साहित्य का इतिहास MCQ Quiz - Objective Question with Answer for साहित्य का इतिहास - Download Free PDF
Last updated on Jul 17, 2025
Latest साहित्य का इतिहास MCQ Objective Questions
साहित्य का इतिहास Question 1:
जयशंकर 'प्रसाद' की कृति है:
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 1 Detailed Solution
सही उत्तर 'उक्त सभी' है।
Key Points
- दिए गए साभी विकल्प 'आँसू, चन्द्रगुप्त और स्कंदगुप्त' ये सभी कृतियाँ जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित हैं।
- जयशंकर प्रसाद हिंदी साहित्य में छायावादी काव्याधारा के कवि हैं।
- जयशंकर प्रसाद ने गद्य आऊर पद्य दोनों मेन साहित्य रचना की है।
- कामायनी प्रसाद जी द्वारा रचित महाकाव्य है।
- प्रसाद की रचनाएँ-
- काव्य- चित्राधार, कानन-कुसुम, करूणालय, महाराणा का महत्व, प्रेम-पथिक, झरना, लहर, कामायनी और प्रसाद-संगीत।
- नाटक- प्रायश्चित्त, सज्जन, कल्याणी-परिणय, अजात-शत्रु, विशाख, जनमेजय का नागयज्ञ, कामना, एक-घूँट, ध्रुवस्वामिनी।
Additional Information
- छायावाद कविता वाणी का वह लावण्य है जो स्वयं मे मोती के पानी जैसी छाया, तरलता और युवती के लज्जा भूषण जैसी श्री से संयुक्त होता है।
- यह तरल छाया और लज्जा श्री ही छायावाद कवि की वाणी का सौंदर्य है।
साहित्य का इतिहास Question 2:
'पूस की रात' (कहानी) के रचयिता हैं :
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 2 Detailed Solution
'पूस की रात' (कहानी) के रचयिता हैं - प्रेमचंद
Key Pointsपूस की रात-
- रचनाकार - प्रेमचंद
- विधा - कहानी
- प्रकाशन वर्ष - 1930 ई.
- मुख्य पात्र - हल्कू किसान, उसकी पत्नी मुन्नी, सहना जो कर्ज वसूलने आता है।
- विषय - एक किसान "हल्कू "की कठिनाई चित्रित किया गया है।
Important Pointsप्रेमचंद-
- जन्म- 1880 - 1936 ई.
- भारत के उपन्यास सम्राट माने जाते हैं।
- प्रेमचंद का वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था।
- कहानी-
- बड़े घर की बेटी (1910)
- नमक का दरोगा (1913)
- सज्जनता का दण्ड (1916)
- पंच परमेश्वर (1916)
- आप बीती (1923)
-
शतरंज के खिलाड़ी (1925) आदि।
Additional Informationशिवपूजन सहाय-
- जन्म- 1893 -1963 ई.
- हिन्दी के प्रसिद्ध उपन्यासकार, कहानीकार, सम्पादक और पत्रकार थे।
- कहानी-संग्रह-
- विभूति (1926 ई.)
जयंशकर प्रसाद-
- जन्म- 1889-1937 ई.
- हिन्दी कवि, नाटककार, कहानीकार, उपन्यासकार तथा निबन्ध-लेखक थे।
- कहानी-संग्रह-
- छाया (1912 ई.)
- प्रतिध्वनि (1926 ई.)
- आकाशदीप (1929 ई.)
- आँधी (1931 ई.)
- इन्द्रजाल (1936 ई.) आदि।
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला-
- जन्म- 1896 -1961 ई.
- हिन्दी के छायावादी कवियों में कई दृष्टियों से विशेष महत्त्वपूर्ण हैं।
- निराला जी एक कवि, उपन्यासकार, निबन्धकार और कहानीकार थे।
- कहानी संग्रह-
- लिली (1934 ई.)
- सखी (1935 ई.)
- सुकुल की बीवी (1941 ई.)
- चतुरी चमार (1945 ई.)
- देवी (1948 ई.) आदि।
साहित्य का इतिहास Question 3:
सुभद्रा कुमारी चौहान की रचना कौन सी है?
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 3 Detailed Solution
इसका सही उत्तर विकल्प 3 'वीरों का कैसा हो बसंत' होगा। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।
Key Points
- सुभद्रा कुमारी चौहान की रचना 'वीरों का कैसा हो बसंत' है।
- सुभद्रा कुमारी चौहान हिंदी की प्रमुख कवयित्री हैं।
- इनके दो कविता संग्रह तथा तीन कथा संग्रह प्रकाशित हुए हैं।
- इनकी प्रसिद्धि झाँसी की रानी (कविता) के कारण है।
Important Pointsअन्य विकल्प:
- पल्लव- सुमित्रानंदन पंत
- उर्वशी- रामधारी सिंह दिनकर
- सुहाग के नूपुर- अमृतलाल नागर
साहित्य का इतिहास Question 4:
निम्न में से कौन - सी रचना प्रेमचंद की नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 4 Detailed Solution
'परती परिकथा' फनीश्वरनाथ रेणु द्वारा रचित उपन्यास है। अत: सही उत्तर विकल्प 3 परती परिकथा है।
Key Points
- परती परिकथा एक उपन्यास है जिसके रचयिता फणीश्वर नाथ रेणु हैं।
- मैला आँचल के बाद यह रेणु का दूसरा आंचलिक उपन्यास है।
- इस उपन्यास के साथ ही हिंदी साहित्य जगत दो भागों में विभक्त हो गया: पहला वर्ग तो इसको मैला आँचल से भी बेहतर उपन्यास मानता था, वहीँ, दूसरा वर्ग इसे उपन्यास ही नहीं मानता था। सच में अगर उपन्यास के पारंपरिक मानकों से देखा जाये तो परती परिकथा में काफी अलगाव दिखेगा।
- यह मैला आँचल जैसा भी एकरेखीय धारा में नहीं चलता, वरन यह तो देश-काल का अतिक्रमण कर एक ही समय में सारे काल को प्रस्तुत और अप्रस्तुत दोनों करता है। यह जितना दिखाता है उससे भी ज्यादा छिपाता है। कभी यह पाठकों की परीक्षा लेता है तो कभी यह उसे बिलकुल भौचक ही कर देता है।
रचनाकार |
परिचय |
प्रमुख रचनाएँ |
प्रेमचंद |
धनपत राय श्रीवास्तव (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936) जो नाम से जाने जाते हैं, वो हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे। उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं। उन्होंने हिंदी समाचार पत्र जागरण तथा साहित्यिक पत्रिका हंस का संपादन और प्रकाशन भी किया। हिंदी कहानी तथा उपन्यास के क्षेत्र में 1918 से 1936 तक के कालखंड (कालखण्ड) को 'प्रेमचंद युग' या 'प्रेमचन्द युग' कहा जाता है। |
गोदान, कर्मभूमि, कफन, बूढी काकी, अनोखा बंटवारा आदि। |
Additional Information
फनीश्वरनाथ रेणु का परिचय -
- फणीश्वर नाथ 'रेणु' एक हिन्दी भाषा के साहित्यकार थे। इनके पहले उपन्यास मैला आंचल को बहुत ख्याति मिली थी जिसके लिए उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- रेणु की कहानियों और उपन्यासों में उन्होंने आंचलिक जीवन के हर धुन, हर गंध, हर लय, हर ताल, हर सुर, हर सुंदरता और हर कुरूपता को शब्दों में बांधने की सफल कोशिश की है।
- उनकी भाषा-शैली में एक जादुई सा असर है जो पाठकों को अपने साथ बांध कर रखता है।
- रेणु एक अद्भुत किस्सागो थे और उनकी रचनाएँ पढते हुए लगता है मानों कोई कहानी सुना रहा हो। ग्राम्य जीवन के लोकगीतों का उन्होंने अपने कथा साहित्य में बड़ा ही सर्जनात्मक प्रयोग किया है।
साहित्य का इतिहास Question 5:
इनमें से तमस किसकी रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 5 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 2 ‘भीष्म साहनी’ है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं।
स्पष्टीकरण:
उपरोक्त सभी विकल्पों में से ‘तमस’ के रचनाकर का नाम ‘भीष्म साहनी’ हैं।
तमस भीष्म साहनी का सबसे प्रसिद्ध उपन्यास है। इसका प्रकाशन 1973 में हुआ था। वे इस उपन्यास से साहित्य जगत में बहुत लोकप्रिय हुए थे। तमस को 1975 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।अन्य विकल्प:
- प्रेमचंद – गबन, गोदान, कर्मभूमि, प्रतिज्ञा।
- जयशंकर प्रसाद – अंधी, इंद्रजाल, प्रतिध्वनि।
- यशपाल – झूठा सच, दादा कामरेड, अमिता।
Top साहित्य का इतिहास MCQ Objective Questions
“लज्जा” किस लेखक/लेखिका की कृति है?
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFतस्लीमा नसरीन, यहाँ सही विकल्प है, अन्य विकल्प असंगत है।
- लज्जा 1993 में प्रकाशित एक बांग्ला उपन्यास है। अत: सही विकल्प 1 तस्लीमा नसरीन है।
Additional Information
अन्य रचनकारों की प्रमुख रचनाएँ-
यशपाल |
झूठा सच, मेरी तेरी उसकी बात, दादा कॉमरेड, फूलो का कुर्ता आदि| |
तस्लीमा नसरीन |
लज्जा, अमार मेयबाला आदि| |
कन्हैया लाल |
लोपामुद्रा, लोह मर्शिनी |
जैनेन्द्र कुमार |
परख, सुनीता, त्यागपत्र, कल्याणी आदि। |
इनमें से कौन सी गजानन माधव मुक्तिबोध जी द्वारा रचित रचना नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFअँधा युग गजानन माधव मुक्तिबोध जी द्वारा रचित रचना नहीं है। अन्य विकल्प असंगत है ।अतः सही उत्तर विकल्प 1 " अँधा युग" होगा ।
Key Points
गजानन माधव मुक्तिबोध जी द्वारा रचित रचना:
कविता संग्रह |
चाँद का मुँह टेढ़ा है, भूरी भूरी खाक धूल |
कहानी संग्रह |
काठ का सपना, विपात्र, सतह से उठता आदमी |
आलोचना |
कामायनी : एक पुनर्विचार, नई कविता का आत्मसंघर्ष, नए साहित्य का सौंदर्यशास्त्र |
अन्य विकल्प :
रचना: |
रचनाकार |
अँधा युग |
धर्मवीर भारती |
Additional Information
धर्मवीर भारती द्वारा रचित रचना
कहानी संग्रह |
मुर्दों का गाँव, स्वर्ग और पृथ्वी, चाँद और टूटे हुए लोग, बंद गली का आखिरी मकान, |
काव्य रचनाएं |
ठंडा लोहा, सात गीत वर्ष, कनुप्रिया, सपना अभी भी |
उपन्यास |
गुनाहों का देवता, सूरज का सातवां घोड़ा, ग्यारह सपनों का देश, प्रारंभ व समापन |
निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस सही विकल्प का चयन करें जो बताता है कि- सत्यार्थ प्रकाश उपन्यास के लेखक का नाम क्या है?
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFसत्यार्थ प्रकाश उपन्यास के लेखक का नाम दयानन्द सरस्वती है। अन्य विकल्प असंगत है ।अतः सही उत्तर विकल्प 1 दयानन्द सरस्वती होगा ।
सत्यार्थ प्रकाश आर्य समाज का प्रमुख ग्रन्थ है जिसकी रचना महर्षि दयानन्द सरस्वती ने 1875 ई में हिन्दी में की थी। ग्रन्थ की रचना का कार्य स्वामी जी ने उदयपुर में किया। लेखन-स्थल पर वर्तमान में सत्यार्थ प्रकाश भवन बना है। |
अन्य विकल्प :
रचनाकार |
रचना |
हर्ष वर्धन |
नागानन्द, रत्नावली और प्रियदर्शिका |
अरबिंदो घोष |
दिव्य जीवन, द मदर, लेटर्स आन् योगा, सावित्री, योग समन्वय, फ्यूचर पोयट्री |
भवभूति |
महावीरचरितम् , उत्तररामचरितम् , मालतीमाधव |
'देवदास' उपन्यास पर तीन बार फिल्म बन चुकी है। उपन्यासकार का क्या नाम है।
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDF'देवदास' उपन्यास के उपन्यासकार शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय है इसलिए सही उत्तर विकल्प 2 शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय है।
- प्रकाशन वर्ष - 1917ई.
- रचनाकार - शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय
- पात्र - देवदास, पारो,चंद्रमुखी, भोलानाथ, नारायण मुखर्जी, नीलकंठ, धर्मदास, मनोरमा, हरिमति, भुवन चौधरी, महेन्द्रदास,यशोदा।
Key Points शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय-
- जन्म- 1876-1938ई.
- शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय बांग्ला भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार थे।
- इनकी सर्वाधिक कृतियाँ गाँव के लोगों के जीवन शैली, उनके संघर्ष एवं उनके द्वारा झेले गये संकट पर आधारित है।
- प्रमुख उपन्यास-
- बड़दिदि-1913 ई.
- बिराजबौ-1914 ई.
- परिणीता-1914 ई.
- बैकुन्ठेर उइल- 1915ई.
- पल्लीसमाज-1916 ई.
- चन्द्रनाथ-1916ई.
- अरक्षणीया-1916ई.
- पन्डितमशाइ-1917 ई. आदि।
सन 2001 में कथाकार संजीव को उनकी किस रचना के लिए इंदू शर्मा अंतर्राष्ट्रीय कथा सम्नान, लंदन दिया गया।
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDFजंगल जहाँ शुरू होता है, यहाँ सही विकल्प है। अन्य विकल्प असंगत है।
सन 2001 में कथाकार संजीव को उनकी “जंगल जहाँ शुरू होता है” रचना के लिए इंदू शर्मा अंतर्राष्ट्रीय कथा सम्नान, लंदन दिया गया। अत: प्रश्नानुसार सही विकल्प 1"जंगल जहां शुरू होता है" है।
- यह जंगल और जनजातियों पर आधारित एक रचना है।
- यह उपन्यास विधा में लिखी हुई रचना है।
अन्य रचनाएँ-
- ऑपरेशन जोनाकी- नाटक - संजीव
'कविप्रिया' के रचनाकार है -
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDF'कविप्रिया' के रचनाकार है - केशवदास अन्य सभी विकल्प असंगत है।
Key Points
- कविप्रिया (1601 ई.) रीति काल के प्रसिद्ध कवि केशवदास द्वारा लिखा गया ग्रंथ है।
- अपने इस ग्रंथ में केशव ने 'अलंकार' शब्द को उसी व्यापक अर्थ में ग्रहण किया है, जैसे दण्डी, वामन आदि आचार्यों ने।
- कविप्रिया कविजनों का मार्गदर्शक ग्रंथ कहा जा सकता है। इसमें कवि-कर्त्तव्यों तथा अलंकारों का विवेचन है।
Important Pointsकेशवदास-
- जन्म - 1555 - 1617 ई.
- हिन्दी के प्रसिद्ध रीतिकालीन कवि थे,
- जिनका समय भक्ति काल के अंतर्गत पड़ता है।
- मुख्य रचनाएँ -
- रसिकप्रिया (1591 ई.)
- कविप्रिया' और 'रामचन्द्रिका (1601 ई.)
- विज्ञानगीता (1610 ई.)
- जहाँगीरजसचन्द्रिका (1612 ई.)
Additional Informationबिहारी लाल -
- जन्म - 1595 - 1663 ई.
- बिहारीलाल चौबे या बिहारी हिंदी के रीति काल के प्रसिद्ध कवि थे।
- मुख्य रचनाएँ -
- बिहारी सतसई
मलिक मुहम्मद जायसी -
- जन्म- 1397-1494 ई.
- भक्तिकाल की निर्गुण प्रेमाश्रयी शाखा व मलिक वंश के कवि है।
- जायसी अत्यंत उच्चकोटि के सरल और उदार सूफ़ी महात्मा थे।
- मुख्य रचनाएँ-
- पद्मावत
- अखरावट
- आख़िरी कलाम
- चित्ररेखा
- कहरानामा आदि।
भूषण -
- जन्म- 1613-1715 ई.
- रीतिकाल के तीन प्रमुख हिन्दी कवियों में से एक हैं।
- मुख्य रचनाएँ-
- शिवराज भूषण
- शिवा बावनी
- छत्रसाल दशक
सतरहवें ‘रमाकांत स्मृति कहानी पुरस्कार’ से किसे सम्मानित किया गया था।
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFइंद्रा डांगी, यहाँ सही विकल्प है। अन्य विकल्प असंगत है।
सतरहवें ‘रमाकांत स्मृति कहानाी पुरस्कार’ से इंद्रा डांगी सम्मानित किया गया था। अत: सही विकल्प 1 'इंद्रा डांगी' है।
अन्य विशेष
- इंद्रा डांगी जी को अपनी कहानी इमरान साहब के लिए यह पुरस्कार दिया गया था।
- वर्ष 2013 में यह सम्मान प्राप्त हुआ।
- इंद्रा डांगी के ने रचनाएँ- बोतल का पानी, लीप सेकेण्ड
Mistake Points रमाकांत स्मृति कहानी पुरस्कार
- रमाकांत छठे दशक के महत्वपूर्ण कथाकारों में से एक हैं. दो दिसम्बर १1932 को जन्मे इस कथाकार के चर्चित कहानी संग्रह हैं- कार्लो हब्शी का संदूक, जिन्दगी भर का झूठ, उसकी लड़ाई, एक विपरीत कथा और कोई और बात. रमाकांत के महत्वपूर्ण उपन्यास हैं जुलूस वाला आदमी, छोटे छोटे महायुद्ध, उपसंस्कार, खोयी हुयी आवाज़, तीसरा देश, दरवाज़े पर आग, समाधान, टूटते जुड़ते स्वर, बिस्तर और आकाश. सोवियत भूमि के सम्पादक रहे रमाकांत को सोवियत लैंड नेहरू सम्मान तो मिला ही, नेल्सन मंडेला के भारत आने पर उनकी कहानी 'कार्लो हब्शी का संदूक' का भीष्म साहनी द्वारा किया गया अनुवाद उन्हें भेंट किया गया था. "क्रासाद" नामक पाक्षिक का सम्पादन और अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए चर्चित रमाकांत युवा रचनाकारों को सदा प्रोत्साहित करते रहे. उनका निधन 06 दिसम्बर 1991 को दिल्ली में हआ.
हिन्दी साहित्य अकादमी की ओर से हर वर्ष शलाका सम्मान पुरस्कार किस क्षेत्र को दिया जाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFहिन्दी साहित्य अकादमी की ओर से हर वर्ष शलाका सम्मान पुरस्कार हिंदी को नई दिशा प्रदान करने के लिए क्षेत्र को दिया जाता है। अन्य विकल्प असंगत है ।अतः सही उत्तर विकल्प 4 हिंदी को नई दिशा प्रदान करने के लिए होगा ।
Key Points
शलाका सम्मान हिंदी अकादमी को ओर से दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। हिन्दी जगत में सशक्त हस्ताक्षर के रूप में विख्यात तथा हिन्दी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में समर्पित भाव से काम करने वाले मनीषी विद्वानों, हिन्दी के विकास तथा संवर्धन में सतत संलग्न कलम के धनी, मानव मन के चितरों तथा मूर्धन्य साहित्यकारों के प्रति अपने आदर और सम्मान की भावना को व्यक्त करने के लिए हिन्दी अकादमी प्रतिवर्ष एक श्रेष्ठतम साहित्यकार को शलाका सम्मान से सम्मानित करती है। |
Additional Information अन्य विकल्प :
क्षेत्र |
सम्मान |
खेलकूद |
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार , अर्जुन पुरस्कार , ध्यानचंद पुरस्कार |
तकनीकी |
एमएसएमई अवार्ड्स, गांधी युवा तकनीकी नवाचार पुरस्कार |
निम्नलिखित कवियों में से गांधीजी ने किस कवि को राष्ट्रकवि का सम्मान दिया?
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFमैथिलीशरण गुप्त को गांधीजी ने राष्ट्रकवि का सम्मान दिया है, अत: विकल्प 3 मैथिलीशरण गुप्त सही है |
Key Points
- गांधीजी ने मैथिलीशरण गुप्त को राष्ट्रकवि का सम्मान दिया था।
- गांधीजी ने गुप्त की कविता "भारत-भारती" को पढ़कर उन्हें राष्ट्रकवि का सम्मान दिया था।
- "भारत-भारती" कविता में गुप्त ने भारतीय संस्कृति और राष्ट्रवाद की भावनाओं को बहुत ही सुंदरता से व्यक्त किया है।
- इस कविता ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- अन्य कवियों में, महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद और सुमित्रानंदन पंत भी महान कवि थे, लेकिन इनमें से किसी को भी गांधीजी ने राष्ट्रकवि का सम्मान नहीं दिया था।
खड़ी बोली हिंदी में रचना करने वाला प्रथम किसे माना जाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर 'अमीर खुसरो' है।
Key Points
- खड़ी बोली हिंदी में रचना करने वाला प्रथम 'अमीर खुसरो' को माना जाता है।
- अमीर खुसरो - अमीर खुसरो प्रथम मुस्लिम कवि थे जिन्होंने हिंदी शब्दों का खुलकर प्रयोग किया है I वह पहले व्यक्ति थे जिन्होंने हिंदी, हिन्दवी और फारसी में एक साथ लिखा I उन्हे खड़ी बोली के आविष्कार का श्रेय दिया जाता है I
अन्य विकल्प-
- ‘तुलसीदास जी’ ने अवधि भाषा में रचनाएँ की हैंI
- ‘मल्लिक मुहम्मद जायसी’ की रचना अवधि में हैI
- 'चंद वरदाई' की रचनाएँ अवहट्ट में हैं।