माधव, विक्रम विलास, रत्न परीक्षा, नर्मदक, दोहावली, रत्नपुर इतिहास आदि, उनकी कुछ ही प्रसिद्ध कृतियाँ हैं।
- अपने उपन्यास ‘विक्रम विलास’ में बाबू रेवाराम ने 1896 में ‘छत्तीसगढ़’ शब्द का प्रयोग किया था।
अतिरिक्त जानकारी
- प्रलय
- विनीत बाजपेयी की 'हरप्पा त्रयी' की दूसरी किताब का शीर्षक है 'प्रलय'। इस के बाद "हरप्पा-रक्त नदी का श्राप" है इनकी एक और पुस्तक है l
- कहानी की शुरुआत उसी जगह होती है जहां हड़प्पा समाप्त होता है। इस काम को दो शैलियों, पौराणिक कथाओं और थ्रिलर के मिश्रण से सजाया गया है।
- श्याम स्वपन
- श्याम स्वपन के लेखक ठाकुर जगमोहन सिंह हैं।
- उनका नाम "भारतेंदु युग" साहित्य सेवकों में आता है। उनके सभी चित्र संस्कृत का अध्ययन करने के प्रभाव को छोड़ देते हैं।
हिन्दी साहित्य Question 15:
Comprehension:
निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढि़ए एवं निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए चरित्र निर्माण परम आवश्यक है। जिस प्रकार वर्तमान में भौतिक निर्माण का कार्य अनेक योजनाओं के माध्यम से तीव्र गति के साथ संपन्न हो रहा है, वैसे ही वर्तमान की सबसे बड़ी आवश्यकता यह है कि देशवासियों के चरित्र निर्माण के लिए भी प्रयत्न किया जाए। उत्तम चरित्रवान व्यक्ति ही राष्ट्र की सर्वोच्च संपदा है। जनतंत्र के लिए तो यह एक महान् कल्याणकारी योजना है। जन-समाज में राष्ट्र, संस्कृति, समाज एवं परिवार के प्रति हमारा क्या कर्त्तव्य है इसका पूर्ण रूप से बोध कराना एवं राष्ट्र में व्याप्त समग्र भ्रष्टाचार के प्रति निषेधात्मक वातावरण का निर्माण करना ही चरित्र निर्माण का प्रथम सोपान है।