काव्य लक्षण MCQ Quiz - Objective Question with Answer for काव्य लक्षण - Download Free PDF

Last updated on Mar 18, 2025

Latest काव्य लक्षण MCQ Objective Questions

काव्य लक्षण Question 1:

सही विकल्प बताओः

______ में विशिष्ट अर्थ की प्रतीकों के माध्यम से प्रतीति होती है।

  1. हास्यास्पद रचना से
  2. अभिधा शब्द शक्ति
  3. लक्षणा शब्द शक्ति
  4. व्यंजना शब्द शक्ति

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : लक्षणा शब्द शक्ति

काव्य लक्षण Question 1 Detailed Solution

उपर्युक्त विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 3 ‘लक्षणा शब्द शक्ति’ है।

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  • लक्षणा शब्द शक्ति में विशिष्ट अर्थ की प्रतीकों के माध्यम से प्रतीति होती है। 

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शब्द शक्ति - शब्द शक्ति का अर्थ है-शब्द की अभिव्यंजक शक्ति। शब्द का कार्य किसी अर्थ की अभिव्यक्त तथा उसका बोध करता होता है। इस प्रकार शब्द एवं अर्थ का अभिन्न सम्बन्ध है। शब्द एवं अर्थ का सम्बन्ध ही शब्द शक्ति है। शब्दों के अर्थों का बोध कराने वाले अर्थ-व्यापारों को शब्द शक्ति कहते हैं।

अभिधा शब्द शक्ति

शब्द को सुनने अथवा पढ़ने के पश्चात् पाठक अथवा श्रोता को शब्द का जो लोक प्रसिद्ध अर्थ तत्क्षण ज्ञात हो जाता है, वह अर्थ शब्द की जिस सीमा द्वारा मालूम होता है, उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं।

जैसे – चार बज रहे हैं।

लक्षणा शब्द शक्ति

जहां मुख्य अर्थ में बाधा उपस्थित होने पर रूढ़ि अथवा प्रयोजन के आधार पर मुख्य अर्थ से सम्बन्धित अन्य अर्थ को लक्ष्य किया जाता है, वहां लक्षणा शब्द शक्ति होती है। 

जैसे -मोहन गधा है।

व्यंजना शब्द शक्ति

अभिधा और लक्षणा के विराम लेने पर जो एक विशेष अर्थ निकालता है, उसे व्यंग्यार्थ कहते हैं और जिस शक्ति के द्वारा यह अर्थ ज्ञात होता है, उसे व्यंजना शब्द शक्ति कहते हैं।

घर गंगा में है।

 

काव्य लक्षण Question 2:

सही विकल्प बताओः

जिस शब्द को सुन कर हम उसके प्रचलित और निश्चित अर्थ को तुंरत ससझ लेते हैं, उसे ______ कहते हैं।

  1. हास्यास्पद रचना से
  2. अभिधा शब्द शक्ति
  3. व्यंजना शब्द शक्ति
  4. लक्षणा शब्द शक्ति

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अभिधा शब्द शक्ति

काव्य लक्षण Question 2 Detailed Solution

उपर्युक्त विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 2 ‘अभिधा शब्द शक्ति है।

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  • जिस शब्द को सुन कर हम उसके प्रचलित और निश्चित अर्थ को तुंरत ससझ लेते हैं, उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं। 

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शब्द शक्ति - शब्द शक्ति का अर्थ है-शब्द की अभिव्यंजक शक्ति। शब्द का कार्य किसी अर्थ की अभिव्यक्त तथा उसका बोध करता होता है। इस प्रकार शब्द एवं अर्थ का अभिन्न सम्बन्ध है। शब्द एवं अर्थ का सम्बन्ध ही शब्द शक्ति है। शब्दों के अर्थों का बोध कराने वाले अर्थ-व्यापारों को शब्द शक्ति कहते हैं।

अभिधा शब्द शक्ति

शब्द को सुनने अथवा पढ़ने के पश्चात् पाठक अथवा श्रोता को शब्द का जो लोक प्रसिद्ध अर्थ तत्क्षण ज्ञात हो जाता है, वह अर्थ शब्द की जिस सीमा द्वारा मालूम होता है, उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं।

जैसे – चार बज रहे हैं।

लक्षणा शब्द शक्ति

जहां मुख्य अर्थ में बाधा उपस्थित होने पर रूढ़ि अथवा प्रयोजन के आधार पर मुख्य अर्थ से सम्बन्धित अन्य अर्थ को लक्ष्य किया जाता है, वहां लक्षणा शब्द शक्ति होती है। 

जैसे -मोहन गधा है।

व्यंजना शब्द शक्ति

अभिधा और लक्षणा के विराम लेने पर जो एक विशेष अर्थ निकालता है, उसे व्यंग्यार्थ कहते हैं और जिस शक्ति के द्वारा यह अर्थ ज्ञात होता है, उसे व्यंजना शब्द शक्ति कहते हैं।

घर गंगा में है।

 

काव्य लक्षण Question 3:

जब अर्थ का ग्रहण अभिधा से न हो किंतु उससे संबंद्ध हो तो अर्थग्रहण कराने वाली शब्द-शक्ति को कहेंगे :  

  1.  ध्वनि 
  2. अभिधा मुला 
  3. व्यंजना 
  4. लक्षणा 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : लक्षणा 

काव्य लक्षण Question 3 Detailed Solution

जब अर्थ का ग्रहण अभिधा से न हो किंतु उससे संबंद्ध हो तो अर्थग्रहण कराने वाली शब्द-शक्ति को 'लक्षणा' कहेंगे। 

अन्य विकल्प असंगत है। अत: विकल्प 4 “लक्षणा” सही उत्तर होगा। 

स्पष्टीकरण

जहाँ मुख्य अर्थ में बाधा उपस्थित होने पर रूढ़ि अथवा प्रयोजन के आधार पर मुख्य अर्थ से संबंधित अन्य अर्थ को लक्ष्य किया जाता है , वहाँ लक्षणा शब्द शक्ति होती है | जैसे – मोहन गधा है | यहाँ गधे का लक्ष्यार्थ है मूर्ख | 

 

 

 

 

अन्य विकल्प:

 ध्वनि 

 ध्वनि मौखिक भाषा की सबसे छोटी इकाई है।

 अभिधा    मूला 

 अभिधा मूला शाब्दी   व्यंजना में द्विअर्थक   शब्द. होते हैं।

 व्यंजना 

 संयोग आदि के द्वारा अनेकार्थ शब्द के   प्रकृष्णतोपयोगी एकार्थ के नियंत्रित हो जाने पर   जिस शक्ति द्वारा अन्यार्थ का ज्ञान होता है वह   शाब्दी व्यंजना है। 

 

 

विशेष: 

  • शब्दों की तीन शक्तियाँ होती हैं : 
  1. ​​अभिधा
  2. लक्षणा
  3. व्यंजना।

Top काव्य लक्षण MCQ Objective Questions

जब अर्थ का ग्रहण अभिधा से न हो किंतु उससे संबंद्ध हो तो अर्थग्रहण कराने वाली शब्द-शक्ति को कहेंगे :  

  1.  ध्वनि 
  2. अभिधा मुला 
  3. व्यंजना 
  4. लक्षणा 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : लक्षणा 

काव्य लक्षण Question 4 Detailed Solution

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जब अर्थ का ग्रहण अभिधा से न हो किंतु उससे संबंद्ध हो तो अर्थग्रहण कराने वाली शब्द-शक्ति को 'लक्षणा' कहेंगे। 

अन्य विकल्प असंगत है। अत: विकल्प 4 “लक्षणा” सही उत्तर होगा। 

स्पष्टीकरण

जहाँ मुख्य अर्थ में बाधा उपस्थित होने पर रूढ़ि अथवा प्रयोजन के आधार पर मुख्य अर्थ से संबंधित अन्य अर्थ को लक्ष्य किया जाता है , वहाँ लक्षणा शब्द शक्ति होती है | जैसे – मोहन गधा है | यहाँ गधे का लक्ष्यार्थ है मूर्ख | 

 

 

 

 

अन्य विकल्प:

 ध्वनि 

 ध्वनि मौखिक भाषा की सबसे छोटी इकाई है।

 अभिधा    मूला 

 अभिधा मूला शाब्दी   व्यंजना में द्विअर्थक   शब्द. होते हैं।

 व्यंजना 

 संयोग आदि के द्वारा अनेकार्थ शब्द के   प्रकृष्णतोपयोगी एकार्थ के नियंत्रित हो जाने पर   जिस शक्ति द्वारा अन्यार्थ का ज्ञान होता है वह   शाब्दी व्यंजना है। 

 

 

विशेष: 

  • शब्दों की तीन शक्तियाँ होती हैं : 
  1. ​​अभिधा
  2. लक्षणा
  3. व्यंजना।

सही विकल्प बताओः

जिस शब्द को सुन कर हम उसके प्रचलित और निश्चित अर्थ को तुंरत ससझ लेते हैं, उसे ______ कहते हैं।

  1. हास्यास्पद रचना से
  2. अभिधा शब्द शक्ति
  3. व्यंजना शब्द शक्ति
  4. लक्षणा शब्द शक्ति

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अभिधा शब्द शक्ति

काव्य लक्षण Question 5 Detailed Solution

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उपर्युक्त विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 2 ‘अभिधा शब्द शक्ति है।

quesImage4585

  • जिस शब्द को सुन कर हम उसके प्रचलित और निश्चित अर्थ को तुंरत ससझ लेते हैं, उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं। 

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शब्द शक्ति - शब्द शक्ति का अर्थ है-शब्द की अभिव्यंजक शक्ति। शब्द का कार्य किसी अर्थ की अभिव्यक्त तथा उसका बोध करता होता है। इस प्रकार शब्द एवं अर्थ का अभिन्न सम्बन्ध है। शब्द एवं अर्थ का सम्बन्ध ही शब्द शक्ति है। शब्दों के अर्थों का बोध कराने वाले अर्थ-व्यापारों को शब्द शक्ति कहते हैं।

अभिधा शब्द शक्ति

शब्द को सुनने अथवा पढ़ने के पश्चात् पाठक अथवा श्रोता को शब्द का जो लोक प्रसिद्ध अर्थ तत्क्षण ज्ञात हो जाता है, वह अर्थ शब्द की जिस सीमा द्वारा मालूम होता है, उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं।

जैसे – चार बज रहे हैं।

लक्षणा शब्द शक्ति

जहां मुख्य अर्थ में बाधा उपस्थित होने पर रूढ़ि अथवा प्रयोजन के आधार पर मुख्य अर्थ से सम्बन्धित अन्य अर्थ को लक्ष्य किया जाता है, वहां लक्षणा शब्द शक्ति होती है। 

जैसे -मोहन गधा है।

व्यंजना शब्द शक्ति

अभिधा और लक्षणा के विराम लेने पर जो एक विशेष अर्थ निकालता है, उसे व्यंग्यार्थ कहते हैं और जिस शक्ति के द्वारा यह अर्थ ज्ञात होता है, उसे व्यंजना शब्द शक्ति कहते हैं।

घर गंगा में है।

 

सही विकल्प बताओः

______ में विशिष्ट अर्थ की प्रतीकों के माध्यम से प्रतीति होती है।

  1. हास्यास्पद रचना से
  2. अभिधा शब्द शक्ति
  3. लक्षणा शब्द शक्ति
  4. व्यंजना शब्द शक्ति

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : लक्षणा शब्द शक्ति

काव्य लक्षण Question 6 Detailed Solution

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उपर्युक्त विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 3 ‘लक्षणा शब्द शक्ति’ है।

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  • लक्षणा शब्द शक्ति में विशिष्ट अर्थ की प्रतीकों के माध्यम से प्रतीति होती है। 

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शब्द शक्ति - शब्द शक्ति का अर्थ है-शब्द की अभिव्यंजक शक्ति। शब्द का कार्य किसी अर्थ की अभिव्यक्त तथा उसका बोध करता होता है। इस प्रकार शब्द एवं अर्थ का अभिन्न सम्बन्ध है। शब्द एवं अर्थ का सम्बन्ध ही शब्द शक्ति है। शब्दों के अर्थों का बोध कराने वाले अर्थ-व्यापारों को शब्द शक्ति कहते हैं।

अभिधा शब्द शक्ति

शब्द को सुनने अथवा पढ़ने के पश्चात् पाठक अथवा श्रोता को शब्द का जो लोक प्रसिद्ध अर्थ तत्क्षण ज्ञात हो जाता है, वह अर्थ शब्द की जिस सीमा द्वारा मालूम होता है, उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं।

जैसे – चार बज रहे हैं।

लक्षणा शब्द शक्ति

जहां मुख्य अर्थ में बाधा उपस्थित होने पर रूढ़ि अथवा प्रयोजन के आधार पर मुख्य अर्थ से सम्बन्धित अन्य अर्थ को लक्ष्य किया जाता है, वहां लक्षणा शब्द शक्ति होती है। 

जैसे -मोहन गधा है।

व्यंजना शब्द शक्ति

अभिधा और लक्षणा के विराम लेने पर जो एक विशेष अर्थ निकालता है, उसे व्यंग्यार्थ कहते हैं और जिस शक्ति के द्वारा यह अर्थ ज्ञात होता है, उसे व्यंजना शब्द शक्ति कहते हैं।

घर गंगा में है।

 

काव्य लक्षण Question 7:

जब अर्थ का ग्रहण अभिधा से न हो किंतु उससे संबंद्ध हो तो अर्थग्रहण कराने वाली शब्द-शक्ति को कहेंगे :  

  1.  ध्वनि 
  2. अभिधा मुला 
  3. व्यंजना 
  4. लक्षणा 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : लक्षणा 

काव्य लक्षण Question 7 Detailed Solution

जब अर्थ का ग्रहण अभिधा से न हो किंतु उससे संबंद्ध हो तो अर्थग्रहण कराने वाली शब्द-शक्ति को 'लक्षणा' कहेंगे। 

अन्य विकल्प असंगत है। अत: विकल्प 4 “लक्षणा” सही उत्तर होगा। 

स्पष्टीकरण

जहाँ मुख्य अर्थ में बाधा उपस्थित होने पर रूढ़ि अथवा प्रयोजन के आधार पर मुख्य अर्थ से संबंधित अन्य अर्थ को लक्ष्य किया जाता है , वहाँ लक्षणा शब्द शक्ति होती है | जैसे – मोहन गधा है | यहाँ गधे का लक्ष्यार्थ है मूर्ख | 

 

 

 

 

अन्य विकल्प:

 ध्वनि 

 ध्वनि मौखिक भाषा की सबसे छोटी इकाई है।

 अभिधा    मूला 

 अभिधा मूला शाब्दी   व्यंजना में द्विअर्थक   शब्द. होते हैं।

 व्यंजना 

 संयोग आदि के द्वारा अनेकार्थ शब्द के   प्रकृष्णतोपयोगी एकार्थ के नियंत्रित हो जाने पर   जिस शक्ति द्वारा अन्यार्थ का ज्ञान होता है वह   शाब्दी व्यंजना है। 

 

 

विशेष: 

  • शब्दों की तीन शक्तियाँ होती हैं : 
  1. ​​अभिधा
  2. लक्षणा
  3. व्यंजना।

काव्य लक्षण Question 8:

सही विकल्प बताओः

जिस शब्द को सुन कर हम उसके प्रचलित और निश्चित अर्थ को तुंरत ससझ लेते हैं, उसे ______ कहते हैं।

  1. हास्यास्पद रचना से
  2. अभिधा शब्द शक्ति
  3. व्यंजना शब्द शक्ति
  4. लक्षणा शब्द शक्ति

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अभिधा शब्द शक्ति

काव्य लक्षण Question 8 Detailed Solution

उपर्युक्त विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 2 ‘अभिधा शब्द शक्ति है।

quesImage4585

  • जिस शब्द को सुन कर हम उसके प्रचलित और निश्चित अर्थ को तुंरत ससझ लेते हैं, उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं। 

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शब्द शक्ति - शब्द शक्ति का अर्थ है-शब्द की अभिव्यंजक शक्ति। शब्द का कार्य किसी अर्थ की अभिव्यक्त तथा उसका बोध करता होता है। इस प्रकार शब्द एवं अर्थ का अभिन्न सम्बन्ध है। शब्द एवं अर्थ का सम्बन्ध ही शब्द शक्ति है। शब्दों के अर्थों का बोध कराने वाले अर्थ-व्यापारों को शब्द शक्ति कहते हैं।

अभिधा शब्द शक्ति

शब्द को सुनने अथवा पढ़ने के पश्चात् पाठक अथवा श्रोता को शब्द का जो लोक प्रसिद्ध अर्थ तत्क्षण ज्ञात हो जाता है, वह अर्थ शब्द की जिस सीमा द्वारा मालूम होता है, उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं।

जैसे – चार बज रहे हैं।

लक्षणा शब्द शक्ति

जहां मुख्य अर्थ में बाधा उपस्थित होने पर रूढ़ि अथवा प्रयोजन के आधार पर मुख्य अर्थ से सम्बन्धित अन्य अर्थ को लक्ष्य किया जाता है, वहां लक्षणा शब्द शक्ति होती है। 

जैसे -मोहन गधा है।

व्यंजना शब्द शक्ति

अभिधा और लक्षणा के विराम लेने पर जो एक विशेष अर्थ निकालता है, उसे व्यंग्यार्थ कहते हैं और जिस शक्ति के द्वारा यह अर्थ ज्ञात होता है, उसे व्यंजना शब्द शक्ति कहते हैं।

घर गंगा में है।

 

काव्य लक्षण Question 9:

सही विकल्प बताओः

______ में विशिष्ट अर्थ की प्रतीकों के माध्यम से प्रतीति होती है।

  1. हास्यास्पद रचना से
  2. अभिधा शब्द शक्ति
  3. लक्षणा शब्द शक्ति
  4. व्यंजना शब्द शक्ति

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : लक्षणा शब्द शक्ति

काव्य लक्षण Question 9 Detailed Solution

उपर्युक्त विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 3 ‘लक्षणा शब्द शक्ति’ है।

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  • लक्षणा शब्द शक्ति में विशिष्ट अर्थ की प्रतीकों के माध्यम से प्रतीति होती है। 

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शब्द शक्ति - शब्द शक्ति का अर्थ है-शब्द की अभिव्यंजक शक्ति। शब्द का कार्य किसी अर्थ की अभिव्यक्त तथा उसका बोध करता होता है। इस प्रकार शब्द एवं अर्थ का अभिन्न सम्बन्ध है। शब्द एवं अर्थ का सम्बन्ध ही शब्द शक्ति है। शब्दों के अर्थों का बोध कराने वाले अर्थ-व्यापारों को शब्द शक्ति कहते हैं।

अभिधा शब्द शक्ति

शब्द को सुनने अथवा पढ़ने के पश्चात् पाठक अथवा श्रोता को शब्द का जो लोक प्रसिद्ध अर्थ तत्क्षण ज्ञात हो जाता है, वह अर्थ शब्द की जिस सीमा द्वारा मालूम होता है, उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं।

जैसे – चार बज रहे हैं।

लक्षणा शब्द शक्ति

जहां मुख्य अर्थ में बाधा उपस्थित होने पर रूढ़ि अथवा प्रयोजन के आधार पर मुख्य अर्थ से सम्बन्धित अन्य अर्थ को लक्ष्य किया जाता है, वहां लक्षणा शब्द शक्ति होती है। 

जैसे -मोहन गधा है।

व्यंजना शब्द शक्ति

अभिधा और लक्षणा के विराम लेने पर जो एक विशेष अर्थ निकालता है, उसे व्यंग्यार्थ कहते हैं और जिस शक्ति के द्वारा यह अर्थ ज्ञात होता है, उसे व्यंजना शब्द शक्ति कहते हैं।

घर गंगा में है।

 

काव्य लक्षण Question 10:

लक्षणा शब्द शक्ति के कौन से भेद हैं?

  1. रूढ़ा, प्रयोजनवती
  2. शाब्दी, आर्थी
  3. प्रयोजनवती, व्यंजना
  4. अत्युक्ति, आर्थी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : रूढ़ा, प्रयोजनवती

काव्य लक्षण Question 10 Detailed Solution

इसका सही उत्तर रूढ़ा, प्रयोजनवती है 
Key Points

लक्षणा शब्द शक्ति के मुख्यत छह भेद है: 

रूढ़ि लक्षणा

  • जहाँ पर मुख्य अर्थ की अपेक्षा किसी रूढ़ि अथवा परंपरा को आधार मानकर किसी वाक्य का अर्थ ज्ञात होता हो, वहाँ रूढ़ि/रूढ़ा लक्षणा होती है।
  • जैसे 'राजस्थान वीर है।'
  • राजस्थान प्रदेश वीर नहीं हो सकता। इसमें मुख्यार्थ की बाधा है।
  • इससे इसका लक्ष्यार्थ 'राजस्थान निवासी' होता है, क्योंकि राजस्थान से उसके निवासी का आधाराधेयभाव का सम्बन्ध है।
  • यहाँ राजस्थानियों के लिए 'राजस्थान' कहना रूढ़ि है।

प्रयोजनवती लक्षणा

  • जहाँ पर मुख्यार्थ में बाधा तो हो किंतु किसी प्रयोजन अथवा कारण को महत्व दिया जाए, वहाँ पर प्रयोजनवती लक्षणा होती है।
  • प्रयोजनवती लक्षणा के दो मुख्य भेद हैं- गौणी, शुद्धा।
  • अर्थात प्रयोजनवती लक्षणा में प्रयोजन को महत्व दिया जाता है तथा मुख्य अर्थ गौण हो जाता है।
  • 'बहुत सी तलवारें मैदान में आ गईं' इस वाक्य में यदि हम तलवार का अर्थ तलवार ही करके रह जाते हैं तो अर्थ में बाधा पड़ती है।

गौणी लक्षणा

  •  समान गुण या धर्म के कारण लक्ष्यार्थ का ग्रहण किया जाए।

शुद्धा लक्षणा

  • शुद्धा लक्षणा में सादृश्य सम्बन्ध के अतिरिक्त अन्य सम्बन्ध से लक्ष्यार्थ का बोध होता है। शुद्धा लक्षणा के चार भेद हैं- उपादान लक्षणा, लक्षणलक्षणा, सारोपा लक्षणा और साध्यावसाना लक्षणा।

उपादान लक्षणा

  • जहाँ वाक्यार्थ की संगति के लिए अन्य अर्थ के लक्षित किए जाने पर भी अपना अर्थ न छूटे वहाँ उपादानलक्षणा होती है।
  • उपादान का अर्थ है ग्रहण-लेना।
  • इसमें वाच्यार्थ का सर्वथा त्याग नहीं होता।
  • जैसे, 'पगड़ी की लाज रखिये। लक्ष्यार्थ होता है पगड़ीधारी की लाज। यहाँ पगड़ी अपना अर्थ न छोड़ते हुए पगड़ीधारी का आक्षेप करता है। यहाँ दोनों साथ-साथ हैं। अत: उपादान लक्षणा है।

लक्षणलक्षणा

  • जहाँ वाक्यार्थ की सिद्धि के लिए वाक्यार्थ अपने अर्थ को छोड़कर केवल लक्ष्यार्थ को सूचित करे, वहाँ लक्षणलक्षणा होती है।
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