किस समाजशास्त्री ने तर्क दिया कि भारतीय गाँव पूरी तरह से आत्मनिर्भर नहीं थे?

  1. एस.सी. दुबे
  2. एम.एन. श्रीनिवास
  3. आंद्रे बेतेइल
  4. डी.एन. मजूमदार

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Option 3 : आंद्रे बेतेइल

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सही उत्तर है - आंद्रे बेतेइल

Key Points 

  • आंद्रे बेतेइल
    • आंद्रे बेतेइल, एक प्रसिद्ध भारतीय समाजशास्त्री ने तर्क दिया कि भारतीय गाँव पूरी तरह से आत्मनिर्भर नहीं थे
    • उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गाँव एक बड़े सामाजिक और आर्थिक नेटवर्क का हिस्सा थे और बाहरी कारकों से प्रभावित थे।
    • उनके कार्य ने उस पारंपरिक दृष्टिकोण का खंडन किया कि भारतीय गांव पृथक और आत्मनिर्भर इकाइयाँ हैं।

Additional Information 

  • भारतीय ग्राम अध्ययन
    • एम.एन. श्रीनिवास और एस.सी. दुबे जैसे अन्य समाजशास्त्रियों ने भी भारतीय गाँवों पर व्यापक अध्ययन किया।
    • एम.एन. श्रीनिवास को संस्कृतीकरण की अवधारणा और भारतीय गाँवों में बदलते सामाजिक ढाँचे पर उनके काम के लिए जाना जाता है।
    • एस.सी. दुबे ने भारतीय गाँवों में ग्रामीण विकास और सामाजिक परिवर्तन की गतिशीलता पर ध्यान केंद्रित किया।
  • आर्थिक अंतःक्रियाएँ
    • भारतीय गाँवों में पास के कस्बों और शहरों के साथ आर्थिक अंतःक्रियाएँ होती हैं, जो उनकी आर्थिक गतिविधियों और विकास को प्रभावित करती हैं।
    • गाँव वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार और आदान-प्रदान में संलग्न होते हैं, जो बाहरी बाजारों पर उनकी निर्भरता को दर्शाता है।

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