गैर - प्रतिचयन त्रुटियाँ किस चरण में उत्पन्न होती हैं?

This question was previously asked in
UGC NET Library & Information Science Paper 2 - 13 Jun 2023 (Shift 2) Official Paper
View all UGC NET Papers >
  1. केवल आंकड़ों के संग्रह के समय 
  2. शोध रिपोर्ट लिखते समय
  3. प्रश्नावली के विवरण के समय
  4. आंकड़ों को संगृहीत और तैयार करते समय

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : आंकड़ों को संगृहीत और तैयार करते समय
Free
UGC NET Paper 1: Held on 21st August 2024 Shift 1
10.9 K Users
50 Questions 100 Marks 60 Mins

Detailed Solution

Download Solution PDF

सही उत्तर आंकड़ों को संगृहीत और तैयार करते समय है। 

Key Points

  • गैर-प्रतिचयन त्रुटियां, वे त्रुटियां हैं जिन्हें जनगणना और प्रशासनिक आकड़ों के संग्रह के साथ विभिन्न प्रकार के सर्वेक्षणों में देखा जा सकता हैं, अपूर्ण फ़्रेम, प्रतिवादी डेटा प्रतिवेदन की अशुद्धियाँ और कुछ उत्तरदाताओं के लिए डेटा की अनुपस्थिति जैसे कारकों से उत्पन्न होती हैं।
  • किसी शोध या सर्वेक्षण प्रक्रिया में डेटा के संग्रह और तैयारी के चरणों के दौरान गैर-प्रतिचयन त्रुटियाँ उतपन्न होती हैं। ये त्रुटियाँ नमूनाकरण त्रुटियों से भिन्न होती हैं, जो विश्लेषण के लिए एक बड़ी आबादी से उपसमुच्चय (नमूना) को चुनने की प्रक्रिया से संबंधित हैं।
  • गैर-प्रतिचयन त्रुटियाँ दो प्रकार: यादृच्छिक और व्यवस्थित की होती हैं। 
    • यादृच्छिक त्रुटियाँ: ये त्रुटियाँ बड़े प्रतिरूप के साथ संतुलन स्थापित करती हैं, जिससे इनकी परिवर्तनशीलता में वृद्धि हो जाती है।
    • व्यवस्थित त्रुटियाँ: वे लगातार एक ही तरह से डेटा को प्रभावित करते हैं, जिससे एक अभिनति उतपन्न होती है जिसमें बड़े प्रतिरूपों के साथ कमी नहीं आती है। व्यवस्थित त्रुटियाँ आकड़ों की गुणवत्ता के लिए प्राथमिक चिंता का विषय हैं, लेकिन इन्हे सटीक रूप से मापना चुनौतीपूर्ण होता है। 
  • गैर-प्रतिचयन त्रुटियाँ संपूर्ण सर्वेक्षण प्रक्रिया के दौरान प्रकट हो सकती हैं और ये कई श्रेणियों में आ सकती हैं: जो कवरेज (विस्तृत सूचना पर आधारित) त्रुटि, मापन त्रुटि, गैर-प्रतिक्रिया त्रुटि और प्रसंस्करण त्रुटि आदि हैं।​

Additional Information

  • प्रतिचयन त्रुटियाँ:
    • प्रतिचयन त्रुटियां तब होती हैं जब एक नमूना पूरी आबादी का पूरी तरह से निरूपण नहीं करता है। शोधकर्ता नियमित रूप से सांख्यिकीय मानक के रूप में अपने निष्कर्षों में त्रुटि के हाशिये को शामिल करके इसका हिसाब लगाते हैं।
  • प्रतिचयन त्रुटियों के प्रकार:
    • समिष्ठि-विशिष्ट त्रुटि: यह त्रुटि तब उत्पन्न होती है जब शोधकर्ता सर्वेक्षण की जाने वाली जनसंख्या की ठीक से पहचान नहीं करते हैं।

    • चयन त्रुटि: यह तब होता है जब सर्वेक्षण के प्रतिभागी स्व-चयन करते हैं या केवल सर्वेक्षण में रुचि रखने वाले लोग ही प्रतिक्रिया देते हैं। इसमें शोधकर्ता व्यापक भागीदारी को प्रोत्साहित करके इसका समाधान कर सकते हैं।

    • प्रतिरूप फ्रेम त्रुटि: यह त्रुटि तब होती है जब कोई प्रतिरूप जनसंख्या के गलत आकड़ों लिया जाता है।

    • गैर-प्रतिक्रिया त्रुटि: गैर-प्रतिक्रिया त्रुटि तब होती है जब शोधकर्ता उपयोगी प्रतिक्रियाएं प्राप्त नहीं कर पाते क्योंकि संभावित उत्तरदाता या तो पहुंच से बाहर थे या उन्होंने इसमें भाग लेने से इनकार कर दिया था।

Latest UGC NET Updates

Last updated on Jun 12, 2025

-> The UGC NET June 2025 exam will be conducted from 25th to 29th June 2025.

-> The UGC-NET exam takes place for 85 subjects, to determine the eligibility for 'Junior Research Fellowship’ and ‘Assistant Professor’ posts, as well as for PhD. admissions.

-> The exam is conducted bi-annually - in June and December cycles.

-> The exam comprises two papers - Paper I and Paper II. Paper I consists of 50 questions and Paper II consists of 100 questions. 

-> The candidates who are preparing for the exam can check the UGC NET Previous Year Papers and UGC NET Test Series to boost their preparations.

More Research Methods & Design Questions

More Research Methodology Questions

Get Free Access Now
Hot Links: teen patti glory teen patti master app teen patti rules teen patti rummy