आधुनिक काल MCQ Quiz - Objective Question with Answer for आधुनिक काल - Download Free PDF
Last updated on Jun 17, 2025
Latest आधुनिक काल MCQ Objective Questions
आधुनिक काल Question 1:
इनमें से एक रामधारी सिंह दिनकर की रचना नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 1 Detailed Solution
करुणालय दिनकर जी की रचना नही, जयशंकर प्रसाद जी की है।
- कल्याणी परिणय-1912
- करुणालय- 1913
- राज्यश्री- 1915
- जनमेजय का नागयज्ञ- 1926
Key Points
जयशंकर प्रसाद की रचनाएँ हैं-
- काव्य: झरना, आँसू, लहर, कामायनी, प्रेम पथिक।
- नाटक: स्कंदगुप्त, चंद्रगुप्त, ध्रुवस्वामिनी, जन्मेजय का नाग यज्ञ, राज्यश्री, अजातशत्रु, विशाख, एक घूँट, कामना, करुणालय, कल्याणी परिणय, अग्निमित्र, प्रायश्चित, सज्जन।
- कहानी संग्रह: छाया, प्रतिध्वनि, आकाशदीप, आँधी, इंद्रजाल।
- उपन्यास : कंकाल, तितली और इरावती।
Important Points
- रामधारी सिंह 'दिनकर' ' (23 सितम्बर 1908- 24 अप्रैल 1974)
- हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे।
- वे आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं।
- 'दिनकर' स्वतन्त्रता पूर्व एक विद्रोही कवि के रूप में स्थापित हुए और स्वतन्त्रता के बाद 'राष्ट्रकवि' के नाम से जाने गये।
- उन्हें "पद्म विभूषण" की उपाधि से भी अलंकृत किया गया।
- उनकी पुस्तक "संस्कृति के चार अध्याय" के लिये "साहित्य अकादमी पुरस्कार" तथा "उर्वशी" के लिये "भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार" प्रदान किया गया।
दिनकर जी की रचनाएं निम्नलिखित हैं:-
आधुनिक काल Question 2:
छायावादी युग के प्रवर्तक हैं-
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 2 Detailed Solution
- प्रश्नानुसार यहाँ सही विकल्प 1 'जयशंकर प्रसाद' है।
- जयशंकर प्रसाद की रचनाओं में रहस्यवाद बहुत था जो आगे जाकर छायावाद बना।
Confusion Points
- आचार्य शुक्ल ने छायावाद का प्रवर्तक मुकुटधर पांडेय और मैथिलीशरण गुप्त को मानते हैं।
- नंददुलारे वाजपेयी पंत तथा उनकी कृति 'उच्छ्वास' (1920) से छायावाद का आरंभ माना है।
- वहीं इलाचंद्र जोशी और शिवनाथ ने 'जयशंकर प्रसाद' को छायावाद का जनक मानते हैं।
Additional Information
लेखक |
रचनाएँ |
पन्त |
परिवर्तन, पल्लव, युगांत, युगवाणी आदि| |
निराला |
राम के शक्ति पूजा, सरोज स्मृति, तुलसीदास आदि| |
प्रसाद |
आकाशद्विप, ग्राम, कामायनी, ध्रुवस्वामिनी आदि| |
महादेवी |
नीर भरी दुःख की बदली, निहार, रश्मि, आदि| |
आधुनिक काल Question 3:
'बिस्मिल्ला खाँ' का संबंध किस वाद्य यंत्र से था ?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 3 Detailed Solution
'बिस्मिल्ला खाँ' का संबंध शहनाई वाद्य यंत्र से था।
Key Points
- 'बिस्मिल्ला खाँ' का संबंध शहनाई वाद्य यंत्र से था।
- वे एक प्रसिद्ध भारतीय संगीतकार थे जिन्होंने शहनाई को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- उन्हें अक्सर "शहनाई का बादशाह" या "शहनाई का उस्ताद" कहा जाता है।
- बिस्मिल्ला खाँ ने शहनाई को शास्त्रीय संगीत के स्तर तक पहुंचाया
- और इसे एक प्रतिष्ठित वाद्य यंत्र बनाया। उन्होंने 2001 में भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था।
Additional Informationशहनाई-
- एक पारंपरिक भारतीय पवन वाद्य यंत्र है, जिसे मुख्यतः लकड़ी से बनाया जाता है।
- यह एक प्रकार का ओबो है, जिसमें दोहरी रीड होती है और जो एक खास नासिका-like आवाज पैदा करता है।
बांसुरी-
- एक वाद्य यंत्र है जो आमतौर पर बांस से बना होता है, और इसे हवा से बजाया जाता है।
- इसमें आमतौर पर छेद होते हैं जिन्हें उंगलियों से दबाकर अलग-अलग स्वर निकाले जाते हैं।
तबला-
- एक ताल वाद्य यंत्र है, जो भारतीय शास्त्रीय संगीत में प्रयोग होता है।
- यह दो ड्रमों का एक सेट होता है, जिसमें एक छोटा ड्रम (दायां या दयां) और एक बड़ा ड्रम (बायां या बयां) होता है।
सरोद-
- एक लोकप्रिय भारतीय शास्त्रीय वाद्य यंत्र है, जो हिंदुस्तानी संगीत में प्रयोग किया जाता है।
- यह एक तार वाला वाद्य यंत्र है, जिसे धनुष से बजाया जाता है। सरोद,
- 19वीं शताब्दी में अफगान रबाब के विकसित रूप के रूप में भारत में उभरा।
आधुनिक काल Question 4:
मैक्स मूलर का जन्म किस वर्ष हुआ ?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 4 Detailed Solution
मैक्स मूलर का जन्म 1823 ई. में वर्ष हुआ।
Key Pointsमैक्स मूलर -
- जन्म- 6 दिसम्बर, 1823, मृत्यु- 28 अक्टूबर, 1900
- प्रसिद्ध जर्मन संस्कृतवेत्ता, प्राच्य विद्या विशारद, लेखक तथा भाषाशास्त्री था।
- वह ब्रिटिश 'ईस्ट इण्डिया कम्पनी' में कर्मचारी था।
- मुख्य रचनाएँ-
- 'हिस्ट्री आव एंशेंट संस्कृत लिटरेचर',
- 'इंट्रोडक्शन टू द जिनियस ऑव रेलिजन्स',
- 'सैक्रेड बुक्स ऑफ़ दि ईस्ट' आदि।
आधुनिक काल Question 5:
'नौकर की कमीज़' के उपन्यासकार हैं
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 5 Detailed Solution
'नौकर की कमीज़' के उपन्यासकार हैं- विनोद कुमार शुक्ल
Key Pointsनौकर की कमीज़-
- रचनाकार - विनोद कुमार शुक्ल
- विधा - उपन्यास
- प्रकाशन वर्ष - 1979 ई.
- विषय -
- भारतीय जीवन के यथार्थ और आम आदमी की उलझनों को दर्शाता है।
Important Pointsविनोद कुमार शुक्ल-
- जन्म- 1 जनवरी 1937
- हिंदी भाषा के एक साहित्यकार हैं।
- उपन्यास-
- नौकर की कमीज़ (1979)
- खिलेगा तो देखेंगे (1996)
- दीवार में एक खिड़की रहती थी (1997)
- हरी घास की छप्पर वाली झोपड़ी और बौना पहाड़ (2011)
- यासि रासा त (2026)
- एक चुप्पी जगह (2018)।
Additional Information
उपन्यासकार | उपन्यास |
जैनेंद्र | परख (1929), सुनीता (1935), त्यागपत्र (1937), कल्याणी (1939), विवर्त (1953), सुखदा (1953), व्यतीत (1953), जयवर्धन (1956)। |
अमरकांत | सूखा पत्ता, ग्राम सेविका, काले उजले दिन, सुखजीवी, बीच की दीवार, इन्हीं हथियारों से, पराई दाल का पंछी, कंटीली राह में फूल, सुन्नर पांडे की पतोह। |
प्रेमचंद | सेवासदन (1918), प्रेमाश्रम (1922), रंगभूमि (1925), निर्मला (1925), कायाकल्प (1927), गबन (1928), कर्मभूमि (1932), गोदान (1936)। |
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‘क्या भूलूँ क्या याद करूँ’ हरिवंशराय बच्चन की आत्मकथा श्रृंखला का कौन-सा भाग है ?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDF'क्या भूलूं क्या याद करूं' हरिवंशराय बच्चन की आत्मकथा श्रृंखला का पहला भाग है।
Important Points
- 'क्या भूलूं क्या याद करूं'1969 में हरिवंश राय बच्चन जी द्वारा रचित आत्मकथा है।
- इस आत्मकथा के लिए उन्हें सरस्वती सम्मान दिया था।
- हरिवंश राय बच्चन जी का जन्म 27 नवम्बर 1907 को इलाहाबाद में एक कायस्थ परिवार मे हुआ था।
- इनको बाल्यकाल में 'बच्चन' कहा जाता था जिसका शाब्दिक अर्थ 'बच्चा' या 'संतान' होता है।
- इनकी प्रमुख कृतियां-मधुशाला(1935),निशा निमंत्रण(1938),नीड़ का निर्माण फिर(1970),बसेरे से दूर(1977),दशद्वार से सोपान तक(1985),हलाहल(1946)आदि हैं।
Additional Information
- डॉ.शिवमंगल सिंह सुमन की राय में ऐसी अभिव्यक्तियाँ नई पीढ़ी के लिए पाठेय बन सकेंगी, इसी में उनकी सार्थकता भी है।
- यह चार खण्डों में हैः 'क्या भूलूँ क्या याद करूँ', नीड़ का निर्माण फिर', 'बसेरे से दूर' और 'दशद्वार से सोपान तक'।
- यह हिंदी साहित्य की एक कालजयी कृति है।
कवि कुंवर नारायण को ज्ञानपीठ पुरस्कार कब मिला?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFकवि कुंवर नारायण को ज्ञानपीठ पुरस्कार '2005' में मिला।
Key Points
- ज्ञानपीठ पुरस्कार पहले एक रचना के आधार पर दिया जाता था परंतु सं 1984 ई. के उपरांत हिंदी जगत में साहित्यकार को उसके सम्पूर्ण साहित्य के लिए दिया जाने लगा।
- कुँवर नारायण 'तीसरा सप्तक'(1959) के महत्वपूर्ण कवि है।
Important Points
- काव्य संग्रह:चक्रव्यूह(1956)★,परिवेश:हम तुम(1961)★,आमने सामने(1979),कोई दूसरा नहीं(1993),इन दिनों(2002)।
- प्रबन्ध काव्य:आत्मजयी(1965)★,वाजश्रवा के बहाने(2008)।
- कहानी संग्रह:आकारों के आसपास(1973)।
Additional Information
- कुछ महत्वपूर्ण सम्मानित साहित्यकार-
साहित्यकार | रचना | वर्ष |
सुमित्रानंदन पंत | चिदंबरा | 1968 |
रामधारी सिंह 'दिनकर' | उर्वशी | 1972 |
अज्ञेय | कितनी नावों में कितनी बार | 1978 |
महादेवी वर्मा | यामा | 1982 |
अमरकांत व श्रीलाल शुक्ल | संपूर्ण साहित्य | 2009 |
इनमें से कौन-सा नाम मिश्रबन्धुओं में सम्मिलित नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर कृष्ण बिहारी हैं।
- मिश्रबंधु नाम के तीन भाई थे - गणेश बिहारी, श्याम बिहारी और शुकदेव बिहारी।
- यह किसी भी प्रकार की रचना साथ मिलकर ही किया करते थे।
- ’मिश्रबंधु विनोद’ और ‘हिंदी नवरत्न’ महान ग्रंथ हैं।
- मिश्रबंधु विनोद ग्रंथ में इन्होंने पाँच हजार कवियों एवं साहित्यकारों का उल्लेख किया है।
- मिश्रबंधु विनोद ग्रंथ में हिंदी साहित्य का काल विभाजन किया गया है, जो निम्नलिखित है-
- आरंभिक काल
- माध्यमिक काल
- अलंकृत काल
- परिवर्तन काल
- वर्तमान काल
- गणेशबिहारी का जन्म १८६६ में हुआ।
- श्याम बिहारी जन्म १८७४ ई. में हुआ।
- शुकदेव बिहारी का जन्म १८७९ ई. में हुआ।
Key Points
कृष्ण बिहारी -
- कृष्ण बिहारी का पूर्ण नाम कृष्ण बिहारी मिश्र है।
- इनका जन्म 1 जुलाई, 1936, बलिया, उत्तर प्रदेश में हुआ।
- ये हिंदी के प्रसिद्ध लेखक और साहित्यकार थे।
- कल्पतरु की उत्सव लीला के लिए इन्हें 'मूर्ति देवी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया है।
- निबंध, पत्रकारिता, जीवनी, संस्मरण, सम्पादन, अनुवाद आदि कार्यों सहित उन्होंने कई कृतियों की रचना की है।
- पत्रकारिता
- गणेशशंकर विद्यार्थ
- पत्रकारिता : इतिहास और प्रश्न
- संस्मरण
- नेह के नाते अनेक
- जीवनी
- कल्पतरु की उत्सव लीला
- ललित निबंध संग्रह
- अराजक उल्लास
- गौरैया ससुराल गया
- बेहया का जंगल
- विचार प्रधान निबंध संग्रह
- भारत की जातीय पहचान : सनातन मूल्य
- परंपरा का पुरुषार्थ
- आस्था और मूल्यों का संक्रमण
- संपादन
- हिंदी साहित्य : बंगीय भूमिका
- श्रेष्ठ ललित निबंध
- समाधि
- अनुवाद
- भगवान बुद्ध
द्विवेदी युग का वह कौन सा कवि है जिसने सारी रचनाएँ ब्रजभाषा में की है?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDF- द्विवेदी युग का "जगन्नाथ दास रत्नाकर" कवि है जिसने सारी रचनाएँ ब्रजभाषा में की है?
- उध्दव शतक जगन्नाथदास “रत्नाकर” की कृति है।
Key Points
इनकी प्रमुख कृतियाँ हैं-
- (१) उद्धव शतक, (२) गंगावतरण, (३) वीराष्टक,(४) शृंगार लहरी (५) रत्नाष्टक, (६) कलकाशी, (७) हरिश्चन्द्र, (८) गंगा लहरी, (९) विष्णु लहरी, (१०) हिंडोला, (११) समालोचनादर्श, आदि। इनके सम्पादित ग्रन्थ हैं- (१) बिहारी रत्नाकर, (२) हिततरंगिणी, (३) सूरसागर आदि।
सन् 1954 में प्रकाशित “नयी कविता' पत्रिका के सम्पादक थेः
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDF- सन् 1954 में प्रकाशित “नयी कविता' पत्रिका के सम्पादक जगदीश गुप्त थे, अत: विकल्प 4 सही है|
Important Points
- बाल कृष्ण भट्ट - प्रदीप पत्रिका
- हरिश्चन्द्र - हरिश्चन्द्र चन्द्रिका, बालबोधिनी , कविवचन सुधा
- प्रताप नारायण मिश्र - प्रताप लहरी
Additional Information
- धर्मवीर भारती :- साप्ताहिक पत्रिका धर्मयुग के प्रधान संपादक
- अज्ञेय :- प्रतीक नामक पत्रिका
- श्री नरेश मेहता:- साहित्यिक पत्रिका "कृति" के सम्पादक रहे।
माखनलाल चतुर्वेदी की साहित्य अकादमी पुरस्कार से पुरस्कृत रचना है -
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFमाखनलाल चतुर्वेदी जी की रचना 'हिमतरंगिनी' को साहित्य अकादमी पुरुस्कार से सम्मानित किया गया।अत: विकल्प 2) 'हिमतरंगिनी' सही उत्तर होगा।
Key Points
- माखन जी को 'हिमतरंगिनी' (1949) के लिए 1955 में यह पुरस्कार मिला था।
Additional Information
- हिमकिरीटनी - 1943, देव पुरुस्कार
- वेणुलो गूँजे धरा - 1969ई.
- मरण ज्वार - 1963ई.
जगमोहन सिंह किस युग के रचनाकार हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "भारतेन्दु युग" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- ठाकुर जगमोहन सिंह भारतेंदु युग के कवि हैं।
- इनकी रचनाएं निम्नलिखित हैं
- प्रेम-संपत्ति-लता (1885 ई.),
- श्यामालता" (1885 ई.)
- श्यामासरोजिनी (1886 ई)
- देवयानी (1886)
- इसके अतिरिक्त इन्होंने कालिदास के "मेघदूत" का बड़ा ही ललित अनुवाद भी ब्रजभाषा के कबित्त सवैयों में किया है।
- भारतेंदु युग के प्रमुख कवि
- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (1850-1885), बाबा सुमेर सिंह , बदरी नारायण प्रेमघन (1855-1923), प्रताप नारायण मिश्र (1856-1894), राधाकृष्ण दास (1865-1907), अम्बिका दत्त व्यास (1858-1900) और ठाकुर जगमोहन सिंह (1857-1899) इस युग के प्रमुख कवि हैं।
- अन्य कवियों में रामकृष्ण वर्मा, श्री निवासदास, लाला सीताराम, राय देवी प्रसाद, बालमुकुन्द गुप्त, नवनीत चौबे आदि हैं।
- प्रगतिवाद के प्रमुख कवि
- केदारनाथ अग्रवाल (1911-2000) ,राम विलास शर्मा (1912-2000) , नागार्जुन (1910-1998) , रांगेय-राघव (1923-1962) , शिव-मंगल सिंह 'सुमन' (1915-2002) , त्रिलोचन (1917-2007)
- द्विवेदी युग के प्रमुख कवि
- मैथिलीशरण गुप्त (1886-1965 ई.) , अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔद्य(1865-1941 ई.) , श्रीधर पाठक(1859- 1928 ई.) , महावीर प्रसाद द्विवेदी(1864-1938 ई.) , रामचरित उपाध्याय (1872-1943 ई.) , रामनरेश त्रिपाठी (1889-1962 ई.) , सियाराम शरण गुप्त ( 1895- 1963 ई. )
- छायावाद के प्रमुख कवि
- जयशंकर प्रसाद (1889-1936) , सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' (1897-1962) , सुमित्रानंदन पंत (1900-1977) , महादेवी वर्मा (1907-1988)
हरिवंश राय बच्चन की आत्मकथा है -
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFहरिवंश राय बच्चन की आत्मकथा है - क्या भूलूँ क्या याद करूँ
Key Pointsहरिवंशराय बच्चन द्वारा रचित आत्मकथा हैं-
आत्मकथा | प्रकाशन वर्ष |
क्या भूलूं क्या याद करुं | 1969 ई. |
नीड़ का निर्माण फिर | 1970 ई. |
बसेरे से दूर | 1978 ई. |
दशद्वार से सोपान तक | 1985 ई. |
Additional Informationहरिवंशराय बच्चन-
- जन्म-1907-2003 ई.
- हिन्दी में हालावाद के प्रवर्तक है।
- प्रेम व मस्ती के कवि है।
- हिन्दी का 'बायरन' कहा जाता है।
- अन्य रचनाएँ-
- मधुशाला(1935 ई.)
- मधुबाला(1936 ई.)
- मधुकलश(1937 ई.)
- निशा निमंत्रण(1938 ई.)
- सतरंगिनी(1945 ई.) आदि।
'मुक्तिबोध की आत्मकथा' कृति के लेखक है-
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDF''मुक्तिबोध की आत्मकथा' कृति के लेखक-1)विष्णुचंद्र शर्मा हैं।
Important Points
- विष्णुचंद्र शर्मा को कवि, कहानीकार व आलोचक के रूप में जाना जाता है।
- 1957 में चर्चित कवि पत्रिका भी निकाली।
- 1975 में जब इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया था तब उन्होंने तत्काल नाम से एक कविता संग्रह लिखा था।
- इनकी अन्य रचनायें-झूठ,सभ्यता का जहर,पहाड़ की डायरी,सहजन,थाह,दोपहर:दो चित्र आदि हैं।
Additional Information
- हिंदी साहित्य में बनारसीदास जैन कृत ‘अर्द्धकथानक’ को पहली आत्मकथा माना जाता है।
- प्रगतिवादी हिंदी आलोचना के एक समर्थ हस्ताक्षर के रूप में डॉ. नामवर सिंह का नाम लिया जाता है।
- रमेशचंंद्र शाह की रचनायें-‘छायावाद की प्रासंगिकता',‘समानांतर’,'वागर्थ’,'भूलने के विरुद्ध’ इत्यादि (निबंध एवं आलोचना) हैं।
- हंसराज रहबर की आत्मकथा' ‘मेरे सात जन्म' में उन्होंने उल्लेख किया है कि ‘‘मैं अगस्त 1942 के भारत छोड़ों आंदेलन में गिरफ्तार हुआ।
'एक दिन बोलेगे पेड़' काव्यकृति के रचनाकार है
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDF- 'एक दिन बोलेंगे पेड़' काव्यकृति राजेश जोशी की है।
- नयी कविता के बाद साहित्यिक आन्दोलन प्रायः कम दिखतें हैं , किन्तु साहित्यिक प्रवृत्तियां समानांतर रूप में बनी हुई हैं , 1960 ई. के बाद की कविता को समकालीन कहा जाता है।
Key Points
- राजेश जोशी की अन्य रचनाएं हैं - समरगाथा ( लम्बी कविता ) , मिट्टी का चेहरा , नेपथ्य में हँसी , दो पंक्तियों के बीच , चाँद की वर्तनी।
- मंगलेश डबराल की अन्य रचनाएं हैं - पहाड़ पर लालटेन , घर का रास्ता , हम जो देखतें हैं , आवाज़ भी एक जगह है , मुझे दिखा एक मनुष्य , नए युग में शत्रु।
- उदय प्रकाश की रचनाएं हैं - सुनो कारीगर , अबूतर कबूतर , रात में हारमोनियम , एक भाषा हुआ करती है।