विभावना MCQ Quiz in हिन्दी - Objective Question with Answer for विभावना - मुफ्त [PDF] डाउनलोड करें

Last updated on Mar 26, 2025

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Latest विभावना MCQ Objective Questions

Top विभावना MCQ Objective Questions

विभावना Question 1:

बिन पग चलै सुनै बिन काना कर बिनु कर्म करै विधि नाना।

आनन रहित सकल रस भोगी बिन वाणी वक्ता बड योगी।।

उक्त पंक्तियों में अलंकार बताएँ?

  1. अतिश्योक्ति
  2. वीप्सा
  3. विभावना
  4. विरोधाभास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : विभावना

विभावना Question 1 Detailed Solution

सही उत्तर है - विभावना।

Key Points

  • प्रस्तुत पंक्ति ";बिनु पग चले, सुने बिनु काना" में विभावना अलंकार है l
  • क्योंकि यहाँ बिना कारण के कारण के ना होने पर भी कार्य का होना पाया जाता है l 
  • जैसे :- बिना पैर चलना बिना कान के सुनना, बिना हाथ के कार्य का होना ये सभी कारण के बिना ही हो रहे हैं। अतः यहाँ विभावना अलंकार है।

Additional Informationविभावना अलंकार-

  • बिना कारण के काम हो जाना अर्थात जहाँ किसी कार्य कारण के सम्बंध में कोई विलक्षण बात कही जाती है, तब वहाँ विभावना अलंकार होता है।

विभावना Question 2:

“बिनु पद चले, सुने बिनु काना' में कौन सा अलंकार है ?

  1. श्लेष
  2. यमक
  3. रूपक
  4. विभावना

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : विभावना

विभावना Question 2 Detailed Solution

इसका सही उत्तर 'विभावना अलंकार' है।  

Key Points

  • “बिनु पद चले, सुने बिनु काना' में 'विभावना अलंकार' होगा। 
  • जब बिना कारण के काम हो जाता है अर्थात जहाँ किसी कार्य कारण के सम्बंध में कोई विलक्षण बात कही जाती है, तब वहाँ विभावना अलंकार होता है।
  • इसमें कारण के अभाव में कार्य का होना बताया जाता है। 

अन्य विकल्प: 

  1. श्लेष - जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है लेकिन उससे अर्थ कई निकलते हैं तो वह श्लेष अलंकार कहलाता है। 
  2. यमक - जब एक शब्द प्रयोग दो बार होता है और दोनों बार उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं तब यमक अलंकार होता है।
  3. रूपक - जब गुण की अत्यंत समानता के कारण उपमेय को ही उपमान बता दिया जाए यानी उपमेय ओर उपमान में अभिन्नता दर्शायी जाए तब वह रूपक अलंकार कहलाता है।

Additional Information

  •  जैसे स्त्री की शोभा आभूषण से वैसे ही काव्य की शोभा अलंकार से होती है।

 

विभावना Question 3:

“बिन घनस्याम धाम धाम ब्रज मंडल में,

ऊधो ! नित बसति बहार बरसा की है।"

इन पंक्तियों में कौन सा अलंकार है ?

  1. श्लेष
  2. विभावना
  3. उत्प्रेक्षा
  4. असंगति
  5. उत्तर नहीं देना चाहते

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : विभावना

विभावना Question 3 Detailed Solution

"बिन घनस्याम धाम धाम ब्रज मंडल में / ऊधो! नित बसति बहार बरसा की है।" में विभावना अलंकार है।

  • उपर्युक्त पंक्ति में वर्षा कार्य के लिए बादल कारण विद्यमान होना चाहिए परन्तु यहाँ कहा गया है कि श्याम घन के न होने पर भी वर्षा की बहार रहती है।
  • अतः बिना कारण के भी कार्य सम्पन्न हो रहा है।
  • इसलिए यहाँ पर विभावना अलंकार है।
Key Points

विभावना अलंकार

  • विभावना का अर्थ होता है- बिना कारण।
  • जहाँ कारण के न होने पर भी कार्य का होना वर्णित होता है अर्थात् कारण के नहीं होने पर भी कार्य होता है , वहाँ विभावना अलंकार होता है।
  • अन्य उदाहरण-
    • "कारे घन उमड़ि अंगारे बरसत हैं।"
    • घन से अंगारे नहीं ,पानी बरसता है, जो अंगारों का विरोधी है। परन्तु यहाँ कहा गया है कि घन अंगारे बरसाते हैं। यहाँ विपरीत कारण से कार्य की उत्पत्ति हुई है।
Additional Information

श्लेष अलंकार

  • यह अलंकार शब्द, अर्थ दोनो में प्रयुक्त होता हैं।
  • श्लेष अलंकार में एक शब्द के दो अर्थ निकलते हैं।
  • जैसे-
    • 'रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून।
    • पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।।"
    • यहाँ 'पानी' का प्रयोग तीन बार किया गया है, यहाँ प्रयुक्त 'पानी' शब्द के तीन अर्थ हैं - मोती के सन्दर्भ में पानी का अर्थ 'चमक' या कान्ति, मनुष्य के सन्दर्भ में पानी का अर्थ 'प्रतिष्ठा', चूने के सन्दर्भ में पानी का अर्थ 'जल' है।

उत्प्रेक्षा अलंकार

  • जहाँ उपमेय में उपमान की संभावना हो।
  • जहां उपमेय और उपमान में समानता के कारण रूप में उपमान की संभावना की कल्पना की जाए, वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • उस काल मारे क्रोध के तन कांपने उसका लगा। मानो हवा के जोर से सोता हुआ सागर जगा।
    • सिर फट गया उसका वही मानो अरुण रंग का घड़ा।
  • पहचान- उत्प्रेक्षा अलंकार के कुछ वाचक शब्द इस प्रकार हैं - जाने, ज्यों, जनु, मनु, मानो, मनहु आदि।

असंगति अलंकार

  • 'असंगति’ का मतलब संगति का न होना होता है।
  • जहाँ कारण कहीं और कार्य कहीं और होने का वर्णन किया जाय तब वहाँ ‘असंगति’ अलंकार होता है।
  • जैसे-
    • "तुमने पैरों में लगाई मेंहदी 
    • मेरी आँखों में समाई मेंहदी।"
    • ऊपर दिए गए वाक्य में मेंहदी लगाने का काम पाँव में हुआ, किंतु उसका परिणाम आँखों में दिखाई पड़ रहा है। इसलिए यहाँ ‘असंगति’ अलंकार है।

विभावना Question 4:

निम्नलिखित में से कौन-सा विभावना अलंकार का उदाहरण है? 

  1. बिनु पद चलइ सुनइ बिनु काना 
  2. मीठी लगे अँखियान लुनाई 
  3. केसव, वाकी दसा सुनि हौ अब आग बिना अंग-अंगनि डाढी।
  4. उपर्युक्त में एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : उपर्युक्त में एक से अधिक

विभावना Question 4 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में से एक से अधिक विकल्प विभावना अलंकार का उदाहरण है। अतः सही उत्तर होगा- उपर्युक्त में एक से अधिक

  • विभावना अलंकार का उदाहरण- 'बिनु पद चलइ सुनइ बिनु काना'। और 'केसव, वाकी दसा सुनि हौ अब आग बिना अंग-अंगनि डाढी'
  • क्योंकि यहाँ पर बिना कारण के भी कार्य का होना पाया जा रहा है।

Key Pointsविरोधाभास अलंकार- जहाँ पर संयोग में विरोध दिखाया जाए अर्थात जहां विरोध न होने पर भी विरोध दिखाया जाता है, वहां पर विरोधाभास अलंकार होता है।

  • उदाहरण- 'मीठी लगे अँखियान लुनाई'।

यथासंख्य/क्रम अलंकार- जहाँ जिस क्रम में कुछ वस्तुओं का वर्णन किया, उसी क्रम में उनसे सम्बंधित विशेषताओं का वर्णन किया जाता है, यथासंख्य अलंकार कहते है।

  • उदाहरण- 'मनि मानिक मुकुता छबि जैसी'।

यमक अलंकार- जब किसी पंक्ति में एक से अधिक बार कोई शब्द आये,और उनके अर्थ भी अलग-अलग हों, तब यमक अलंकार होता है।

  • उदाहरण- 'कनक-कनक ते सौगुनी, मादकता अधिकाय'।

विभावना अलंकार- जहाँ पर बिना कारण के भी कार्य का होना पाया जाता है, वहाँ विभावना अलंकार होता है।

  • उदाहरण- 'बिनु पद चलइ सुनइ बिनु काना'।

Additional Information

अलंकार- 'काव्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्दों को अलंकार कहते है'।
अलंकार सम्प्रदाय के प्रतिष्ठापक 'भामह' को माना जाता है।

अलंकार के भेद- 3 भेद होते।

  1. शब्दालंकार- 5 भेद ( अनुप्रास, यमक, श्लेष, वीप्सा, वक्रोक्ति)
  2. अर्थालंकार- उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, अन्योक्ति, अतिश्योक्ति आदि।
  3. उभयालंकार- शब्द व अर्थ दोनों के माध्यम से चमत्कार उत्पन्न करने वाले शब्दों को उभयालंकार कहते।

विभावना Question 5:

जहाँ बिना कारण के कार्य का होना पाया जाए, वह कौन-सा अलंकार होता है?

  1. विरोधाभास अलंकार
  2. विभावना अलंकार
  3. वक्रोक्ति अलंकार 
  4. विशेषोक्ति अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : विभावना अलंकार

विभावना Question 5 Detailed Solution

जहाँ बिना कारण के कार्य का होना पाया जाए, वहाँ विभावना अलंकार होता हैै। अन्य विकल्प असंगत है।  अत:  विकल्प 2) विभावना अलंकार सही उत्तर होगा। 

Key Points

स्पष्टीकरण: 

जहाँ कारण के बिना कार्य के होने का वर्णन हो, वहाँ विभावना अलंकार होता है।

 

Additional Information

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

विरोधाभास अलंकार

विरोधाभास अलंकार के अंतर्गत एक ही वाक्य में आपस में कटाक्ष करते हुए दो या दो से अधिक भावों का प्रयोग किया जाता है।

"मोहब्बत एक मीठा ज़हर है"

वक्रोक्ति अलंकार 

जहाँ किसी उक्ति का अर्थ जान बूझकर वक्ता के अभिप्राय से अलग लिया जाता है, वहाँ वक्रोक्ति अलंकार होता है।

 कौन हो तुम? हैं घनश्याम हम। तो बरसों कित जाई।

विशेषेक्ति अलंकार

विशेषोक्ति अलंकार वह अलंकार है जिसमे प्रबल कारण होने पर भी कार्य न हो ।

 दो -दो मेघ बरसते है ,पर मैं प्यासी की प्यासी हूँ ।

विभावना Question 6:

जहाँ कारण बिना कार्य की उत्पत्ति होती हो, वहां कौन-सा अलंकार होता है?

  1. विभावना
  2. विशेषोक्ति
  3. असंगति
  4. दीपक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : विभावना

विभावना Question 6 Detailed Solution

विभावना यहाँ सही विकल्प है, क्योंकि जहाँ कारण बिना कार्य की उत्पत्ति होती हो, वहां विभावना अलंकार होता है।

अत: सही विकल्प 1)विभावना अलंकार ही होगा।  

अन्य अलंकार 

अलंकार

परिभाषा

विशेषोक्ति

जहां पर कारण के होने पर भी कार्य न हो वहाँ विशेषोक्ति अलंकार होता है।

असंगति

जहाँ कारण एक स्थान पर तथा कार्य दूसरे या अन्य स्थान पर घटित होना वर्णित होता है वहाँ असंगति अलंकार होता है।

दीपक

जहाँ पर प्रस्तुत और अप्रस्तुत का एक ही धर्म स्थापित किया जाता है वहाँ पर दीपक अलंकार होता है।

विभावना Question 7:

‘सून भीती पर चित्र, रंग नहिं तनु बिनु लिखा चितेरे।’ उक्त काव्य-पंक्ति में इनमें से कौन सा अलंकार है?

  1. असंगति
  2. विभावना
  3. विरोधाभास
  4. मानवीकरण

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : विभावना

विभावना Question 7 Detailed Solution

विभावना अलंकार यहाँ उचित विकल्प है। अन्य विकल्प असंगत है।

विभावना अलंकार मे कार्य की आशा न होने पर भी कार्य के होने की स्थिति होती है। जैसे - बिनु पग चले, सुने बिन काना पँक्ति, इसी प्रकार उक्त पंक्ति में भी प्रश्नानुसार सही विकल्प 2 'विभावना अलंकार' है।

अन्य महत्वपूर्ण अलंकार

  • असंगत अलंकार - इसमें कारण और इसका अर्थ भिन्न भिन्न होता है। जैसे- ह्रदय घाव मेरे, पीरे रघुवीरे ( घाव लक्ष्मण को हुआ है पीर रघुवर जी को )
  • विरोधाभास - नकरात्मक या विपरीत बात का संयोग हो। जैसे - प्रेम एक मीठा जहर है।
  • मानवीकरण - अजीव या जड़ प्रतीकों के माध्यम से बात करना। जैसे - पर्वत बोले पत्थर बोले, बोले कण कण राम।

विभावना Question 8:

जहाँ कारण के अभाव में कार्य की उत्पत्ति का वर्णन होता है, वहाँ कौन-सा अलंकार होता है?  

  1. व्यतिरेक
  2. विभावना
  3. उत्प्रेक्षा
  4. उपमा
  5. उत्तर नहीं देना चाहते

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : विभावना

विभावना Question 8 Detailed Solution

जहाँ बिना कारण के ही कार्य की संभावना व्यक्त की गई हो,वहाँ अलंकार होता है-विभावना|

Key Points विभावना अलंकार-

  • ​परिभाषा-जहाँ पर कारण के न होते हुए भी कार्य का होना पाया जाए।
  • उदाहरण-बिनु पग चलै सुनें बिनु काना।
                  कर बिनु करम करै विधि नाना।।
  • उदाहरण अर्थ-बिना पैर चलना,बिना कान के सुनना,बीमा हाथ के कार्य का होना-ये सभी कारण के बिना हो रहे हैं।इसलिए विभावना अलंकार है।

Key Pointsअन्य विकल्प 

अलंकार

परिभाषा

व्यतिरेक

जब छोटे को बड़े से श्रेष्ठ बताया जाता है और उसका कारण भी दिया जाता है अर्थात जब उपमेय को उपमान की अपेक्षा बढ़कर बताया जाता है, तब वहाँ व्यतिरेक अलंकार होता है। उदाहरण – साधु ऊँचे शैल सम, प्रकृति सुकुमार।

उत्प्रेक्षा

जब उपमेय में गुण-धर्म की समानता के कारण उपमान की संभावना कर ली जाए।

उदाहरण -
"कहती हुई यूँ उत्तरा के नेत्र जल से भर गए।
हिम कणों से पूर्ण मानों हो गए पंकज नए।।"

उपमा

जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूसरी वस्तु या प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है।

उदाहरण -
पीपर पात सरिस मन डोला।

विभावना Question 9:

"बिनु पद चलइ सुनइ बिनु काना।

कर बिनु करम करइ बिधि नाना॥"

उपर्युक्त में कौन-सा अलंकार है?

  1. ​तद्गुण
  2. विभावना
  3. यमक
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : विभावना

विभावना Question 9 Detailed Solution

सही उत्तर विभावना है।
Key Points"बिनु पग चलै सुनें बिनु काना।कर बिनु करम करै विधि नाना।।"-

भावार्थ-
​यहां पर बिना पैर चलना बिना कान के सुनना, बिना हाथ के कार्य का होना ये सभी कारण के बिना ही हो रहे हैं। अतः  यहाँ विभावना अलंकार है।
Additional Information
अन्य विकल्पों का विश्लेषण:

  • जहां एक शब्द एक से अधिक बार आए और उसका अर्थ भिन्न हो, वहाँ यमक अलंकार होता है। 
  • "तेरी बरछी ने बर छीने हैं खलन के" में यमक अलंकार है।
  • यहाँ पर एक से अधिक बार आए शब्दों के अर्थ- बरछी ने= बरछी नामक हथियार ने, बर छीने= श्रेष्ठ योद्धा छीन लिए हैं।
  • "रति-रति शोभा सब रति के सरीर की" में यमक अलंकार है।
  • यहाँ पर एक से अधिक बार आए शब्दों के अर्थ है - रति-रति = जरा सी , रति= कामदेव कि पत्नी
  • तद्गुण अलंकार - जब कोई वस्तु अपना गुण त्यागकर पास की किसी वस्तु का गुण धारण करती है तो वहां तद्गुण अलंकार होता है।

विभावना Question 10:

जहा बिना कारण के काय हान की कल्पना की जाए, वह कौन सा अलंकार है ?

  1. अतिश्योि
  2. विरोधाभास
  3. विभावना 
  4. वीप्सा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : विभावना 

विभावना Question 10 Detailed Solution

जहा बिना कारण के काय हान की कल्पना की जाए, वह विभावना अलंकार है

Key Points

  • जहाँ कारण के न होते हुए भी कार्य का होना पाया जाय, वहां विभावना अलंकार होता है।

उदाहरण-

  • राजभवन को छोड़ कृष्ण थे चले गये।
  • तेज चमकता था उनका फिर भी भास्वर ।।
  • (स्पष्टीकरण – यहाँ पर श्री कृष्ण (कारण रूप) के राजभवन को छोड़कर चले जाने पर भी उनके भास्वर तेज के चमकते रहने का वर्णन किया गया है।)
Additional Information

अतिशयोक्ति:-

  • जब किसी वस्तु, व्यक्ति आदि का वर्णन बहुत बाधा चढ़ा कर किया जाए तब वहां अतिशयोक्ति अलंकार होता है।
  • इस अलंकार में नामुमकिन तथ्य बोले जाते हैं।

उदाहरण-

  • ​पानी परात को छुयो नहीं , नैनन के जल सों पग धोए।
  • (यहाँ पानी के बिनाआंसुओ से पैरो को धोने की बात पर जोर दिया गया है। जो असमान्य बात है।)

विरोधाभास-

  • जब किसी वस्तु का वर्णन करने पर विरोध नहीं होने पर भी विरोध का आभास होता है उसे ही विरोधाभास अलंकार कहते है 
  • अर्थात जहाँ विरोध न होते हुए भी विरोध का आभास प्रतीत होता हो, वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है।

उदाहरण- 

  • भर लाऊँ सीपी में सागर
  • प्रिय ! मेरी अब हार विजय क्या ?
  • (इस उदाहरण सीपी में भला सागर कैसे भरा जा सकता है इसिलए यंहा पर विरोध का आभास हो रहा है ? अतः यहाँ विरोधाभास अलंकार है।)

वीप्सा-

  • आदर, घृणा, हर्ष, शोक विस्मयादिबोधक भावों को प्रभावशाली रूप से व्यक्त करने के लिए शब्दों की पुनरावृत्ति को वीप्सा अलंकार कहते हैं।

उदाहरण- 

  • मोहि-मोहि मोहन को मन भयो राधामय।
  • राधा मन मोहि-मोहि मोहन मयी-मयी।।
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