आधुनिक काल MCQ Quiz - Objective Question with Answer for आधुनिक काल - Download Free PDF

Last updated on Jun 16, 2025

Latest आधुनिक काल MCQ Objective Questions

आधुनिक काल Question 1:

अशोक वाजपेयी का जन्म कहाँ हुआ था ?

  1. दिल्ली
  2. उत्तर प्रदेश
  3. बिहार
  4. छत्तीसगढ़

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : छत्तीसगढ़

आधुनिक काल Question 1 Detailed Solution

अशोक वाजपेयी का जन्म छत्तीसगढ़ हुआ था 

Key Pointsअशोक वाजपेयी-

  • अशोक वाजपेयी का जन्म छत्तीसगढ़ में हुआ था।
  • उनका जन्म 16 जनवरी, 1941 को दुर्ग, छत्तीसगढ़ में हुआ था
  • यह एक भारतीय हिंदी भाषा के कवि , निबंधकार, साहित्यिक-सांस्कृतिक आलोचक हैं,
  • इसके अलावा वे एक प्रसिद्ध सांस्कृतिक और कला प्रशासक और एक पूर्व सिविल सेवक भी हैं।
  • काव्य-रचनाएँ -
    • शहर अब भी संभावना है
    • एक पतंग अनंत में
    • अगर इतने से 
    • कहीं नहीं वहीं 
    • समय के पास समय 
    • इबारत से गिरी मात्राएँ
    • दुख चिट्ठीरसा है
    • कहीं कोई दरवाज़ा 
  • आलोचना -
    • फिलहाल 
    • कुछ पूर्वग्रह 
    • समय से बाहर 
    • सीढिय़ाँ शुरू हो गई हैं 
    • कविता का गल्प
    • कवि कह गया है 
    • कविता के तीन दरवाज़े

आधुनिक काल Question 2:

"ठकुरी बाबा" के अनुसार ठकुरी बाबा की पत्नी की मृत्यु का क्या कारण था?

  1. गाँव के अंधविश्वास के कारण
  2. कल्पवास के दौरान ठंड लगने से
  3. लंबी बीमारी के कारण
  4. प्रसूति ज्वर और उचित चिकित्सा के अभाव में

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : प्रसूति ज्वर और उचित चिकित्सा के अभाव में

आधुनिक काल Question 2 Detailed Solution

उत्तर है - प्रसूति ज्वर और उचित चिकित्सा के अभाव में

विश्लेषण: ठकुरी बाबा की पत्नी की मृत्यु प्रसूति ज्वर से हुई थी, जो उनकी बेटी बेला के जन्म के डेढ़ वर्ष बाद हुई। उचित चिकित्सा और विश्राम के अभाव ने उनकी स्थिति को और गंभीर बना दिया, जिसके कारण उनकी मृत्यु हो गई। यह ग्रामीण समाज में चिकित्सा सुविधाओं की कमी को दर्शाता है।

आधुनिक काल Question 3:

"माटी की मूरतें" के अनुसार सुभान खाँ ने गाँव में किस बात का कड़ा प्रतिरोध किया?

  1. गाँव में ताजिए के आयोजन का
  2. अपने राजमिस्त्री के पेशे को छोड़ने का
  3. गाँव में धार्मिक एकता को बढ़ावा देने का
  4. हिंदू-मुसलमान तनाव बढ़ाने वाली गाय की कुर्बानी का

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : हिंदू-मुसलमान तनाव बढ़ाने वाली गाय की कुर्बानी का

आधुनिक काल Question 3 Detailed Solution

उत्तर है - हिंदू-मुसलमान तनाव बढ़ाने वाली गाय की कुर्बानी का

विश्लेषण: सुभान खाँ ने गाँव में हिंदू-मुसलमान तनाव को बढ़ाने वाली गाय की कुर्बानी का कड़ा प्रतिरोध किया। उसने कहा, "मैं मुसलमान हूँ, कभी अल्लाह को नहीं भूला हूँ। मैं मुसलमान की हैसियत से कहता हूँ, मैं गाय की कुर्बानी न होने दूँगा।" यह उसकी हिंदू-मुसलिम एकता की भावना को दर्शाता है।

आधुनिक काल Question 4:

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल परिमार्जित गद्य की प्रथम पुस्तक किसे मानते हैं ?

  1. नासिकेतोपाख्यान
  2. सुखसागर 
  3. प्रेमसागर
  4. भाषायोग वशिष्ठ

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : भाषायोग वशिष्ठ

आधुनिक काल Question 4 Detailed Solution

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल परिमार्जित गद्य की प्रथम पुस्तक मानते हैं - भाषायोग वशिष्ठ

  •  आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने "भाषायोग वाशिष्ठ" को परिमार्जित गद्य की प्रथम पुस्तक माना है, उन्होंने इसे खड़ी बोली गद्य का आरंभ भी माना है।

Key Pointsभाषायोग वशिष्ठ-

  • रचनाकार- रामप्रसाद 'निरंजनी'
  • समय- 1741 ई.
  • विषय-
    • इसकी भाषा पंजाबी-ब्रजभाषा मिश्रित खड़ी बोली है।
  • आचार्य शुक्ल ने 'भाषा योगवाशिष्ट को परिमार्जित गद्य की प्रथम पुस्तक और 'रामप्रसाद निरंजनी' को 'प्रथम प्रौढ़ गद्य लेखक' माना है।

Important Pointsनासिकेतोपाख्यान-

  • रचनाकार- पं० सदल मिश्र
  • समय- 1803 ई.
  • अन्य नाम- चंद्रावली
  • विषय-
    • इसकी रचना यजुर्वेद के आधार पर काठोपनिषद् में वर्णित नचिकेता की कथा को आधार बनाकर की गई है।

सुखसागर -

  • रचनाकार- मुंशी सदासुखलाल 
  • समय- 1800 ई.
  • विषय-
    •  सुखसागर सनातन मतावलम्बियों का एक विशिष्ट धार्मिक ग्रन्थ है।
    • आपने श्रीमद्भागवद् का अनुवाद 'सुखसागर' नाम से किया। 

प्रेमसागर-

  • रचनाकार- लल्लू लाल
  • समय- 1810 ई.
  • भाषा - प्रारम्भिक हिन्दी खड़ीबोली
  • विषय-
    • इस ग्रंथ में भागवत पुराण के दशम स्कंध की कथा है, जिसमें कृष्ण लीला का वर्णन है। 

Additional Informationआचार्य रामचन्द्र शुक्ल-

  • (4 अक्टूबर 1884 - 2 फरवरी 1941)
  • हिन्दी आलोचक, कहानीकार, निबन्धकार, साहित्येतिहासकार, कोशकार, अनुवादक, कथाकार और कवि थे।
  • आलोचनात्मक ग्रंथ -
    • सूर, तुलसी, जायसी पर की गई आलोचनाएँ, काव्य में रहस्यवाद,
    • काव्य में अभिव्यंजनावाद, रसमीमांसा आदि शुक्ल की आलोचनात्मक रचनाएँ हैं। 
  • निबन्धात्मक ग्रन्थ -
    • उनके निबन्ध चिंतामणि नामक ग्रंथ के दो भागों में संग्रहीत हैं। 

आधुनिक काल Question 5:

निम्न में से हिन्दी और उर्दू के संघर्ष में शुद्ध भारतीय संस्कारवती हिन्दी को ही हिन्दी का वास्तविक रूप किसने माना ?

  1. राजा शिवप्रसाद
  2. राजा लक्ष्मण सिंह
  3. विनोबा भावे
  4. केशवदास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : राजा लक्ष्मण सिंह

आधुनिक काल Question 5 Detailed Solution

हिन्दी और उर्दू के संघर्ष में शुद्ध भारतीय संस्कारवती हिन्दी को ही हिन्दी का वास्तविक रूप राजा लक्ष्मण सिंह ने माना

Key Pointsराजा लक्ष्मण सिंह-

  • राजा लक्ष्मण सिंह ने 'शकुंतला नाटक' की रचना की।
  • इन्होने हिन्दी को हिन्दी संस्कृति के अनुकूल संस्कृतनिष्ठ बनाने की चेष्टा की।
  • इन्होने आगरा से प्रजा-हितैषी पत्र निकाला और कालिदास के अभिज्ञान शाकुन्तलम्, रघुवंश एवं मेघदूतम् का हिन्दी में अनुवाद किया।

Important Points राजा शिवप्रसाद 'सितारेहिन्द' 

  • राजा शिवप्रसाद 'सितारेहिन्द' (1824-1895) हिन्दी के उन्नायक एवं साहित्यकार थे।
  • शिवप्रसाद  शिक्षा-विभाग में कार्यरत थे।
  • शिवप्रसाद के प्रयत्नों से स्कूलों में हिन्दी को प्रवेश मिला।
  • उस समय हिन्दी की पाठ्यपुस्तकों का बहुत अभाव था।
  • शिवप्रसाद ने स्वयं इस दिशा में प्रयत्न किया और दूसरों से भी लिखवाया।
  • शिवप्रसाद ने 'बनारस अखबार(1845)' नामक एक हिन्दी पत्र निकाला और इसके माध्यम से हिन्दी का प्रचार-प्रसार किया।
  • यह पत्रिका साप्ताहिक थी।
  • इनकी भाषा में फारसी-अरबी के शब्दों का अधिक प्रयोग होता था।

केशवदास-

  • जन्म- 1555-1617 ई.
  • रीतिकाल की रीतिबद्ध शाखा के प्रमुख कवि है। 
  • यह निम्बार्क सम्प्रदाय में दीक्षित थे।
  • उपनाम- वेदांती मिश्र।
  • ये इंद्रजीत सिंह के दरबारी कवि थे,'कविप्रिया' ग्रन्थ की रचना इंद्रजीत सिंह की प्रेमिका गणिका प्रवीण राय को शिक्षा देने के लिए की गयी थी।
  • रचनाएँ-
    • रसिकप्रिया(1591 ई.)
    • कविप्रिया(1601 ई.)
    • रामचंद्रिका(1601 ई.)
    • रतनबावनी(1607 ई.) आदि। 
  • रामचन्द्र शुक्ल-
    • ​"केशवदास जी संस्कृत के पंडित थे अतः शास्त्रीय पद्धति से साहित्यचर्चा का प्रचार भाषा मे पूर्ण रूप से करने की इच्छा उनके लिए स्वभाविक थी।"

Top आधुनिक काल MCQ Objective Questions

कालिदास के 'शकुंतला' नाटक का खड़ी बोली में अनुवाद किसने किया?

  1. राजा लक्ष्मण सिंह
  2. लल्लूलाल
  3. सदल मिश्र
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : राजा लक्ष्मण सिंह

आधुनिक काल Question 6 Detailed Solution

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कालिदास के 'शकुंतला' नाटक का खड़ी बोली में अनुवाद राजा लक्ष्मण सिंह ने किया। 

Key Pointsराजा लक्ष्मण सिंह-

  • राजा लक्ष्मण सिंह ने 'शकुंतला नाटक' की रचना की।
  • इन्होने हिन्दी को हिन्दी संस्कृति के अनुकूल संस्कृतनिष्ठ बनाने की चेष्टा की।
  • इन्होने आगरा से प्रजा-हितैषी पत्र निकाला और कालिदास के अभिज्ञान शाकुन्तलम्, रघुवंश एवं मेघदूतम् का हिन्दी में अनुवाद किया।

Important Pointsलल्लू लाल-

  • जन्म-1763-1825 ई.
  • अन्य रचनाएँ-
    • सिंहासन  बत्तीसी(1801 ई.)
    • बैताल पच्चीसी(1801 ई.)
    • राजनीति(1802 ई.) आदि।

सदल मिश्र-

  • जन्म-1767-1848 ई.
  • अन्य रचनाएँ-
    • रामचरित्र(1806 ई.)
    • हिंदी पर्शियन वकेबुलरी(1809 ई.) आदि।

सूची I का सूची II से मिलान कीजिए

सूची I 

पंक्ति

सूची II 

पुस्तक / कविता

A.

पूछेगा जग किन्तु पिता का नाम न बोल सकेंगे

I.

साकेत

B.

न कुछ कह सकी अपनी, न उन्हीं की पूछ में सकी भय से

II.

गीत फ़रोश

C.

तोड़ दो यह क्षितिज मैं भी देख तूं उस ओर क्या है

III.

रश्मिरथी

D.

जी, लोगों ने तो बेच दिये ईमान

IV.

सांध्यगीत

 

 

 

 

 

 

 

 

 

निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. A - III, B - I, C - IV, D - II
  2. A - II, B - I, C - IV, D - III 
  3. A - IV, B - III, C - II, D - I
  4. A - III, B - IV, C - II, D - I

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : A - III, B - I, C - IV, D - II

आधुनिक काल Question 7 Detailed Solution

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सूची I का सूची II से मिलान 1) A - III, B - I, C - IV, D – II

 Key Points

सूची I का सूची II से मिलान

सूची

पंक्ति

सूची II 

पुस्तक / कविता

A.

पूछेगा जग किन्तु पिता का नाम न बोल सकेंगे

III.

रश्मिरथी

B.

न कुछ कह सकी अपनी, न उन्हीं की पूछ में सकी भय से

I.

साकेत

C.

तोड़ दो यह क्षितिज मैं भी देख तूं उस ओर क्या है

IV.

सांध्यगीत

D.

जी, लोगों ने तो बेच दिये ईमान

II.

गीत फ़रोश

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 Important Points

  • रश्मिरथी –
    • यह रामधारी सिंह दिनकर का प्रबंध काव्य
    • यह 1952 में प्रकाशित हुआ
    • इसमें कुंती के पुत्र कर्ण की कथा है।
  • साकेत –
    • मैथिलीशरण गुप्त की रचना है।
    • यह 1931 में प्रकाशित हुआ
    • इसमें 12 सर्ग है यह महाकाव्य है।
    • इस पर मंगला प्रसाद पारितोषिक मिला।
    • इसकी प्रेरणा महावीर प्रसाद द्विवेदी के लेख उर्मिला कवियों की उर्मिला विषयक उदासीनता जो सरस्वती में 1908 में प्रकाशित हुआ।
    • इसका सबसे बड़ा व महत्वपूर्ण सर्ग है।
    • 9 सर्ग में उर्मिला का विरह वर्णन है।
    • इस रचना में 15 वर्ष लगे
  • संध्या गीत –
    • यह महादेवी वर्मा की रचना है।
    • यह 1936 में प्रकाशित हुई।
    • इसमें 45 गीत का संकलन है।
  • गीत फरोश-
    • यह भवानी प्रसाद मिश्र की रचना है।

 Additional Information

  • रामधारी सिंह दिनकर –
  • रचनाएं –
    • रेणुका 1935 ( प्रथम काव्य संग्रह)
    •  हुंकार 1938
    •   रसवंती 1940,
    • द्वद्वगीत 1940
    • समाधेनी 1946
    •  कुरुक्षेत्र 1946  ( प्रबंध काव्य 7 सर्गो में )
    • उर्वशी 1961 ( खंडकाव्य )
    •  यशोधरा 1946
    •  परशुराम की प्रतीक्षा 1963,
    • हारे को हरिनाम 1970.
  • मैथिलीशरण गुप्त की रचनाएं –
    • रंग में भंग 1909
    •  जयद्रथ वध 1910
    •  भारत - भारती 1912
    •  किसान 1917,
    • शकुंतला 1923,
    • पंचवटी 1925,
    • झंकार 1929
    •  यशोधरा 1933
    •  द्वापर 1936,
    • सिद्धराज 1936
    •  जय भारत 1952,
    • विष्णुप्रिया 1957
    •  नहुष काव्य 1940.
  • महादेवी वर्मा की रचनाएं-
    • नीहार 1930
    •  रश्मि 1932,
    • नीरजा 1935,
    • सांध्यागीत 1936,
    • दीपशिखा 1942
    •  सप्तपर्णा 1960
    •  याम 1940
    • अग्निरेखा 1990.
  • भवानी प्रसाद मिश्र की रचनाएं-
    • गीत फरोश,
    • अनाम तुम आते हो,
    • त्रिकाल संध्या
    •  बुनी हुई रस्सी (साहित्य अकादमी)
    •  खुशबू के शिलालेख, कालजयी.

खड़ी बोली में लिखित रचना 'प्रेमसागर' के लेखक हैं

  1. लल्लूलाल 
  2. सदल मिश्र
  3. सदासुखलाल
  4. राजा लक्ष्मण सिंह

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : लल्लूलाल 

आधुनिक काल Question 8 Detailed Solution

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खड़ी बोली में लिखित रचना 'प्रेमसागर' के लेखक हैं- लल्लूलाल 

Key Pointsप्रेमसागर-

  • रचनाकार-लल्लू लाल
  • प्रकाशन वर्ष-1810ई. 
  • भाषा-खड़ी बोली 
  • विषय-
    • यह चतुर्भुज मिश्र द्वारा ब्रजभाषा अनुवाद में रचित भागवत पुराण के दशम स्कन्ध का खड़ी बोली में अनुवाद है। 

Important Pointsलल्लू लाल-

  • जन्म-1763-1825 ई.
  • अन्य रचनाएँ-
    • सिंहासन  बत्तीसी(1801 ई.)
    • बैताल पच्चीसी(1801 ई.)
    • राजनीति(1802 ई.) आदि।
  • शुक्ल के अनुसार-
    • "पर लल्लू लाल की भाषा कृष्णोपासकों व्यासों की-सी ब्रजरंजित खड़ी बोली है।"

Additional Informationसदल मिश्र-

  • जन्म-1767-1848 ई.
  • अन्य रचनाएँ-
    • रामचरित्र(1806 ई.)
    • हिंदी पर्शियन वकेबुलरी(1809 ई.) आदि।

मुंखी सदासुखलाल-

  • जन्म-1746 - 1824 ई.
  • खड़ी बोली के प्रारंभिक गद्यलेखकों में उनका ऐतिहासिक महत्व है।
  • उपनाम-नियाज 
  • रचनाएँ-
    • मुतख़बुत्तवारीख,सुखसागर आदि।  

राजा लक्ष्मण सिंह-

  • जन्म-1826-1896ई. 
  • रचनाएँ-
    • शकुंतला(1862ई.)
    • रघुवंश(1878ई.)
    • मेघदूत(1882ई.) आदि। 
  • रामचन्द्र शुक्ल-
    • "प्रकृतिविरुद्ध भाषा खटकी टो बहुत लोगों को होगी,पर असली हिन्दी का नमूना लेकर उस समय राजा लक्ष्मण सिंह ही आगे बढ़े।"

अशोक वाजपेयी का जन्म कहाँ हुआ था ?

  1. दिल्ली
  2. उत्तर प्रदेश
  3. बिहार
  4. छत्तीसगढ़

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : छत्तीसगढ़

आधुनिक काल Question 9 Detailed Solution

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अशोक वाजपेयी का जन्म छत्तीसगढ़ हुआ था 

Key Pointsअशोक वाजपेयी-

  • अशोक वाजपेयी का जन्म छत्तीसगढ़ में हुआ था।
  • उनका जन्म 16 जनवरी, 1941 को दुर्ग, छत्तीसगढ़ में हुआ था
  • यह एक भारतीय हिंदी भाषा के कवि , निबंधकार, साहित्यिक-सांस्कृतिक आलोचक हैं,
  • इसके अलावा वे एक प्रसिद्ध सांस्कृतिक और कला प्रशासक और एक पूर्व सिविल सेवक भी हैं।
  • काव्य-रचनाएँ -
    • शहर अब भी संभावना है
    • एक पतंग अनंत में
    • अगर इतने से 
    • कहीं नहीं वहीं 
    • समय के पास समय 
    • इबारत से गिरी मात्राएँ
    • दुख चिट्ठीरसा है
    • कहीं कोई दरवाज़ा 
  • आलोचना -
    • फिलहाल 
    • कुछ पूर्वग्रह 
    • समय से बाहर 
    • सीढिय़ाँ शुरू हो गई हैं 
    • कविता का गल्प
    • कवि कह गया है 
    • कविता के तीन दरवाज़े

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल परिमार्जित गद्य की प्रथम पुस्तक किसे मानते हैं ?

  1. नासिकेतोपाख्यान
  2. सुखसागर 
  3. प्रेमसागर
  4. भाषायोग वशिष्ठ

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : भाषायोग वशिष्ठ

आधुनिक काल Question 10 Detailed Solution

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आचार्य रामचन्द्र शुक्ल परिमार्जित गद्य की प्रथम पुस्तक मानते हैं - भाषायोग वशिष्ठ

  •  आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने "भाषायोग वाशिष्ठ" को परिमार्जित गद्य की प्रथम पुस्तक माना है, उन्होंने इसे खड़ी बोली गद्य का आरंभ भी माना है।

Key Pointsभाषायोग वशिष्ठ-

  • रचनाकार- रामप्रसाद 'निरंजनी'
  • समय- 1741 ई.
  • विषय-
    • इसकी भाषा पंजाबी-ब्रजभाषा मिश्रित खड़ी बोली है।
  • आचार्य शुक्ल ने 'भाषा योगवाशिष्ट को परिमार्जित गद्य की प्रथम पुस्तक और 'रामप्रसाद निरंजनी' को 'प्रथम प्रौढ़ गद्य लेखक' माना है।

Important Pointsनासिकेतोपाख्यान-

  • रचनाकार- पं० सदल मिश्र
  • समय- 1803 ई.
  • अन्य नाम- चंद्रावली
  • विषय-
    • इसकी रचना यजुर्वेद के आधार पर काठोपनिषद् में वर्णित नचिकेता की कथा को आधार बनाकर की गई है।

सुखसागर -

  • रचनाकार- मुंशी सदासुखलाल 
  • समय- 1800 ई.
  • विषय-
    •  सुखसागर सनातन मतावलम्बियों का एक विशिष्ट धार्मिक ग्रन्थ है।
    • आपने श्रीमद्भागवद् का अनुवाद 'सुखसागर' नाम से किया। 

प्रेमसागर-

  • रचनाकार- लल्लू लाल
  • समय- 1810 ई.
  • भाषा - प्रारम्भिक हिन्दी खड़ीबोली
  • विषय-
    • इस ग्रंथ में भागवत पुराण के दशम स्कंध की कथा है, जिसमें कृष्ण लीला का वर्णन है। 

Additional Informationआचार्य रामचन्द्र शुक्ल-

  • (4 अक्टूबर 1884 - 2 फरवरी 1941)
  • हिन्दी आलोचक, कहानीकार, निबन्धकार, साहित्येतिहासकार, कोशकार, अनुवादक, कथाकार और कवि थे।
  • आलोचनात्मक ग्रंथ -
    • सूर, तुलसी, जायसी पर की गई आलोचनाएँ, काव्य में रहस्यवाद,
    • काव्य में अभिव्यंजनावाद, रसमीमांसा आदि शुक्ल की आलोचनात्मक रचनाएँ हैं। 
  • निबन्धात्मक ग्रन्थ -
    • उनके निबन्ध चिंतामणि नामक ग्रंथ के दो भागों में संग्रहीत हैं। 

निम्न में से हिन्दी और उर्दू के संघर्ष में शुद्ध भारतीय संस्कारवती हिन्दी को ही हिन्दी का वास्तविक रूप किसने माना ?

  1. राजा शिवप्रसाद
  2. राजा लक्ष्मण सिंह
  3. विनोबा भावे
  4. केशवदास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : राजा लक्ष्मण सिंह

आधुनिक काल Question 11 Detailed Solution

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हिन्दी और उर्दू के संघर्ष में शुद्ध भारतीय संस्कारवती हिन्दी को ही हिन्दी का वास्तविक रूप राजा लक्ष्मण सिंह ने माना

Key Pointsराजा लक्ष्मण सिंह-

  • राजा लक्ष्मण सिंह ने 'शकुंतला नाटक' की रचना की।
  • इन्होने हिन्दी को हिन्दी संस्कृति के अनुकूल संस्कृतनिष्ठ बनाने की चेष्टा की।
  • इन्होने आगरा से प्रजा-हितैषी पत्र निकाला और कालिदास के अभिज्ञान शाकुन्तलम्, रघुवंश एवं मेघदूतम् का हिन्दी में अनुवाद किया।

Important Points राजा शिवप्रसाद 'सितारेहिन्द' 

  • राजा शिवप्रसाद 'सितारेहिन्द' (1824-1895) हिन्दी के उन्नायक एवं साहित्यकार थे।
  • शिवप्रसाद  शिक्षा-विभाग में कार्यरत थे।
  • शिवप्रसाद के प्रयत्नों से स्कूलों में हिन्दी को प्रवेश मिला।
  • उस समय हिन्दी की पाठ्यपुस्तकों का बहुत अभाव था।
  • शिवप्रसाद ने स्वयं इस दिशा में प्रयत्न किया और दूसरों से भी लिखवाया।
  • शिवप्रसाद ने 'बनारस अखबार(1845)' नामक एक हिन्दी पत्र निकाला और इसके माध्यम से हिन्दी का प्रचार-प्रसार किया।
  • यह पत्रिका साप्ताहिक थी।
  • इनकी भाषा में फारसी-अरबी के शब्दों का अधिक प्रयोग होता था।

केशवदास-

  • जन्म- 1555-1617 ई.
  • रीतिकाल की रीतिबद्ध शाखा के प्रमुख कवि है। 
  • यह निम्बार्क सम्प्रदाय में दीक्षित थे।
  • उपनाम- वेदांती मिश्र।
  • ये इंद्रजीत सिंह के दरबारी कवि थे,'कविप्रिया' ग्रन्थ की रचना इंद्रजीत सिंह की प्रेमिका गणिका प्रवीण राय को शिक्षा देने के लिए की गयी थी।
  • रचनाएँ-
    • रसिकप्रिया(1591 ई.)
    • कविप्रिया(1601 ई.)
    • रामचंद्रिका(1601 ई.)
    • रतनबावनी(1607 ई.) आदि। 
  • रामचन्द्र शुक्ल-
    • ​"केशवदास जी संस्कृत के पंडित थे अतः शास्त्रीय पद्धति से साहित्यचर्चा का प्रचार भाषा मे पूर्ण रूप से करने की इच्छा उनके लिए स्वभाविक थी।"

कवि ने बहुत दिनों के बाद किसकी मुस्कान देखी ?

  1. शिशु की 
  2. माँ की
  3. पकी सुनहली फसल की
  4. मौलसिरी के फूलों की

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : पकी सुनहली फसल की

आधुनिक काल Question 12 Detailed Solution

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सही उत्तर है - पाकी सुनहली फसल की। 
 Key Points

  • कविता की संदर्भित पंक्तियाँ:
    • बहुत दिनों के बाद 
      अबकी मैंने जी भर देखी 
      पकी-सुनहली फ़सलों की मुस्कान 
      —बहुत दिनों के बाद 

कवयित्री ने झाँसी की रानी की कहानी किससे सुनी थी ?

  1. बुंदेली हरबोलों से
  2. बुंदेली फकीरों से
  3. इतिहास से
  4. बुजुर्गों से

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : बुंदेली हरबोलों से

आधुनिक काल Question 13 Detailed Solution

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सही उत्तर है - बुंदेले हरबोलों से। 
 Key Points

  • सुभद्राकुमारी चौहान ने अपनी कविता झाँसी की रानी में निम्न पंक्ति को दोहराया है:
  • बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी। 
  • इससे स्पष्ट है कि झाँसी की रानी की कहानी हरबोलों से सुनी गयी। 

मजदूरनी कहाँ पत्थर तोड़ रही थी ?

  1. इलाहाबाद के पथ पर
  2. बनारस के पथ पर
  3. पेड़ के नीचे
  4. कवि के सामने

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : इलाहाबाद के पथ पर

आधुनिक काल Question 14 Detailed Solution

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सही उत्तर है - इलाहाबाद के पथ पर। 
 Key Pointsकविता की संदर्भित पंक्ति:-

  • वह तोड़ती पत्थर; 
  • देखा उसे मैंने इलाहाबाद के पथ पर— 
  • वह तोड़ती पत्थर। 

भारतीय सपूतों से कौन पुकारकर कहती है कि जयी बनो ?

  1. वाड़वाग्नि
  2. स्वतंत्रता
  3. भारती
  4. हिमाद्रि

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Option 2 : स्वतंत्रता

आधुनिक काल Question 15 Detailed Solution

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सही उत्तर है - स्वतंत्रता।  

Key Points

  • यह प्रश्न जयशंकर प्रसाद कि कविता "हिमाद्रि तुंग श्रृंग से" से लिया गया है। 
  • इसकी मुख्य पंक्ति है - हिमाद्रि तुंग श्रृंग से स्वतंत्रता पुकारती। 
  • यह वीर रस की कविता है। 

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