प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार MCQ Quiz in தமிழ் - Objective Question with Answer for प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार - இலவச PDF ஐப் பதிவிறக்கவும்
Last updated on Mar 30, 2025
Latest प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार MCQ Objective Questions
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प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 1:
'कोसी का घटवार' कहानी के लेखक कौन हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 1 Detailed Solution
सही उत्तर शेखर जोशी है।
Key Points
- 'कोसी का घटवार' कहानी के लेखक शेखर जोशी हैं, इसका प्रकाशन सन् 1958 में हुआ था।
- 'कोसी का घटवार' इस कहानी का पात्र एक भूतपूर्व सैनिक नायक गुसाईं सिंह है।
- शेखर जोशी नई कहानी आन्दोलन के चर्चित कथाकार हैं।
- 'कोशी का घटवार' इनकी सबसे अधिक लोकप्रिय कहानी है। इस कहानी पर फिल्म भी बनी है।
- 'कोसी का घटवार' कहानी के बारे में उन्होंने बताया कि वह इस कहानी के पात्र किसी गुसाई और लछिमा को नहीं जानते थे। यह फौज में जाने वाले ऐसे सिपाही के जीवन से जुड़ी कहानी है, जो कभी विवाह नहीं करता। वह गांव की लछिमा से प्यार करता है। जब लछिमा की शादी किसी दूसरे युवक से हो जाती है तो गुसाई सिंह टूट जाता है।
अन्य विकल्प -
कवि |
परिचय |
रचनाये |
फणीश्वरनाथ रेणु |
फणीश्वरनाथ रेणु हिंदी के प्रथम आंचलिक कथा शिल्पी के रूप में विख्यात हुए थे। |
ठुमरी, अगिनखोर, आदिम रात्रि की महक, तीसरी कसम। 'मैला आँचल' और 'परती परिकथा' आपके उल्लेखनीय उपन्यास हैं। |
दूधनाथ सिंह |
हिन्दी के आलोचक, सम्पादक एवं कथाकार थे। उन्होने अपनी कहानियों के माध्यम से साठोत्तरी भारत के पारिवारिक, सामाजिक, आर्थिक, नैतिक एवं मानसिक सभी क्षेत्रों में उत्पन्न विसंगतियों को चुनौती दी। |
आखिरी कलाम, निष्कासन, नमो अन्धकारम |
शिवप्रसाद सिंह |
शिवप्रसाद सिंह ने हिन्दी की उपन्यास, कहानी, निबंध और आलोचना जैसी लगभग सभी गद्य विधाओं में रचनाएँ कीं। |
दादी मां', 'कर्मनाशा की हार', 'धतूरे का फूल', 'नन्हों', 'एक यात्रा सतह के नीचे', 'राग गूजरी', 'मुरदा सराय' आदि |
प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 2:
फणीश्वरनाथ रेणु द्वारा रचित कहानियांँ हैं :
(A) मुर्दों का गांव
(B) ठुमरी
(C) कर्मनाशा की हार
(D) आदिम रात्रि की महक
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 2 Detailed Solution
फणीश्वरनाथ रेणु द्वारा रचित कहानियांँ हैं-(B)ठुमरी और (D)आदिम रात्रि की महक।
Key Points
- फणीश्वरनाथ रेणु(1921-1977ई.)-नयी कहानी आंदोलन से जुड़े हुए कहानीकार है।
- कहानी संग्रह-ठुमरी(1958ई.),आदिम रात्रि की महक(1967ई.),अग्निखोर(1973ई.),एक श्रावणी दोहपर की धूप(1984ई.),अच्छे आदमी(1986ई.)।
- प्रमुख कहानियां-तीसरी कसम,लालपान की बेगम,रसप्रिया,पंचलाइट,अक्ल और भैंस,ठेस,नैना जोगिन आदि।
Important Points
- मुर्दों का गाँव(1946ई.) कहानी धर्मवीर भारती की है व कर्मनाशा की हार(1958ई.) शिवप्रसाद सिंह की कहानी है।
- धर्मवीर भारती(1926-1997ई.) कहानी-संग्रह:स्वर्ग और पृथ्वी(1949ई.),चाँद और टूटे हुए लोग(1955ई.),बंद गली का आखिरी मकान(1969ई.) आदि।
- शिवप्रसाद सिंह(1929-1998ई.) कहानी संग्रह:आर पार की माला(1955ई.),इन्हें भी इंतज़ार है(1961ई.),बीच बहस में(1973ई.),भेड़िये(1977ई.) आदि।
Additional Information
- हरिकृष्ण कौल-"रेणु की कहानियाँ पढ़कर लगता है कि यह जीवन जीने योग्य है।यह संसार त्याज्य नहीं ग्राह्य है."
- रामचन्द्र तिवारी-"धर्मवीर भारती आधुनिकता बोध के सूत्रों से बौद्धिक स्तर पर बखूबी परिचित है,किंतु संवेदना के स्तर पर रोमानी संस्कारों से मुक्त नहीं हो सके है।"
प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 3:
प्रकाशन वर्ष के अनुसार निम्नलिखित कहानी संग्रहों का सही क्रम बताइए -
(A) वाङ्चू
(B) राजा निरबसिया
(C) एक और जिंदगी
(D) यही सच है
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 3 Detailed Solution
प्रकाशन वर्ष के अनुसार कहानी संग्रहों का सही क्रम- (B) राजा निरबसिया,(C) एक और जिंदगी,(D) यही सच है,(A) वाङ्चू
Key Points
कहानी | वर्ष(ई.) | लेखक |
राजा निरबंसिया | 1957 | कमलेश्वर |
एक और जिंदगी | 1961 | मोहन राकेश |
यही सच है | 1966 | मन्नू भंडारी |
वाङ्चू | 1978 | भीष्म साहनी |
Important Points
- भीष्म साहनी(1915-2003ई.)-भाग्यरेखा(1953),पहला पाठ(1957),भटकती राख(1966),पटरियां(1973) आदि।
- मोहन राकेश(1925-1972ई.)-इंसान के खंडहर(1950),नये बादल(1957),जानवर और जानवर(1958)आदि।
- मन्नू भंडारी(1931ई.)-मैं हार गई(1957),एक प्लेट सैलाब(1968),तीन निगाहों की एक तस्वीर(1968),त्रिशंकु(1978)आदि।
- कमलेश्वर(1931-2007ई.)-कस्बे का आदमी(1958),खोयी हुई दिशाएं(1963),बयान(1973)आदि।
Additional Information
- नामवर सिंह-"सादगी और सहजता भीष्म जी की कहानी कला की ऐसी खुबियाँ हैं जो प्रेमचन्द के अलावा और कहीं दिखाई नहीं देती।"
- मोहन राकेश-"मेरी कहानियां संबन्धों की यंत्रणा को अपने अकेलेपन में झेलते लोगों की कहानियाँ हैं।"
प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 4:
'तीसरी कसम' कहानी में गाड़ीवान् ने कौन-सा सामान न लादने की कसम नहीं खाई?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 4 Detailed Solution
'तीसरी कसम' कहानी में गाड़ीवान् ने-2) दुलहिन की डोली सामान न लादने की कसम नहीं खाई।
Important Points
- फणीश्वरनाथ रेणु द्वारा लिखित कहानी ‘तीसरी कसम उर्फ मारे गए गुलफाम’ एक अंचल की कथा है।
- इस कहानी के मूल पात्र हीरामन और हीराबाई हैं।
- फणीश्वर नाथ 'रेणु' की प्रमुख कृतियाँ-मैला आंचल,परती परिकथा,लाल पान की बेगम,ठुमरी,दीर्घतपा,कितने चौरहे आदि हैं।
Additional Information
- हीरामन एक गाड़ीवान है।
- हीराबाई नौंटकी में अभिनय करने वाली एक खूबसूरत अदाकारा है।
प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 5:
"गोपियों को कभी स्वप्न में भी नहीं झलका था कि बाँस की बाँसुरी में घूँघट खोलकर नचा देने वाली शक्ति भरी है।"
उपर्युक्त कथन किस कहानी से संबंधित है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 5 Detailed Solution
- लेखक - राधिकारमण गुप्त
- प्रकाशन वर्ष - 1913 ई.
- पात्र - किरण, नरेंद्र, योगीश्वर, जूही, किन्नरी, मोहन।
- मुख्य - यह कहानी 'इंदु' पत्रिका में प्रकाशित हुई।
- इस कहानी में केंद्रीय पात्र नरेंद्र का किरण से प्रेम विवाह और फिर किन्नरी के सौंदर्य से वशीभूत हो प्रेम से विमुख हो जाने की कथा है।
- अंत में किरण के प्रण- त्याग के समय वास्तविकता का एहसास होने की कहानी है।
- कुसमांजलि(1938 ई.)
- गांधी टोपी (1938 ई.)
- सावनी समाँ (1938 ई.)
- पैसे की घूघनी
- दरिद्रनारायण
- बिजली
कहानी | लेखक | प्रकाशनवर्ष | मुख्य |
दुनिया का सबसे अनमोल रतन | प्रेमचंद | 1907 ई. | जमाना पत्रिका में प्रकाशित |
उसने कहा था | चंद्रधर शर्मा गुलेरी | 1915 ई. | सरस्वती पत्रिका में प्रकाशित |
तीसरी कसम / मारे गए गुलफाम | फणीश्वर नाथ रेणु | 1959 ई. | ठुमरी कहानी संग्रह |
प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 6:
निम्नलिखित में एक मार्कण्डेय की कहानी नहीं है
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 6 Detailed Solution
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "रामलीला" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- रामलीला कहानी प्रेमचंद की कहानी है।
- रामलीला कहानी उत्तम पुरुष शैली में लिखी गई है।
- अर्थात इसमें "मैं" का प्रयोग किया गया है।
- मार्कण्डेय (2 मई 1930 - 18 मार्च 2010) की कहानियाँ
- पानफूल (1954) ,पत्थर और परछाइयाँ (1956),महुए का पेड़ (1957) हंसा जाइ अकेला (1957), भूदान (1958), माही (1962), बीच के लोग (1975)
- प्रेमचंद की कहानियाँ निम्नलिखित हैं:-
- सौत (1915),नमक का दारोगा (1913), पंच परमेश्वर (1916), बलिदान (1918), आत्माराम (1920), बूढ़ी काकी (1921), विचित्र होली (1921), गृहदाह(1922), हार की जीत (1922), परीक्षा (1923), आपबीती (1923), उद्धार (1924), सवा सेर गेहूं (1924), शतरंज के खिलाड़ी (1925), माता का ह्रदय (1925), कजाकी (1926), सुजान भगत (1927), इस्तीफा (1928), अलग्योझा (1929),पूस की रात (1930), तावान (1931), होली का उपहार (1931), ठाकुर का कुआं (1932), बेटों वाली विधवा (1932), ईदगाह (1933), नशा (1934) , बड़े भाई साहब (1934), कफन (1936), दिल की रानी, सारंगा सदावृक्ष, मैकू, मोटे राम शास्त्री
प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 7:
फ़णीश्वरनाथ रेणु की कहानी 'तीसरी कसम' का एक और नाम क्या है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 7 Detailed Solution
फ़णीश्वरनाथ रेणु की कहानी 'तीसरी कसम' का एक और नाम :- मारे गये गुलफाम है।
Key Points
- फणीश्वरनाथ रेणु द्वारा लिखित कहानी ‘तीसरी कसम उर्फ मारे गए गुलफाम’ एक अंचल की कथा है।
- इस कहानी के मूल पात्र हीरामन और हीराबाई हैं।
- फणीश्वर नाथ 'रेणु' की प्रमुख कृतियाँ-मैला आंचल,परती परिकथा,लाल पान की बेगम,ठुमरी,दीर्घतपा,कितने चौरहे आदि हैं।
- हीरामन एक गाड़ीवान है।
- हीराबाई नौंटकी में अभिनय करने वाली एक खूबसूरत अदाकारा है।
Additional Information
- पंचलाइट:- फणीश्वर नाथ रेणु
- मिरदंगिया :- रसप्रिया कहानी के पात्र
- राजा निरबसिंया :-
प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 8:
"मैं चुपचाप खड़ा सब देख रहा हूं और अब न जाने क्यों मुझे मन में लग रहा है कि दीवानचंद की शवयात्रा में कम से कम मुझे तो शामिल हो ही जाना चाहिए था।" किस कहानी के आरम्भ में आया हुआ कथन है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 8 Detailed Solution
प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 9:
'आकाशदीप' कहानी के संदर्भ में विचार कीजिए-
A. यह जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित कहानी है।
B. इसमें कर्तव्य और प्रेम के अंर्तद्वन्द्व से जूझती चम्पा की कहानी कही गई है।
C. चम्पा दस्यु जाति से संबंध रखती थी।
D. चंपा कहती है- अंधेर है जलदस्यु। तुम्हें प्यार करती हूँ।
E. बुद्धगुप्त चंद्रकांता से प्रेम करता था।
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए।
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 9 Detailed Solution
'आकाशदीप' कहानी के संदर्भ में सही उत्तर है- केवल (A), (B), (D)
Key Pointsसही हैं-
- C. चम्पा दस्यु जाति से संबंध नहीं रखती थी।
- E. बुद्धगुप्त चम्पा से प्रेम करता था और जल दस्यु जाति से संबंध रखता था।
Important Pointsआकाशदीप-
- रचनाकार-जयशंकर प्रसाद
- विधा-कहानी
- प्रकाशन वर्ष-1928 ई.
- विषय-
- चम्पा और बुद्धगुप्त के आदर्श प्रेम व त्याग की कहानी है।
Additional Information
जयशंकर प्रसाद-
- जन्म-1889-1937 ई.
- कहानी संग्रह-
- छाया(1912 ई.)
- प्रतिध्वनि(1926 ई.)
- आँधी(1931 ई.)
- इंद्रजाल(1936 ई.) आदि।
- कहानियाँ-
- ग्राम
- देवदासी
- देवरथ
- विरामचिह्न
- मधुआ
- पुरस्कार
- गुंडा आदि।
प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 10:
निम्न में से कौन सी रचना फणीश्वरनाथ रेणु की है
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 10 Detailed Solution
- फणीश्वरनाथ रेणु द्वारा लिखित ‘लाल पान की बेगम’ कहानी एक आंचलिक और मनोवैज्ञानिक कहानी है।
- इसमें ग्रामीण परिवेश की गंध छिपी हुई है।
- नाच-गान देखने-दिखाने के बहाने कहानीकार ने ग्रामीण जीवन के अनेक रंग-वेशे की गहरी संवेदना के साथ प्रकट किया है।
- गाँव के लोग-बाग किस तरह एक-दूसरे के साथ ईर्ष्या-द्वेष, राग-विराग, आशा-निराशा, हर्ष-विषाद के गहरे आवर्त में बँधे रहते हैं, उसकी जीवंत बानगी है-लाल पान की बेगम।
नोट: यह प्रश्न बिहार बोर्ड की कक्षा 9 की पाठ्य पुस्तक गोधूलि भाग 1 के पाठ ग्राम गीत का मर्म पर आधारित है।