एक संरचनात्मक कक्षा में बच्चों की संज्ञानात्मक सहभागिता को किस प्रकार सुसाधित किया जा सकता है?

(i) बच्चों के वार्तालाप द्वारा

(ii) अध्यापक के संवेगों द्वारा

(iii) बच्चों के सकारात्मक परस्पर संबंधों द्वारा

(iv) बाह्य रूप से अधिरोपित अनुशासन द्वारा

This question was previously asked in
CTET Paper 1 - 16th Dec 2021 (Eng/Hin/Sans/Ben/Mar/Tel)
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  1. (iii)
  2. (iv)
  3. (i), (ii), (iii)
  4. (i), (ii), (iv)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : (i), (ii), (iii)
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CTET CT 1: TET CDP (Development)
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कक्षाओं को उन स्थानों के रूप में देखा जाता है जहां ज्ञान की जांच और सह-निर्माण होता है। रचनावादी कक्षा में शिक्षक की भूमिका चर्चा को प्रोत्साहित करने और उसे सुगम बनाने की होती है। इस प्रकार, शिक्षक का मुख्य ध्यान प्रश्न पूछकर शिक्षार्थियों का मार्गदर्शन करने पर होना चाहिए जो उन्हें किसी विषय पर उनके स्वयं के निष्कर्ष को विकसित करने के लिए प्रेरित करेगा।

Key Points

  • एक संरचनात्मक कक्षा में, प्रत्येक शिक्षार्थी विषयवस्तु की अपनी समझ के निर्माण में सक्रिय रूप से शामिल होता है।
  • शिक्षकों को एक सकारात्मक और सहायक अधिगम का माहौल सुनिश्चित करना चाहिए, जिसमें शिक्षार्थी भावनात्मक रूप से सुरक्षित महसूस करें और स्वयं को संज्ञानात्मक रूप से चुनौती देने में सक्षम हों। शिक्षक को लचीला होना चाहिए और शिक्षार्थियों की व्यक्तिगत रुचियों और जरूरतों के अनुकूल होना चाहिए।
  • संज्ञानात्मक संलग्नता को "उनके अधिगम के दौरान छात्रों की प्रेरणाओं और रणनीतियों का एकीकरण और उपयोग" के रूप में परिभाषित किया गया है।
  • संरचनात्मक कक्षा में, शिक्षार्थी मुख्य रूप से समूहों में काम करते हैं, तथा अधिगम और ज्ञान समूह में गतिशील अंतःक्रिया से उत्पन्न होते हैं।
  • इसलिए यह आवश्यक है कि छात्र आपस में गुणकारी चर्चा करें जो तभी संभव है जब उनका एक-दूसरे के साथ सकारात्मक पारस्परिक संबंध हो।
  • संबंधों में नकारात्मकता सोचने की प्रक्रिया को कम कर देती है और शिक्षार्थी के मन में एक ऐसी पूर्वधारणा पैदा करती है जो एक संरचनात्मक कक्षा के लिए अच्छी नहीं होती है।
  • बच्चों के वार्तालाप भी संज्ञानात्मक सहभागिता की सुविधा भी देते हैं है क्योंकि बच्चे साथियों और शिक्षकों के साथ वार्तालाप के माध्यम से सीखते हैं।
  • अध्यापक के संवेगों द्वारा बच्चों के संवेग भी संज्ञानात्मक सहभागिता की सुविधा प्रदान करते हैं क्योंकि संवेग हमारे प्रेरणा के स्तर को प्रभावित करते हैं। सकारात्मक संवेग उन्हें शिक्षण-अधिगम में अधिक समय तक संलग्न रहने में मदद कर सकते हैं क्योंकि वे अभिप्रेरित रहते हैं।

इस प्रकार, यह निष्कर्ष निकाला गया है कि एक संरचनात्मक कक्षा में बच्चों की संज्ञानात्मक सहभागिता को कथनों (i), (ii), और (iii) द्वारा सुसाधित किया जा सकता है। 

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