राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति (National Civil Aviation Policy in Hindi) 15 जून, 2016 को भारत के केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित एक नीति है। भारतीय स्वतंत्रता के बाद यह पहली बार है कि विमानन मंत्रालय द्वारा एक एकीकृत नागरिक उड्डयन नीति लाई गई है। नीति का उद्देश्य इसे किफायती बनाकर जनता तक ले जाना, एक एकीकृत पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना है जिससे पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्र के विकास के लिए अग्रणी हो और वित्तीय सहायता और बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ाया जा सके। इस लेख में आइए हम राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति (National Civil Aviation Policy) के उद्देश्यों, नीति क्षेत्रों, भारत के विमानन क्षेत्र और यूपीएससी आईएएस परीक्षा के लिए इसकी चुनौतियों को देखें।
एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाना जो देश की जनता के लिए उड़ान को किफायती बनाए और 2022 तक 30 करोड़ घरेलू टिकट और 2027 तक 50 करोड़ और 2027 तक अंतरराष्ट्रीय टिकटिंग को बढ़ाकर 20 करोड़ कर सके। साथ ही, कार्गो की मात्रा को 10 मिलियन टन तक बढ़ाया जाना चाहिए।
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यात्रियों के लिए हवाई मार्ग से सुरक्षित, सुरक्षित, वहनीय और टिकाऊ यात्रा प्रदान करना और देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों तक पहुंच के साथ कार्गो का हवाई परिवहन करना।
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