उपमा MCQ Quiz in తెలుగు - Objective Question with Answer for उपमा - ముఫ్త్ [PDF] డౌన్లోడ్ కరెన్
Last updated on Mar 25, 2025
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उपमा Question 1:
'सुनि सुर सरि सम पावन बानी' पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
उपमा Question 1 Detailed Solution
सुनि सुर सरि सम पावन बानी' पंक्ति में अलंकार है - उपमा
’सुनि सुरसरि सम सीतल बानी।’
- उपमेय – बानी (वाणी)
- उपमान – सुरसरि (गंगा)
- साधारण धर्म – सीतल (ठण्डी/मधुर)
- वाचक शब्द – सम
Key Points
यमक | जहां एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आये। लेकिन हर बार अर्थ अलग अलग हों। वहां यमक अलंकार होता है। | कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। या खाए बौरात नर या पाए बौराय।। |
रुपक | जहाँ पर उपमेय और उपमान में कोई अंतर न दिखाई दे वहाँ रूपक अलंकार होता है अथार्त जहाँ पर उपमेय और उपमान के बीच के भेद को समाप्त करके उसे एक कर दिया जाता है वहाँ पर रूपक अलंकार होता है। | पायो जी मैंने राम रतन धन पायो। |
उपमा | जब किसी पद में दो पदार्थों की समानता को व्यक्त किया जाता है अर्थात् किसी एक सामान्य पदार्थ को किसी प्रसिद्ध पदार्थ के समान मान लिया जाता है तो वहाँ उपमा अलंकार माना जाता है। | ‘‘चन्द्रमा-सा कान्तिमय मुख रूप दर्शन है तुम्हारा।’’ |
वक्रोक्ति | जिस शब्द से कहने वाले व्यक्ति के कथन का अर्थ न ग्रहण कर सुनने वाला व्यक्ति अन्य ही चमत्कारपूर्ण अर्थ लगाये और उसका उत्तर दे, तब उसे वक्रोक्ति अलंकार कहते हैं। | एक कह्यौ वर देत भव भाव चाहिए चित्त। सुनि कह कोउ भोले भवहिं भाव चाहिए मित्त।। |
उपमा Question 2:
‘पीपर पात सरिस मन डोला’ इस काव्य पंक्ति में कौन सा अलंकार होगा?
Answer (Detailed Solution Below)
उपमा Question 2 Detailed Solution
दिए गए सभी विकल्पों में ‘उपमा अलंकार’ सही विकल्प है। अन्य सभी विकल्प अनुचित विकल्प हैं। अत: इसका सही उत्तर विकल्प 1 ‘उपमा अलंकार’ है।
स्पष्टीकरण:
‘पीपर पात सरिस मन डोला’ इस काव्य पंक्ति में उपमा अलंकार है। इस काव्य पंक्ति में मन की तुलना पीपल के पत्ते से की गयी है और सरिस को मन के समान बताया गया है। इसलिए यहाँ उपमा अलंकार होगा।
उपमा अलंकार- जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूससरी वस्तु या प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है।
विशेष:
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
|
उत्प्रेक्षा अलंकार |
जहाँ पर उपमान के न होने पर उपमेय को ही उपमान मान लिया जाए, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। |
सोहत ओढ़े पीत पट, स्याम सलोने गात। मनहुँ नीलमनि सैल पर, आतप परयौ प्रभात। |
|
प्रतीप अलंकार |
यह उपमा अलंकार के विपरीत होता है। क्योंकि इस अलंकार में उपमान को लज्जित, पराजित या हीन दिखाकर उपमेय की श्रेष्टता बताई जाती है। |
सिय मुख समता किमि करै चन्द वापुरो रंक। |
|
संदेह अलंकार |
जब उपमेय और उपमान में समता देखकर यह निश्चय नहीं हो पाता कि उपमान वास्तव में उपमेय है या नहीं। जब यह दुविधा बनती है , तब संदेह अलंकार होता है |
सारी बीच नारी है कि नारी बीच सारी है। सारी है कि नारी है कि नारी है कि सारी है। |
उपमा Question 3:
"सौ सिवधनु मृनाल की नाई।
तोरहूँ राम गणेन गोसाई।
इस पंक्ति में किस अलंकार का प्रयोग है?
Answer (Detailed Solution Below)
उपमा Question 3 Detailed Solution
सही उत्तर है - 'उपमा' l
Key Points
- "सौ सिवधनु मृनाल की नाई।
- तोरहूँ राम गणेन गोसाई। - यहां पर 'सौ सिवधनु' की तुलना 'राम गोसाई' से की गई है l
- इस प्रकार यहां 'उपमा' देने के कारण उपमा अलंकार का प्रयोग है l
- उपमा शब्द का अर्थ होता है - तुलना।, जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे यक्ति या वस्तु से की जाए वहाँ पर उपमा अलंकार होता है।
अन्य विकल्प :-
विभावना |
जहाँ पर कारण के न होते हुए भी कार्य का हुआ जाना पाया जाए वहाँ पर विभावना अलंकार होता है।
|
अर्थान्तरन्यास |
जब किसी सामान्य कथन से विशेष कथन का या विशेष कथन से सामान्य कथन का समर्थन किया जाता हैं वहाँ अर्थान्तरन्यास अलंकार होता है।
|
वक्रोक्ति |
जिस शब्द से कहने वाले व्यक्ति के कथन का अभिप्रेत अर्थ ग्रहण न कर श्रोता अन्य ही कल्पित या चमत्कारपूर्ण अर्थ लगाये और उसका उत्तर दे, उसे वक्रोक्ति कहते हैं।
|
अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है कि आभूषण, यह दो शब्दों से मिलकर बनता है-अलम + कार। जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषणों से होती है उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि जो शब्द आपके वाक्यांश को अलंकृत करें वह अलंकार कहलाता है।
- उपमा अलंकार के कुछ रोचक उदाहरण :-
- हरि पद कोमल कमल - इस उदाहरण में हरि के पैरों कि तुलना कमल के फूल से की गयी है। हरि के चरणों को कमल के फूल के जैसे कोमल बताया गया है।
- कर कमल-सा कोमल है - उदाहरण में कर-उपमेय है, कमल-उपमान है, कोमल-साधारण धर्म है एवं सा-वाचक शब्द है।
उपमा Question 4:
"सागर -सा गंभीर हृदय हो, गिरी -सा ऊँचा हो जिसका मन I" में कौन-सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
उपमा Question 4 Detailed Solution
सही उत्तर है- "उपमा अलंकार"। अन्य विकल्प असंगत हैं।
- पंक्ति-
- "सागर -सा गंभीर हृदय हो, गिरी -सा ऊँचा हो जिसका मन I"
- इसमें सागर तथा गिरी उपमान, मन और ह्रदय उपमेय सा वाचक, गंभीर एवं ऊँचा साधारण धर्म है।
- इसलिये यहाँ उपमा अलंकार है।
Key Pointsउपमा अलंकार-
- परिभाषा-
- जहाँ गुण धर्म या क्रिया के आधार पर उपमेय की तुलना उपमान से की जाती है, वहाँ उपमा अलंकार होता है।
- उदाहरण-
- सागर-सा गंभीर हृदय हो,
- गिरि सा ऊँचा हो जिसका मन
- इस उदाहरण में सागर (उपमान) के समान गंभीर हृदय (उपमेय) और गिरि (पर्वत) के सामान मन (उपमेय) की तुलना की गयी है।
Important Pointsअतिशयोक्ति अलंकार-
- परिभाषा-
- जब किसी बात का वर्णन बहुत बढ़ा-चढ़ाकर किया जाता है, तब वह ‘अतिश्योक्ति अलंकार’ अलंकार कहा जाता है।
- उदाहरण-
- देख लो यह साकेत नगरी है यही, स्वर्ग से मिलने गगन को जा रही।
- अर्थात् साकेत नगरी को स्वर्ग से मिलते हुए दिखाना अतिशयोक्ति है।
- क्योंकि कोई भी नगर स्वर्ग में कैसे जा सकता है यह असंभव है।
रूपक अलंकार-
- परिभाषा-
- जहां उपमेय में उपमान का आरोप किया जाए वहाँ रूपक अलंकार होता है।
- रूपक अलंकार में गुण की अत्यंत समानता दिखाने के लिए उपमेय और उपमान को "अभिन्न" अर्थात् "एक" कर दिया जाता है।
- उदाहरण-
- पायो जी मैंने राम रतन धन पायो।
- यहां राम रतन (उपमेय) पर धन (उपमान) का आरोप है और दोनों में अभिन्नता है, इसलिए यहां रूपक अलंकार होगा।
उत्प्रेक्षा अलंकार-
- परिभाषा-
- जहाँ उपमेय में उपमान होने की संभावना या कल्पना की जाती है, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।
- पहचान-
- जनु, मनु, इव, मानो, मनो, मनहुँ, आदि। शब्द अगर किसी अलंकार में आते है तो वह उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।
- उदाहरण-
- सोहत ओढ़े पीत पर, स्याम सलोने गात।
- मनहु नील मनि सैण पर, आतप परयौ प्रभात।
उपमा Question 5:
निम्नलिखित में से किस काव्य-पंक्ति में उपमा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
उपमा Question 5 Detailed Solution
दिए गए सभी विकल्पों में से विकल्प ‘पीपर पात सरिस मन डोला’ में उपमा अलंकार है। अत: इसका सही उत्तर विकल्प 4 ‘पीपर पात सरिस मन डोला’ है। अन्य विकल्प अनुचित उत्तर होंगे।
स्पष्टीकरण:
उपरोक्त सभी विकल्पों में से ‘पीपर पात सरिस मन डोला’ इस काव्य पंक्ति में उपमा अलंकार है।
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
उपमा |
जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूसरी वस्तु या प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है।
|
पीपर पात सरिस मन डोला। |
अन्य विकल्प:
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
अनुप्रास अलंकार |
जहां एक वर्ण की आवृत्ति एक या एक से अधिक बार हो वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। |
मुदित महीपति मंदिर आए। |
यमक |
जहां एक शब्द एक से अधिक बार आए और उसका अर्थ भिन्न हो, वहाँ यमक अलंकार होता है। |
- ‘काली घटा का घमंड घटा।’ - ‘तीन बेर खाती थी वे तीन बेर खाती हैं।’
|
उपमा Question 6:
निम्न में कौनसा शब्दालंकार नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
उपमा Question 6 Detailed Solution
शब्दालंकार नहीं है- 'उपमा अलंकार'।
उपमा अलंकार, अर्थालंकार है।
Key Pointsशब्दालंकार- जिसमें शब्द के माध्यम से चमत्कार उत्पन्न हों, ऐसे अलंकार शब्दालंकार कहलाते है।
शब्दालंकार- 5 भेद।
- अनुप्रास अलंकार
- यमक अलंकार
- श्लेष अलंकार
- वक्रोक्ति अलंकार
- वीप्सा अलंकार
अर्थालंकार- जिसमें अर्थ के माध्यम से चमत्कार उत्पन्न हों, ऐसे अलंकार अर्थालंकार कहलाते है।
अर्थालंकार के भेद-
- उपमा अलंकार
- उत्प्रेक्षा अलंकार
- रूपक अलंकार
- भ्रान्तिमान अलंकार
- अतिश्योक्ति अलंकार
- आदि
Additional Informationअलंकार- 'काव्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्दों को अलंकार कहते है'।
अलंकार सम्प्रदाय के प्रतिष्ठापक 'भामह' को माना जाता है।
अलंकार के भेद- 3 भेद होते।
- शब्दालंकार
- अर्थालंकार
- आधुनिक या उभयालंकार
Mistake Points'उपमा अलंकार' - जब उपमेय की तुलना उपमान से की जाये तब उपमा अलंकार होता है।
जैसे- 'यह देखिए, अरविंद - से शिशुवृन्द कैसे सो रहे'।
यहाँ पर 'शिशु' की तुलना 'अरविन्द' यानि कि 'कमल' से की गयी है।
- 'शब्दालंकार' शब्दों पर आधारित होते है।
- जबकि,'अर्थालंकार' अर्थ पर आधारित होते है।
उपमा Question 7:
पीपर पात सरिस मन डोला। - में निम्न में से कौन सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
उपमा Question 7 Detailed Solution
पीपर पात सरिस मन डोला। - में अलंकार है- उपमा अलंकार
- इस वाक्य में 'सरिस' शब्द का प्रयोग हुआ है।
- सरिस' शब्द का अर्थ- सदृश, समान, तुल्य।
- अतः यह “उपमा अलंकार” है।
- सरिस, सम, समान, -सा, -सी, जैसे इत्यादि का प्रयोग हो तो वह उपमा अलंकार होता है।
Key Pointsअन्य विकल्प -
- पुनरुक्ति अलंकार- जब किसी वाक्य में कोई शब्द का प्रयोग दो बार किया जाता है अर्थात एक ही शब्द को दो बार दोहराया जाता हैं, वहाँ पर पुनरुक्ति अलंकार होता है।
- उदाहरण- मधुर वचन कहि-कहि परितोषीं।
- वीप्सा अलंकार- आदर, घबराहट, आश्चर्य, घृणा, रोचकता आदि प्रदर्शित करने के लिए किसी शब्द को दुहराना ही वीप्सा अलंकार है।
- उदाहरण- विहग-विहग
फिर चहक उठे ये पुंज-पुंज
कल-कूजित कर उर का निकुंज
चिर सुभग-सुभग। - वक्रोक्ति अलंकार- जिस शब्द से कहने वाले व्यक्ति के कथन का अभिप्रेत अर्थ ग्रहण न कर श्रोता अन्य ही कल्पित या चमत्कारपूर्ण अर्थ लगाये और उसका उत्तर दे, उसे वक्रोक्ति कहते हैं।
- उदाहरण- मैं सुकमारि नाथ बन जोगू।
तुमहिं उचित तप मो कहँ भोगू ॥
Additional Information
अलंकार की परिभाषा |
अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है- 'आभूषण', जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषण से उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है अर्थात जो किसी वस्तु को अलंकृत करे वह अलंकार कहलाता है। |
Confusion Points
- उपमेय- उपमेय शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है- "जिसके लिए उपमा दी जाए"। जिस व्यक्ति या वस्तु की किसी अन्य से समता या तुलना की जाती है उसे 'उपमेय' कहा जाता है।
- उपमान- उपमान का शाब्दिक अर्थ है- "जिससे तुलना या समता हो।" जिस प्रसिद्ध व्यक्ति या वस्तु से समानता बताई जाती है या तुलना की जाती है, उसे उपमान कहा जाता है।
उपमा Question 8:
'सजल नीरद सी
कलाकांति थी' पंक्ति के रेखांकित अंश में अलंकार है:
Answer (Detailed Solution Below)
उपमा Question 8 Detailed Solution
- 'सजल नीरद सी कलाकान्ति थी' पंक्ति में रेखान्कित अंश में 'उपमा' अलंकार है।
- अतः 'उपमा' अलंकार संगत विकल्प है। अन्य सभी विकल्प असंगत है। Key Points
- अलंकार का शाब्दिक अर्थ है- 'आभूषण'
- जिस प्रकार सोने के आभूषण से व्यक्ति के शरीर की शोभा बढ़ती है। उसी प्रकार काव्य अलंकारों से काव्य की।
- अलंकार के तीन प्रकार
- शब्दालंकार
- अर्थालंकार
- आधुनिक /पाश्चात्य अलंकार
अलंकार | पहचान | उदाहारण |
उपमा | उपमा के चार अंग उपमेय - जिसकी उपमा दी जाय। उपमान- जिससे उपमा दी जाय। समान धर्म -उपमेय और उपमान में पाया जाने वाला समान गुण सादृश्य वाचक शब्द- उपमेय और उपमान की समानता बताने वाला शब्द (सा,ऐसा,जैसा,ज्यो,सदृश,समान) |
मुख चन्द्र सा सुन्दर है। मुख-उपमेय चन्द्र-उपमान समान धर्म-सुन्दरता सादृश्य वाचक शब्द -सा |
Important Points
रूपक |
जहाँ गुण की अत्यंत समानता के कारण उपमेय में ही उपमान का अभेद आरोप कर दिया हो, वहाँ रूपक अलंकार होता है। |
संतो भाई आई ज्ञान की आंधी रे |
उत्प्रेक्षा |
जब उपमेय में गुण-धर्म की समानता के कारण उपमान की संभावना कर ली जाए। |
"कहती हुई यूँ उत्तरा के नेत्र जल से भर गए। |
यमक |
जहां एक ही शब्द कई बार अलग-अलग अर्थों में प्रयुक्त होता है वहाँ यमक अलंकार होता है। |
कनक-कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय, या खाये बौराये जग, या पाये बौराये। |
उपमा Question 9:
निम्नलिखित में से किस अलंकार में समान धर्म का होना अनिवार्य है ?
Answer (Detailed Solution Below)
उपमा Question 9 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में सही उत्तर ‘उपमा अलंकार’ है।
Key Points
- समान धर्म के आधार पर जहाँ एक वस्तु की समानता या तुलना किसी दूसरी वस्तु से की जाती है, वहाँ उपमा अलंकार होता है।
उपमा के चार अंग हैं-
- उपमेय वर्णनीय वस्तु जिसकी उपमा या समानता दी जाती है, उसे ‘उपमेय’ कहते हैं; जैसे-उसका मुख चन्द्रमा के समान सुन्दर है। वाक्य में ‘मुख’ की चन्द्रमा से समानता बताई गई है, अत: मुख उपमेय है।
- उपमान जिससे उपमेय की समानता या तुलना की जाती है उसे उपमान कहते हैं; जैसे-उपमेय (मुख) की समानता चन्द्रमा से की गई है, अतः चन्द्रमा उपमान है।
- साधारण धर्म जिस गुण के लिए उपमा दी जाती है, उसे साधारण धर्म कहते हैं। उक्त उदाहरण में सुन्दरता के लिए उपमा दी गई है, अत: सुन्दरता साधारण धर्म है।
- वाचक शब्द जिस शब्द के द्वारा उपमा दी जाती है, उसे वाचक शब्द कहते हैं। उपर्युक्त उदाहरण में समान शब्द वाचक है। इसके अलावा ‘सी’, ‘सम’, ‘सरिस’ सदृश शब्द उपमा के वाचक होते हैं।
अन्य विकल्प:
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
उत्प्रेक्षा |
जहाँ उपमेय में उपमान होने की संभावना या कल्पना की जाती है, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। |
सोहत ओढ़े पीत पर, स्याम सलोने गात। मनहु नील मनि सैण पर, आतप परयौ प्रभात।। |
यमक |
जब शब्द की एक से ज़्यादा बार आवृति होती है एवं विभिन्न अर्थ निकलते हैं तो वहाँ यमक अलंकार होता है। |
तीन बेर खाती थी वे तीन बेर खाती हैं। |
श्लेष |
जहां पर किसी एक शब्द का अनेक अर्थों में प्रयोग हो, वहाँ श्लेष अलंकार होता है। |
मधुवन की छाती को देखो, सूखी कितनी इसकी कलियाँ। |
Additional Information
अलंकार |
काव्य अथवा भाषा की शोभा बढ़ाने वाले मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते हैं। अर्थात जिन गुण धर्मों द्वारा काव्य की शोभा बढ़ाई जाती है, उन्हें अलंकार कहा जाता है। इसके दो भेद हैं- शब्दालंकार और अर्थालंकार। |
उपमा Question 10:
'मुख मयंक सम मंजु मनोहर' में कौन सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
उपमा Question 10 Detailed Solution
उपर्युक्त पंक्ति में उपमा अलंकार है।Key Points
'मुख मयंक सम मंजु मनोहर' अर्थात मुख के समान मयंक है।
यहाँ मुख की तुलना मयंक अर्थात चंद्रमा से की गई है।
अतः यहाँ पर उपमा अलंकार है।
Important Pointsउपमा अलंकर
उपमा शब्द का अर्थ होता है – तुलना। जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे यक्ति या वस्तु से की जाए वहाँ पर उपमा अलंकार होता है।
अर्थात जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण, आकृति, स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए, तब वहां उपमा अलंकर होता है।
उदाहरण -
हरि पद कोमल कमल से -यहाँ हरि (भगवान) के पैरों को कमल के समान कोमल बताया गया है।
Additional Informationरूपक
रूपक साहित्य में एक प्रकार का अर्थालंकार है जिसमें बहुत अधिक साम्य के आधार पर प्रस्तुत में अप्रस्तुत का आरोप करके अर्थात् उपमेय या उपमान के साधर्म्य का आरोप करके और दोंनों भेदों का अभाव दिखाते हुए उपमेय या उपमान के रूप में ही वर्णन किया जाता है। इसके सांग रूपक, अभेद रुपक, तद्रूप रूपक, न्यून रूपक, परम्परित रूपक आदि अनेक भेद हैं।
उदाहरण- चरन कमल बन्दउँ हरिराई
अनुप्रास अलंकार
इस अलंकार में एक ही वर्ण का बार-बार प्रयोग किया जाता है।
जैसे- जन रंजन मंजन दनुज मनुज रूप सुर भूप।
यमक अलंकार
जब एक शब्द प्रयोग दो बार होता है और दोनों बार उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं तब यमक अलंकार होता है।
उदाहरण
ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी, ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहाती हैं।
- यहाँ पर मन्दर के अर्थ हैं अट्टालिका और गुफा
कनक-कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय, या खाये बौराय जग, वा पाये बौराय।
- यहाँ पर कनक के अर्थ हैं धतूरा और सोना।