Cr.P.C. की धारा 437 के प्रावधानों के अनुसार जमानत रद्द करने का अधिकार क्षेत्र यहीं निहित है?

  1. मजिस्ट्रेट अपराध का विचारण करने और उस पर विचार करने के लिए सक्षम है।
  2. जहां मजिस्ट्रेट ने जमानत पर रिहा करने का आदेश नहीं दिया है।
  3. केवल मजिस्ट्रेट है जहां मजिस्ट्रेट ने जमानत पर रिहाई का आदेश दिया है।
  4. उपरोक्त मे से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : केवल मजिस्ट्रेट है जहां मजिस्ट्रेट ने जमानत पर रिहाई का आदेश दिया है।

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सही उत्तर केवल मजिस्ट्रेट है जहां मजिस्ट्रेट ने जमानत पर रिहाई का आदेश दिया है।

Key Points

  • CrPC की धारा 437 में प्रावधान है कि गैर-जमानती अपराध के मामले में कब जमानत ली जा सकती है।
  • धारा 437(5) में कहा गया है कि:- कोई भी न्यायालय जिसने उप-धारा (1) या उप-धारा (2) के तहत किसी व्यक्ति को जमानत पर रिहा कर दिया है, यदि वह ऐसा करना आवश्यक समझती है, तो ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार करने का निर्देश दे सकती है। और उसे हिरासत में सौंप दो।

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